Aligarh Exhibition: नुमाइश के ठेके की नीलामी आज, न्यूनतम वित्तीय हैसियत डेढ़ से दो करोड़ किए जाने पर आपत्ति
पिछले वर्षों में साउंड, स्टेज और एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था के लिए अलग-अलग ठेके होते थे, लेकिन इस बार प्रशासन ने तीनों को एक ही पैकेज में शामिल कर दिया है।
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अलीगढ़ नुमाइश (प्रदर्शनी) 2026 के आयोजन से पहले ही 4 दिसंबर को होने वाली ठेका नीलामी प्रक्रिया सवालों के घेरे में आ गई है। प्रशासन ने सबसे अधिक राजस्व देने वाले तहबाजारी ठेके की बोली के लिए फर्म की न्यूनतम वित्तीय हैसियत को डेढ़ करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये कर दिया है। इस अचानक वृद्धि से छोटे और मध्यम वर्ग के स्थानीय ठेकेदारों में निराशा है।
जिलाधिकारी संजीव रंजन की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी की बैठक में नुमाइश का आयोजन 16 जनवरी से 10 फरवरी तक तय किया गया है। तैयारियों के बीच, ठेकों की नीलामी शुरू होने जा रही है। बढ़े हुए नियमों पर सवाल उठाते हुए ठेकेदार प्रत्यक्ष पंडित ने कहा कि प्रशासन ने अंतिम समय में हैसियत की शर्त बढ़ाकर गलत किया है। जब एक करोड़ रुपये का डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) पहले से लिया जा रहा है, तो फर्म के टर्नओवर का लेखा-जोखा देखना चाहिए था। एक अन्य ठेकेदार जावेद उल हसन ने इस निर्णय को गलत बताया, जिससे कई संभावित बोलीदाता प्रक्रिया से बाहर हो जाएंगे।
पिछले वर्षों में साउंड, स्टेज और एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था के लिए अलग-अलग ठेके होते थे, लेकिन इस बार प्रशासन ने तीनों को एक ही पैकेज में शामिल कर दिया है। 4 दिसंबर को दोपहर तीन बजे नुमाइश गेस्ट हाउस में तहबाजारी, सर्कस स्थल, विज्ञापन, विद्युत सजावट, वाहन स्टैंड, लाउडस्पीकर, लाल ताल वोटिंग व दुकानों के मलबे के ठेकों की नीलामी होगी। छह दिसंबर को सीसीटीवी, फोटोग्राफी, फूल सजावट, छपाई और साउंड सिस्टम के ठेके निर्धारित हैं।
पिछले वर्ष तहबाजारी से 2.20 करोड़ रुपये और 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ सबसे अधिक राजस्व मिला था। प्रशासन इस बार अधिक प्रतिस्पर्धा और बढ़ी हुई कमाई की उम्मीद कर रहा है। इसके अलावा ऐसा न हो कि नुमाइश के बाद ठेकेदार से रकम वसूलने के लिए अलग से कवायद करनी पड़े, इसके लिए भी वृद्धि की गई है।- किंशुक श्रीवास्तव, एडीएम सिटी