Aligarh Accident: हाथरस की स्कूली बस ने बाइक सवार को रौंदा, पहिया सिर के ऊपर से गुजरा, हुई मौत
मृतक करन ने बाइक पर हेलमेट का प्रयोग नहीं किया था, जो उसकी मौत का कारण बना। जिस बाइक को करन चला रहा था, उसके नए होने के कारण उस पर नंबर प्लेट नहीं थी। न ही करन के पास कोई दस्तावेज था। घटना के तुरंत बाद ग्रामीण उसकी पहचान करने के प्रयास में जुटे तो उसकी जेब से मोबाइल मिला, लेकिन उसमें लॉक लगा था।
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अलीगढ़ के गोंडा-खैर मार्ग स्थित गांव नयावास पर 25 नवंबर सुबह करीब आठ बजे हाथरस से आ रही एक स्कूली बस ने खैर की ओर से आ रहे बाइक सवार युवक को रौंद दिया। बस का पहिया युवक के सिर के ऊपर से गुजर गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हाथरस के एसआरबी स्कूल की बस 33 छात्र-छात्राओं को लेकर शैक्षिक भ्रमण कराने नोएडा जा रही थी।
घटना के बाद ग्रामीणों ने समझदारी का परिचय देते हुए छात्रों और शिक्षकों को तुरंत सुरक्षित करते हुए उन्हें एक बंद पडे स्कूल के परिसर में बैठाया। सूचना पर पुलिस पहुंच गई। प्रभारी निरीक्षक सरिता सिंह ने शव को कब्जे में लेकर पंचायतनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। वहीं स्कूली छात्र-छात्राओं को पुलिस ने प्राइवेट वाहन की व्यवस्था कर वापस हाथरस भेज दिया।
पुलिस ने बताया कि थाना इगलास के गांव गुरसेना निवासी करन (19) दो भाइयों में बडा था। मंगलवार सुबह वह अपनी बुआ के लड़के काे खैर भेजने के लिए बाइक द्वारा मुख्य मार्ग तक छोड़ने आया था। उसने डेढ़ माह पहले ही नई बाइक खरीदी थी, जिस पर अभी नंबर प्लेट नहीं लगी थी। करन बाइक चलाने के शौक में फुफेरे भाई को खैर तक को छोडने चला गया। खैर से लौटकर वह गांव वापस जा रहा था, उसने हेलमेट नहीं पहना था। इसी बीच हाथरस के एसआरबी पब्लिक स्कूल की बस नोएडा जा रही थी।
गोंडा-खैर मार्ग पर गांव नयावास के समीप स्कूली बस ने मार्ग पर खड़ी रोडवेज बस को ओवरटेक किया, इस बीच सामने से आ रहा करन बाइक सहित बस की चपेट में आ गया। बस का पहिया करन के सिर के ऊपर से गुजर गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना को देख वहां मौजूद ग्रामीण दौडे तो बस चालक मौके से भाग गया। इस टक्कर के दौरान बस में सवार बच्चे सहम गए। मृतक के सिर के मांस के टुकडों को पुलिस ने बोरे में रखा। इधर, मृतक के परिजनों को सूचना मिली तो वे रोते-बिलखते वहां पहुंचे। पुलिस ने वाहनों को कब्जे में ले लिया।
मां ने किया फोन तो हुई पहचान
मृतक करन ने बाइक पर हेलमेट का प्रयोग नहीं किया था, जो उसकी मौत का कारण बना। जिस बाइक को करन चला रहा था, उसके नए होने के कारण उस पर नंबर प्लेट नहीं थी। न ही करन के पास कोई दस्तावेज था। घटना के तुरंत बाद ग्रामीण उसकी पहचान करने के प्रयास में जुटे तो उसकी जेब से मोबाइल मिला, लेकिन उसमें लॉक लगा था। थोडी ही देर बाद उसके मोबाइल पर उसकी मां का फोन आया। मां ने बेटे का नाम पुकारते हुए उससे वापस लौटने के बारे में पूछा, लेकिन उसको नहीं पता था कि करन अब बहुत दूर जा चुका है। इसके बाद उसकी पहचान हुई।