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UP: डाॅक्टर बनने के लिए फर्जीवाड़ा...दादी के नाम से बनवाया प्रमाण-पत्र, अब पुलिस का कसेगा शिकंजा

संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा Published by: अरुन पाराशर Updated Thu, 21 Aug 2025 09:45 PM IST
सार

डाॅक्टर बनने के लिए छात्रा ने फर्जीवाड़े का सहारा लिया। एमबीबीएस में सीट भी हासिल कर ली। बाद में जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सीट निरस्त करने की संस्तुति की गई है। साथ ही पुलिस में भी शिकायत की गई है।

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MBBS seat obtained in NEET UG counseling with fake documents
Fake certificate - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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फिरोजाबाद में नीट यूजी 2025 की काउंसलिंग के दौरान एक फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। जिसमें आगरा की एक छात्रा ने स्वतंत्रता सेनानी फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर मेडिकल कॉलेज में सीट प्राप्त करने की कोशिश की। जांच में मामला संदिग्ध मिला। कॉलेज प्रशासन ने जिला प्रशासन और पुलिस को कार्रवाई के लिए पत्र भेजा है।
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छात्रा साखी विश्वास पुत्री सागर विश्वास निवासी आजाद नगर, जगदीशपुरा आगरा ने नीट यूजी 2025 परीक्षा में 758778 रैंक प्राप्त की थी। उसने प्रथम चरण की काउंसलिंग में स्वतंत्रता सेनानी कोटे के अंतर्गत मेडिकल कॉलेज में सीट आवंटित करवाई थी। दाखिला प्रक्रिया के दौरान छात्रा ने अपनी दादी रानी सरोज को स्वतंत्रता सेनानी बताया और उनके नाम पर जारी प्रमाणपत्र भी पत्रावली में संलग्न किया।
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हालांकि, दस्तावेज की सत्यापन प्रक्रिया के दौरान मेडिकल कॉलेज की समिति को संदेह हुआ। समिति ने कॉलेज प्राचार्य डॉ. योगेश गोयल को जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने जिलाधिकारी आगरा अरविंद मल्लपा बंगारी को पत्र लिखकर प्रमाण पत्र की वैधता की पुष्टि करवाई। जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, क्रमांक 395 के तहत रानी सरोज नामक किसी भी व्यक्ति को स्वतंत्रता सेनानी का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है। 

 

प्रमाण पत्र पूरी तरह से फर्जी पाया गया। प्राचार्य डॉ. योगेश गोयल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को पत्र लिखकर छात्रा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, उन्होंने महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण को भी पत्र भेजकर सीट निरस्त करने की संस्तुति की है।

छात्रा पत्रावलियां लेने आई वापस
जब छात्रा को सत्यापन रिपोर्ट और जांच की भनक लगी, तो वह कॉलेज पहुंचकर अपनी पत्रावली वापस लेने की कोशिश करने लगी। हालांकि, तब तक मामला प्रशासनिक स्तर तक पहुंच चुका था।

 
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