करवा चौथ 2021: रोहिणी नक्षत्र में होंगे चांद के दीदार, ये रहेगा पूजन का समय
आगरा में करवा चौथ के पर्व को लेकर महिलाओं में खास उत्साह है। करवा चौथ की तैयारी के लिए बाजार शनिवार को रात 11 बजे के बाद तक गुलजार रहे। सुहागिनों की भीड़ रही। सोलह शृंगार का सामान खरीदा गया
विस्तार
करवाचौथ आज मनाया जाएगा। रविवार को रोहिणी नक्षत्र और शंख योग बन रहे हैं। चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेगा। ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय ने बताया कि रविवार को सूर्य का प्रभाव विशेष होता है। सूर्य आरोग्यता और दीर्घायु के प्रतीक हैं।
इस साल करवा चौथ ग्रहों की दृष्टि से भी कुछ खास है। इस दिन न केवल रोहिणी नक्षत्र रहेगा बल्कि सूर्य देव की कृपा भी बरसेगी। सर्वार्थ सिद्धि और धाता योग भी बन रहा है। करीब 14 साल बाद ऐसा हो रहा है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. सोनू मल्होत्रा ने बताया कि रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित रहता है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 24 अक्तूबर रविवार सुबह 3:01 बजे से शुरू होगी जो 25 अक्तूबर को सुबह 5:43 बजे तक रहेगी।
चंद्रोदय- रात 8:30 बजे होगा
पूजा व कथा सुनने का मुहूर्त: शाम 5:35 से 7:14 बजे तक
पूजा विधान
कच्ची पीली मिट्टी से भगवान शिव-पार्वती एवं श्री गणेश की मूर्तियां तैयार करके एक पटरी पर लाल वस्त्र बिछाकर स्थापित करें। मां गौरी को नई चुनरी वस्त्र, पुष्पमाला, सुहाग का सामान आदि से सजाएं। भगवान शिव को पीले चंदन, श्री गणेश को चंदन वस्त्र आदि से सुशोभित करें। हाथ में चावल और पुष्प लेकर कथा सुनें। भगवान को पूड़ी, पुआ, हलवा, लड्डू अन्य नैवेद्य का भोग अर्पित करें।
पूजन सामग्री
करवा चौथ की पूजन सामग्री में पीतल या मिट्टी का करवा, दीपक, रुई की बाती, कपूर, हल्दी, पानी का लौटा और गेहूं रहता है। लकड़ी का आसन, चलनी, कांस की 9 या 11 तीलियां, कच्चा दूध, अगरबत्ती, फूल, चंदन, शहद, शक्कर, फल, मिठाई, दही, गंगाजल, चावल, सिंदूर, महावर, मेहंदी, चूड़ी, कंघी, बिंदी, चुनरी, प्रसाद के हलुआ पूड़ी व मिठाई और दक्षिणा के लिए रुपये थाल में रखे जाते हैं। लोग अपनी मान्यताओं के तहत भी सामग्री में बदलाव करते हैं।