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सिमी से भी खतरा, अलर्ट रहे पुलिस
सिमी से भी खतरा, अलर्ट रहे पुलिस
Updated Mon, 10 Oct 2016 01:08 AM IST
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पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद केंद्र सरकार का गृह मंत्रालय हर संभावित खतरे पर एहतियाती कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में पुलिस को ताजा निर्देश मिला है सिमी के सदस्यों पर पैनी नजर रखने का। खास तौर से आगरा जोन में। क्योंकि इस संगठन की स्थापना अलीगढ़ में हुई थी। खुफिया एजेंसियां कई बार रिपोर्ट दे चुकी हैं कि सिमी के सदस्य इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के लिए स्लीपिंग मॉड्यूल्स तैयार करते हैं। पश्चिमी यूपी में कई मॉड्यूल्स हैं। सिमी सदस्यों की मौजूदा गतिविधियां मालूम करने को कहा गया है।
दरअसल, 6 फरवरी 2008 को बैन लगने के बाद स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) के सदस्यों के काम करने का तरीका बदल गया है। पहले ये लोग युवाओं को अपने अभियान के तहत भड़काते थे। लेकिन बैन के बाद चोरी छिपे काम करने लगे। कई सदस्य आईएम में भर्ती हो गए। कई ने स्लीपिंग मॉड्यूल्स तैयार करने का काम किया।
स्लीपिंग मॉड्यूल्स शांत पड़े रहते हैं, लेकिन आतंकी संगठन के निर्देश मिलते ही एक्टिव होकर टेरर मॉड्यूल्स बन जाते हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय के अलर्ट में सिमी के उन तमाम सदस्यों का पता लगाने के लिए कहा गया है जो 2008 तक एक्टिव रहे। इनकी सूची तैयार कर इनकी मौजूदा गतिविधियां मालूम करनी होंगी।
वेस्ट यूपी में सिमी का बड़ा नेटवर्क रहा है। आगरा, अलीगढ़, मुरादाबाद, सहारनपुर और मेरठ मंडल में कई सदस्य हैं। इनमें मुरादाबाद मंडल को काफी संवेदनशील बताया गया है।
यहां के रामपुर और बिजनौर में पिछले सालों में आतंकी संगठनों की कई गतिविधियां सामने आई हैं। सिमी के लिए आगरा जोन की पुलिस को इसलिए चेताया गया है क्योंकि इस संगठन की स्थापना इसी जोन के अलीगढ़ में 25 अप्रैल 1977 को हुई थी। मथुरा में भी इसके सदस्य बताए जाते हैं।
दरअसल, 6 फरवरी 2008 को बैन लगने के बाद स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) के सदस्यों के काम करने का तरीका बदल गया है। पहले ये लोग युवाओं को अपने अभियान के तहत भड़काते थे। लेकिन बैन के बाद चोरी छिपे काम करने लगे। कई सदस्य आईएम में भर्ती हो गए। कई ने स्लीपिंग मॉड्यूल्स तैयार करने का काम किया।
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स्लीपिंग मॉड्यूल्स शांत पड़े रहते हैं, लेकिन आतंकी संगठन के निर्देश मिलते ही एक्टिव होकर टेरर मॉड्यूल्स बन जाते हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय के अलर्ट में सिमी के उन तमाम सदस्यों का पता लगाने के लिए कहा गया है जो 2008 तक एक्टिव रहे। इनकी सूची तैयार कर इनकी मौजूदा गतिविधियां मालूम करनी होंगी।
वेस्ट यूपी में सिमी का बड़ा नेटवर्क रहा है। आगरा, अलीगढ़, मुरादाबाद, सहारनपुर और मेरठ मंडल में कई सदस्य हैं। इनमें मुरादाबाद मंडल को काफी संवेदनशील बताया गया है।
यहां के रामपुर और बिजनौर में पिछले सालों में आतंकी संगठनों की कई गतिविधियां सामने आई हैं। सिमी के लिए आगरा जोन की पुलिस को इसलिए चेताया गया है क्योंकि इस संगठन की स्थापना इसी जोन के अलीगढ़ में 25 अप्रैल 1977 को हुई थी। मथुरा में भी इसके सदस्य बताए जाते हैं।