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Agra: केंद्रीय कारागार के आवासीय परिसर में दो वाहनों में लगाई आग, मची अफरा तफरी...बाल-बाल बचे परिवार

अमर उजाला नेटवर्क, आगरा Published by: धीरेन्द्र सिंह Updated Mon, 30 Dec 2024 10:46 AM IST
सार

 केंद्रीय कारागार के आवासीय परिसर में दो वाहनों में आग लग गई। आग की लपटों में कई परिवार घिर गए। जिसके बाद कुछ लोगों ने साहस दिखाते हुए आग पर काबू पा लिया। 
 

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Two vehicles were set on fire in residential complex of Central Jail family narrowly escaped
वाहनों में लगी आग - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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आगरा के केंद्रीय कारागार के आवासीय परिसर में शनिवार रात हेड जेल वार्डर और बंदीरक्षकों के सरकारी आवासों के बाहर खड़े दो स्कूटरों में आग लगा दी गई। धमाको की आवाज से दहशत फैल गई। कई परिवार लपटों में घिर गए। हालांकि आधे घंटे में आग पर काबू पा लिया। कर्मचारियों ने साजिश के तहत पेट्रोल डालकर आग लगाने का आरोप लगाया है। जगदीशपुरा पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है।
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मूलरूप से देवरिया निवासी हरे राम मिश्रा केंद्रीय कारागार में हेड जेल वार्डर हैं। वह परिसर में ही सेक्टर 12 के पास स्थित दो मंजिल क्वार्टर के प्रथम तल पर रहते हैं। बराबर वाले ब्लाॅक में हेड जेल वार्डर मनोज कुमार परिवार सहित भूतल पर रहते हैं। दोनों कारागार के कार्यालय में तैनात हैं। वह बंदी रक्षकों की ड्यूटी लगाने व उनके अवकाश से संबंधित कार्य देखते हैं।
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मनोज कुमार ने बताया कि घर के बाहर प्रथम तल पर रहने वाले बंदीरक्षक दिल्ली निवासी अमित कुमार का स्कूटर रखा था। रात करीब 1 बजे तेज धमाके की आवाज आई। वो जाग गए। बाहर आकर देखा तो स्कूटर से लपटें निकल रही थी। पूरे ब्लाॅक में धुआं भर गया। लपटों के कारण उनका परिवार बाहर भी नहीं निकल पा रहा था। आवास परिसर में रहने वाले 4 और परिवार फंस गए।

 

बाद में वह घर के अंदर से बाल्टी में पानी लेकर आए। पानी स्कूटर पर डाला। आसपास के अन्य ब्लाॅक में रहने वाले बंदीरक्षक भी निकल आए। उन्होंने हरेराम मिश्रा के स्कूटर में भी आग लगी देखी। हरे राम मिश्रा के ब्लाॅक में भी धुआं भर गया था। उनका परिवार भी प्रथम तल पर फंस गया। आधा घंटे के प्रयास के बाद आग पर काबू पाया जा सका।हरेराम मिश्रा ने कहा कि दोनों वाहनों में आग लगाने के पीछे किसी की साजिश है। दोनों हेड वार्डर बंदीरक्षकों की ड्यूटी लगाते हैं। शनिवार रात को जिस जगह मनोज की गाड़ी खड़ी थी, वहीं बंदीरक्षक अमित का स्कूटर खड़ा था। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि केस दर्ज किया है। जांच की जा रही है।

 

पीएसी का कैंप, नहीं चला पता
केंद्रीय कारागार में काफी समय से पाकिस्तानी और कश्मीरी आतंकी भी बंद हैं। इस कारण जेल के आसपास सख्त पहरा रहता है। सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाती है। पीएसी का जेल की तरफ आने वाले रास्तों पर कैंप लगा हुआ है। इसके बावजूद दो वाहनों में आग लगाने की घटना से सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। घटनास्थल से 100 मीटर की दूरी पर ही कैंप है। वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार का आवास भी है। परिसर में रहने वाले परिवारों ने पीएसी की सक्रियता पर सवाल उठाया।

 

रात 12:30 से 1 बजे के बीच की घटना
आगजनी की घटना रात 12:30 से 1 बजे के बीच हुई। केंद्रीय कारागार में बंदीरक्षकों की रात 8 से 12 बजे तक की ड्यूटी थी। मनोज कुमार के ब्लाॅक में रहने वाले धर्मेंद्र और सामने वाले ब्लाॅक के राकेश कुमार रात 12 बजे ड्यूटी समाप्त कर 12:20 बजे घर लौटे थे। उस समय सब ठीक था। रात 1 बजे धमाका होने पर मनोज कुमार का परिवार जागा।
 
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