CGST DGCI Raid: अलीगढ़-हाथरस में लोहा फैक्टरियों पर छापे, 20 करोड़ के लेनदेन की जांच, कारोबारियों में हड़कंप
छापे के दौरान फैक्टरी में काम करने वाले श्रमिकों को बाहर कर दिया गया। गेट पर टीम के साथ आए पुलिस कर्मी तैनात हो गए। फैक्टरी के भीतर आने जाने पर पाबंदी लगा दी गई।
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केंद्रीय सेवा एवं वस्तु कर (सीजीएसटी) विभाग की वाणिज्यिक खुफिया शाखा और सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआई) की लखनऊ से आई टीमों ने 4 नवंबर को अलीगढ़ और हाथरस के बड़े लोहा कारोबारियों की फैक्टरियों पर एक साथ छापा मारा। टीमों ने अलीगढ़ में तालानगरी स्थित एलडी गोयल स्टील, जबकि हाथरस के सासनी में सीक्वेंस फैरो प्राइवेट लिमिटेड (पूर्व नाम बालाजी कोनकास्ट) और सिकंदराराऊ में श्री महाकाल कोनकास्ट फर्म पर दोपहर में पहुंचकर जांच शुरू की। तीनों जगह जीएसटी चोरी और फर्जी बिलिंग के शक में करीब 20 करोड़ रुपये के लेनदेन को संदिग्ध मानकर जांच की जा रही है। देर रात तक टीमें दस्तावेज खंगालती रहीं। जांच 5 नवंबर को भी जारी रह सकती है।
4 नवंबर को दोपहर करीब एक बजे डीजीसीआई टीम पांच गाड़ियों के साथ तालानगरी एलडी गोयल की सरिया फैक्टरी में पहुंची। दो अन्य टीमें गाड़ियों के साथ सासनी और सिकंदराराऊ पहुंची। इस दौरान फैक्टरी में काम करने वाले श्रमिकों को बाहर कर दिया गया। गेट पर टीम के साथ आए पुलिस कर्मी तैनात हो गए। फैक्टरी के भीतर आने जाने पर पाबंदी लगा दी गई। इसके बाद टीम ने व्यापारिक और सांख्यिकीय रिकॉर्ड्स में संभावित अनियमितताओं की जांच शुरू की। कार्रवाई इतनी गोपनीय रखी गई थी कि स्थानीय अफसरों को इसकी भनक तक नहीं लगी। इसके बाद टीम ने फैक्टरियों के दस्तावेज अपने कब्जे में लेकर उनकी सघन जांच शुरू कर दी है।
4 नवंबर को डीजीसीआई की लखनऊ से आई टीम ने तालानगरी स्थित एलडी गोयल की स्टील फर्म सहित सासनी और सिकंदराराऊ में दो फर्मों के यहां पर जांच शुरू की है। एलडी गोयल के यहां पर जीएसटी की रेंज-1 की टीम 30 सितंबर को जांच कर चुकी है और करापवंचन का 50 लाख रुपया भी जमा कराया था। - रश्मि सिंह, विशेष अनुसंधान शाखा, राज्य वस्तु सेवा कर
हाथरस के सासनी में सीक्वेंस फैरो प्राइवेट लिमिटेड और सिकंदराराऊ में श्री महाकाल कोनकास्ट पर छापा मारा है, दोनों ही सेंट्रल जीएसटी के अंतर्गत पंजीकृत हैं। - आरके सिंह, उपायुक्त राज्य कर