Chhangur: अलीगढ़ मंडल में होगी छांगुर व सहयोगियों के संपत्ति की जांच, रजिस्ट्री कार्यालयों में चलेगी पड़ताल
एटीएस (आतंकवाद निरोधी दस्ता) और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की कार्रवाई में यह खुलासा हुआ है कि छांगुर ने विदेशी फंड का इस्तेमाल कर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बड़े पैमाने पर जमीनें खरीदीं। उसने इन जमीनों पर प्लॉटिंग की और उन्हें अवैध तरीके से बेचकर भारी मुनाफा कमाया। इस पूरे जमीन कारोबार की तह तक जाने के लिए प्रदेश भर के 351 उपनिबंधक (रजिस्ट्री) कार्यालयों को अलर्ट जारी किया गया है।

विस्तार
धर्मांतरण के मुख्य आरोपी छांगुर और उसके सहयोगियों की अलीगढ़ मंडल में संपत्तियां खोजी जाएंगी। इसके लिए प्रदेश स्तर से एआईजी स्टांप को निर्देश मिले हैं। इसी क्रम में मंडल के चारों जिलों के रजिस्ट्री कार्यालयों में इनसे जुड़ी संपत्तियों की खोज के लिए दस्तावेजों की पड़ताल होगी। इसके लिए छांगुर के 13 सहयोगियों के नाम की सूची भी भेजी गई है।

एटीएस (आतंकवाद निरोधी दस्ता) और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की कार्रवाई में यह खुलासा हुआ है कि छांगुर ने विदेशी फंड का इस्तेमाल कर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बड़े पैमाने पर जमीनें खरीदीं। उसने इन जमीनों पर प्लॉटिंग की और उन्हें अवैध तरीके से बेचकर भारी मुनाफा कमाया। इस पूरे जमीन कारोबार की तह तक जाने के लिए प्रदेश भर के 351 उपनिबंधक (रजिस्ट्री) कार्यालयों को अलर्ट जारी किया गया है। एटीएस और ईडी ने छांगुर और उसके 13 करीबियों की सूची सभी रजिस्ट्री दफ्तरों को भेजी है और उनके नाम पर हुए सभी बैनामों का विस्तृत ब्योरा मांगा है।
यह भी सामने आया है कि छांगुर कांप्लेक्स और कोठियों का निर्माण कराकर धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) की मुहिम तेज कर रहा था। एटीएस ने यह आशंका भी जताई है कि वह अन्य प्रदेशों में भी जमीन खरीद रहा था। मुंबई और नागपुर में जमीन के सौदों की बात पहले ही सामने आ चुकी है। अब रजिस्ट्री दफ्तरों से मिलने वाले दस्तावेजों से इस पूरे मामले में और भी बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।
इस प्रकरण के लिए शासन से निर्देश प्राप्त हुए हैं। जो भी विवरण मांगा गया है वह उपलब्ध कराया जाएगा। शासन के आदेश का पालन किया जाएगा। - शिवशंकर यादव, डीआईजी स्टांप
अलीगढ़ पर इसलिए नजर
धर्मांतरण को लेकर पूर्व में जेल गए उमर गौतम का नाम अलीगढ़ से जुड़ा रहा है। उसके ग्रुप की तीन महिलाओं के नाम अलीगढ़ जुड़े हैं, जबकि पांच लोगों को यहां धर्मांतरण का इनपुट भी दिया गया था। साथ में छांगुर बाबा के उमर के अलावा एसडीपीडीआई, सिमी सहित अन्य प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से जुड़ाव के संकेत हैं। अलीगढ़ में इन सभी संगठनों की सक्रियता रही है। सिमी की यहां स्थापना हुई थी। इन कारणों से अलीगढ़ पर विशेष नजर रखी गई है।
इनके नाम से खोजी जाएंगी संपत्तियां
उपनिबंधक कार्यालयों को भेजे गए नामों में महबूब उत्तरौला के जमालुद्दीन शाह उर्फ छांगुर, महबूब, छोटू उर्फ नवरेला, समाले नवीन रोहरा उर्फ सबीला, नवीन उर्फ जमालुद्दीन, रेहरा माफी गांव के मोहम्मद समीर, रशीद, गोंडा के तेलगामाड़ा के रमजान, नागपुर के इदुल इस्लाम, बड़ा घुसाह के राजेश उपाध्याय, संगीता देवी उपाध्याय और अपना घर के प्रोपराइटर बाबू उर्फ बलीउद्दीन शामिल हैं।