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UP: ग्रेजुएशन के बाद दुबई से ली स्पेशल ट्रेंनिग, बैठ-बिठाए कमाता था करोड़ों, हकीकत जानकर ठनक जाएगा माथा

अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा Published by: धीरेन्द्र सिंह Updated Wed, 26 Nov 2025 01:07 PM IST
सार

स्नातक पास करने के बाद करोड़ों रुपये के लालच में वो अंधा हो गया। दुबई में नौकरी करने के लिए गया था, लेकिन वहां से ठगी की ट्रेनिंग लेने के बाद वापस आ गया। यहां उसने ठगी का धंधा शुरू कर दिया। 

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Dubai-Trained Fraudster Held: Expert in Opening High-Limit Mule Accounts
आरोपी देवेन्द्र प्रताप - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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दिल्ली निवासी आरोपी देवेंद्र प्रताप मूलरूप से प्रयागराज का रहने वाला है। वर्तमान में दिल्ली में रह रहा है। वह स्नातक पास है। वर्ष 2008 में दुबई गया था। मजदूरी करता था। इसी बीच साइबर ठगों के संपर्क में आ गया। वर्ष 2016 में वापस आया। 3 साल रहने के बाद 2019 में फिर से दुबई चला गया। वर्ष 2021 में वापस आ गया। वह लोगों के खाते खुलवाता था।
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अपर पुलिस उपायुक्त आदित्य सिंह ने बताया कि दो तरह से साइबर ठगी की रकम खातों में आती थी। एक तो लोगों को डिजिटल अरेस्ट और निवेश के नाम पर ठगा जाता था। दूसरा गेमिंग एप से आने वाली रकम भी खातों में ली जाती थी। वहीं आरोपी ध्रुव नाथ स्नातक पास है। वह ऑन डिमांड लोगों के दस्तावेज गिरोह को उपलब्ध कराता था।


 
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फर्म में घाटा हुआ तो गिरोह के लिए करना लगा काम
एडीसीपी के अनुसार कमला नगर का चिरंजीवी भी स्नातक पास है। उसका काम भी गिराेह की मदद करना रहता था। कावेरी कुंज, कमला नगर का राहुल कुमार एक फर्म चलाता है। उसने पुलिस को बताया कि फर्म में घाटा हो गया था। इस कारण वह साइबर ठगों के लिए काम करने लगा। वह गिरोह को एटीएम और चेक बुक पहुंचाने का काम करता था।

 

34 लाख की धोखाधड़ी में रनवीर गया था जेल
एडीसीपी के अनुसार आरोपी रनवीर भार्गव हैदराबाद में रहता था। वह विदेशी ठगों के सीधे संपर्क में है। जींद, हरियाणा से जेल गया था। उसने एक अधिवक्ता से 34 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी। वह म्यूल सिम भी लेता है। अलीगढ़ का साैरभ चाैधरी भी जेल जा चुका है। आरोपी साैरभ के खिलाफ चार मुकदमे दर्ज हैं। इनमें दो बुलंदशहर में चोरी, एक-एक अलीगढ़ और थाना ताजगंज में दर्ज है। वह रनवीर की मदद से साइबर ठगों के संपर्क में आया था। सभी आरोपी एक दूसरे से टेलीग्राम के माध्यम से जुड़े रहते थे। जब कभी रकम एक-दूसरे के खातों में ट्रांसफर करनी होती है तो एक जगह पर इकट्ठा हो जाते हैं। इसके बाद रकम निकालते हैं। अपना कमीशन भी प्राप्त करते हैं। अपने मोबाइल एप भी रखते हैं, जिनकी मदद से खातों में रकम ट्रांसफर की जाती है।
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