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Throw Ball: दिन में स्कूल, रात में बैग की जगह अंडे का लगाया ठेला, अब निकुंज हुए नेशनल थ्रो बॉल में चयनित
अमर उजाला नेटवर्क, अलीगढ़
Published by: चमन शर्मा
Updated Wed, 03 Dec 2025 10:04 PM IST
सार
दिन में निकुंज स्कूल जाता है, लेकिन रात होते ही उसकी जिंदगी बदल जाती है। स्कूल बैग की जगह वह अंडे का ठेला संभालता है। ठंड, गर्मी, बरसात-कुछ भी हो, वह रोज ठेला लगाता है ताकि अपनी स्कूल फीस भर सके और घर का खर्च उठा सके।
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कक्षा छह का छात्र निकुंज
- फोटो : स्वयं
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विस्तार
अलीगढ़ के जट्टारी निवासी कक्षा छह का छात्र निकुंज उन बच्चों में है, जो अपनी उम्र से कहीं ज्यादा जिम्मेदारी निभाते हैं। वह दिन में स्कूल जाता है और रात में अंडे का ठेला लगाता है। खेल के प्रति लगन से उसका चयन नेशनल थ्रो बॉल के लिए हुआ है, यह प्रतियोगिता 26 से 28 दिसंबर तक स्कॉलर पब्लिक स्कूल वाराणसी में आयोजित होगी।
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बचपन में ही पिता साथ छोड़कर चले गए तो घर की जिम्मेदारी उसकी मां पर आ गई। मां ने लोगों के घरों में घरेलू सहायिका बनकर चार बच्चों को पाला। इन्हीं चार बच्चों में सबसे छोटा है निकुंज। दिन में वह स्कूल जाता है, लेकिन रात होते ही उसकी जिंदगी बदल जाती है। स्कूल बैग की जगह वह अंडे का ठेला संभालता है। ठंड, गर्मी, बरसात-कुछ भी हो, वह रोज ठेला लगाता है ताकि अपनी स्कूल फीस भर सके और घर का खर्च उठा सके। इतनी छोटी उम्र में उसका हौसला और मेहनत बड़े-बड़ों को भी मात देता है।इसी संघर्ष के बीच उसने खेल में अपना हुनर पहचाना और थ्रो बॉल खेलने लगा।
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हरसुख सिंह स्पोर्ट्स एकेडमी की सचिव जीनत अली ने बताया कि वह एसडी पब्लिक स्कूल जट्टारी में कक्षा छह का छात्र है और एक होनहार खिलाड़ी है। इसलिए वह उसे नि:शुल्क प्रशिक्षण देती हैं। मेहनत और प्रतिभा ने उसके सपनों को एक नई उड़ान दी है। नेशनल थ्रो बॉल प्रतियोगिता में उसका चयन हुआ है। उसका चयन न केवल उसके परिवार के लिए बल्कि पूरे इलाके के लिए गर्व की बात है। उसकी कहानी बताती है कि हालात कितने भी कठिन क्यों न हों तो भी हौसला और मेहनत रास्ता बना ही लेते हैं।
थ्रो बॉल क्या है
बिना विपक्षी खिलाड़ी को संपर्क किए एक गेंद से खेला जाने वाला खेल है, जो एक आयताकार मैदान पर नौ खिलाड़ियों की दो टीमों के बीच खेला जाता है।