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Health: बदलता मौसम और बढ़ते प्रदूषण में रहें सावधान ...अस्थमा रोगियों की उखड़ रही सांस, बच्चे भी हो रहे बीमार
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Thu, 20 Nov 2025 09:28 AM IST
सार
आगरा में बढ़ते प्रदूषण और बदले मौसम के कारण अस्थमा- सांस रोगियों की सांस उखड़ रही है। ठंड लगने बच्चों को निमोनिया हो रहा है। हालत बिगड़ने पर मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में 30 फीसदी मरीज बढ़ गए हैं।
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एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में जांच कराने के लिए लगी भीड़।
- फोटो : संवाद
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विस्तार
वक्ष एवं क्षय रोग विभाग के डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि कचरा जलाने और वाहनों के धुएं से हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइक्साइड समेत अन्य तत्वों की मात्रा बढ़ गई है। इससे सांस नलिकाओं में संक्रमण हो रहा है। इसके चलते सांस नली में सूजन आने से ऑक्सीजन की मात्रा प्रभावित हो रही है। इससे अस्थमा और सांस रोगियों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। सांस भी उखड़ रही है।
रोजाना 5-8 मरीज भर्ती कर ऑक्सीजन देनी पड़ रही है। ओपीडी में रोजाना 300 से अधिक मरीज आ रहे हैं। इनमें बुखार, सीने में जकड़न, भारीपन, सिर में दर्द समेत अन्य परेशानी मिल रही है। इनको दवाओं की डोज बढ़ा कर देनी पड़ रही है। बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज कुमार ने बताया कि पिछले 10-15 दिनों में पारा कम होने से निमोनिया के 30 फ़ीसदी मरीज बढ़ गए हैं।
सबसे ज्यादा दिक्कत 5 साल तक के बच्चों को हो रही है। इनकी पसलियां चल रही हैं। 10-12 बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है। अन्य बच्चों को तेज बुखार, जुकाम, खांसी, उल्टी होना और सांस लेने में भी दिक्कत आ रहीं हैं। दवा देने के साथ परिजनों को बचाव के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है।
इन बातों का रखें ख्याल
- बच्चों को शादी समारोह में आइसक्रीम, कोल्डड्रिंक से बचाएं
- धूल धुंआ वाले क्षेत्र में जाने से बचें, जरूरी हो तो मास्क लगाएं
- बच्चों को वायरल बुखार होने पर स्कूल भेजने से बचें
- सुबह-शाम भाप लें, गुनगुना पानी पीयें
- डॉक्टर के परामर्श से दवाओं की डोज बढ़वाएं
- कचरा ना जलाएं, सुबह- शाम खिड़की-दरवाजे बंद रखें
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रोजाना 5-8 मरीज भर्ती कर ऑक्सीजन देनी पड़ रही है। ओपीडी में रोजाना 300 से अधिक मरीज आ रहे हैं। इनमें बुखार, सीने में जकड़न, भारीपन, सिर में दर्द समेत अन्य परेशानी मिल रही है। इनको दवाओं की डोज बढ़ा कर देनी पड़ रही है। बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज कुमार ने बताया कि पिछले 10-15 दिनों में पारा कम होने से निमोनिया के 30 फ़ीसदी मरीज बढ़ गए हैं।
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सबसे ज्यादा दिक्कत 5 साल तक के बच्चों को हो रही है। इनकी पसलियां चल रही हैं। 10-12 बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है। अन्य बच्चों को तेज बुखार, जुकाम, खांसी, उल्टी होना और सांस लेने में भी दिक्कत आ रहीं हैं। दवा देने के साथ परिजनों को बचाव के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है।
इन बातों का रखें ख्याल
- बच्चों को शादी समारोह में आइसक्रीम, कोल्डड्रिंक से बचाएं
- धूल धुंआ वाले क्षेत्र में जाने से बचें, जरूरी हो तो मास्क लगाएं
- बच्चों को वायरल बुखार होने पर स्कूल भेजने से बचें
- सुबह-शाम भाप लें, गुनगुना पानी पीयें
- डॉक्टर के परामर्श से दवाओं की डोज बढ़वाएं
- कचरा ना जलाएं, सुबह- शाम खिड़की-दरवाजे बंद रखें