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Aligarh News: कुत्ते के काटने से युवक की 18 घंटे में ही हालत बिगड़ी
संवाद न्यूज एजेंसी, अलीगढ़
Updated Mon, 22 Dec 2025 02:07 AM IST
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क्षेत्र के गांव उटबारा में युवक को आवारा कुत्ते के काटने के 18 घंटे के बाद ही उसकी हालत बिगड़ गई, वह चीखने चिल्लाने लगा। परिजन उसे गंभीर हालत में चारपाई पर बांधकर सीएचसी लाए, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे दिल्ली स्थित महर्षि वाल्मीकि संक्रामक रोग अस्पताल रेफर कर दिया।
गांव उटबारा के रामकुमार उर्फ रामू (23) के परिजनों ने बताया कि रामू को 20 दिसंबर (शनिवार) शाम करीब 6:00 बजे गली में आवारा कुत्ते ने काट लिया, रामू ने घाव को धोकर घर पर ही प्राथमिक उपचार कर लिया और सुबह एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवा लेने की बात कही। परिजनों के मुताबिक रामकुमार उर्फ रामू रविवार दोपहर करीब 12:00 बजे खाना खाकर सीएचसी जाने की तैयारी कर रहा था, तभी अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई।
वह अजीबोगरीब हरकतें करने लगा, कुत्ते जैसी जीभ बाहर निकालना, खुद को काटने और परिजनों की ओर दौड़ना शामिल था। परिजनों ने उसे काबू में कर चारपाई से बांध दिया और गंभीर हालत में सीएचसी लेकर पहुंचे।
खाना खाने के बाद युवक की हालत बिगड़ी
रामकुमार के पिता ऋषिपाल ने बताया कि खाना खाने तक वह बिल्कुल सामान्य था, लेकिन उसके बाद अचानक हालत खराब हो गई। सीएचसी में तैनात चिकित्सा अधिकारी डॉ. रोहित भाटी ने स्थिति को गंभीर देखते हुए उसे दिल्ली रेफर कर दिया। बताया गया है कि परिजन युवक को खुर्जा ले गए, जहां उपचार के बाद उसकी हालत में सुधार आने पर देर रात परिजन उसे घर ले आए हैं। पीड़ित के चचेरे भाई राजकुमार ने बताया कि रामू को काटने वाला कुत्ता जिंदा है। वहीं घटना से गांव के लोगों में डर व्याप्त है, उन्होंने गांव के कुत्तों को पकड़वाने की मांग की है।
कुत्ता-बंदर काटे तो इलाज में देरी नहीं करें: डॉ. भाटी
इस मामले को लेकर डॉ. रोहित भाटी ने आमजन से अपील की कि यदि किसी को भी कुत्ता, बिल्ली या बंदर काट ले, तो उपचार में बिल्कुल भी देरी न करें। खैर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एंटी रेबीज इंजेक्शन 24 घंटे उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि सामान्य परिस्थितियों में इतनी जल्दी रेबीज के लक्षण नहीं दिखते, लेकिन यदि काटने वाला कुत्ता पहले से ही रेबीज संक्रमित या पागल अवस्था में हो, तो बीमारी का प्रभाव जल्दी दिखाई दे सकता है। इसलिए पशु के काटने के तुरंत बाद एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाना बेहद आवश्यक है। उन्होंने बताया कि सीएचसी में कुत्ते काटे के रोजाना 30-40 मरीज आते हैं, जिनका उपचार करने के साथ रेबीज का इंजेक्शन लगाया जाता है।
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गांव उटबारा के रामकुमार उर्फ रामू (23) के परिजनों ने बताया कि रामू को 20 दिसंबर (शनिवार) शाम करीब 6:00 बजे गली में आवारा कुत्ते ने काट लिया, रामू ने घाव को धोकर घर पर ही प्राथमिक उपचार कर लिया और सुबह एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवा लेने की बात कही। परिजनों के मुताबिक रामकुमार उर्फ रामू रविवार दोपहर करीब 12:00 बजे खाना खाकर सीएचसी जाने की तैयारी कर रहा था, तभी अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई।
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वह अजीबोगरीब हरकतें करने लगा, कुत्ते जैसी जीभ बाहर निकालना, खुद को काटने और परिजनों की ओर दौड़ना शामिल था। परिजनों ने उसे काबू में कर चारपाई से बांध दिया और गंभीर हालत में सीएचसी लेकर पहुंचे।
खाना खाने के बाद युवक की हालत बिगड़ी
रामकुमार के पिता ऋषिपाल ने बताया कि खाना खाने तक वह बिल्कुल सामान्य था, लेकिन उसके बाद अचानक हालत खराब हो गई। सीएचसी में तैनात चिकित्सा अधिकारी डॉ. रोहित भाटी ने स्थिति को गंभीर देखते हुए उसे दिल्ली रेफर कर दिया। बताया गया है कि परिजन युवक को खुर्जा ले गए, जहां उपचार के बाद उसकी हालत में सुधार आने पर देर रात परिजन उसे घर ले आए हैं। पीड़ित के चचेरे भाई राजकुमार ने बताया कि रामू को काटने वाला कुत्ता जिंदा है। वहीं घटना से गांव के लोगों में डर व्याप्त है, उन्होंने गांव के कुत्तों को पकड़वाने की मांग की है।
कुत्ता-बंदर काटे तो इलाज में देरी नहीं करें: डॉ. भाटी
इस मामले को लेकर डॉ. रोहित भाटी ने आमजन से अपील की कि यदि किसी को भी कुत्ता, बिल्ली या बंदर काट ले, तो उपचार में बिल्कुल भी देरी न करें। खैर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एंटी रेबीज इंजेक्शन 24 घंटे उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि सामान्य परिस्थितियों में इतनी जल्दी रेबीज के लक्षण नहीं दिखते, लेकिन यदि काटने वाला कुत्ता पहले से ही रेबीज संक्रमित या पागल अवस्था में हो, तो बीमारी का प्रभाव जल्दी दिखाई दे सकता है। इसलिए पशु के काटने के तुरंत बाद एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाना बेहद आवश्यक है। उन्होंने बताया कि सीएचसी में कुत्ते काटे के रोजाना 30-40 मरीज आते हैं, जिनका उपचार करने के साथ रेबीज का इंजेक्शन लगाया जाता है।
