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UP: अभी खत्म नहीं हुईं आयोग की चुनौतियां, पेपर लीक की घटना के बाद UPPSC को एक माह में करानी हैं दो परीक्षाएं

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, प्रयागराज Published by: Vikas Kumar Updated Sat, 09 Mar 2024 10:56 PM IST
सार

आगामी परीक्षाओं में प्रश्न पत्रों की सुरक्षा आयोग के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। परीक्षाएं छोटी हों या बड़ी, लेकिन पेपर लीक जैसी घटनाएं भर्ती संस्थानों पर बड़ा दाग लगाती हैं।

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After paper leak incident UPPSC has to conduct two examinations in a month
UPPSC - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक प्रकरण में परीक्षा निरस्त किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के सामने आने समय में कुछ दूसरी चुनौतियां बाकी हैं। भविष्य में होने वाली परीक्षाओं में प्रश्न पत्रों की सुरक्षा आयोग के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।

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आरओ/एआरओ परीक्षा निरस्त किए जाने के बाद पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 भी स्थगित कर दी गई, लेकिन एक माह में आयोग को तीन परीक्षाएं करानी हैं। आयोग के कैलेंडर में 22 मार्च को स्टाफ नर्स (यूनानी/आयुर्वेदिक) (पुरुष/महिला) प्रारंभिक परीक्षा-2023, सात अप्रैल सहायक नगर नियोजक प्रारंभिक परीक्षा-2023 और नौ अप्रैल से अपर निजी सचिव परीक्षा-2023 के तहत शॉर्टहैंड एवं टाइपिंग की परीक्षा है।

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इसके बाद 24 अप्रैल को स्टाफ नर्स एलोपैथी (पुरुष/महिला) मुख्य परीक्षा-2023 का आयोजन किया जाएगा। स्टाफ नर्स यूनानी/आयुर्वेदिक के 300 पदों और सहायक नगर नियोजक के 24 पदों पर भर्ती होनी है। आरओ/एआरओ और पीसीएस परीक्षा के मुकाबले इन दोनों भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की संख्या काफी कम होगी। हालांकि, परीक्षा केंद्र दूसरे जिलों में भी बनाए जाएंगे।

आगामी परीक्षाओं में प्रश्न पत्रों की सुरक्षा आयोग के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। परीक्षाएं छोटी हों या बड़ी, लेकिन पेपर लीक जैसी घटनाएं भर्ती संस्थानों पर बड़ा दाग लगाती हैं। लोकसभा चुनाव भी करीब हैं। ऐसे में परीक्षा के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकना आयोग, स्थानीय प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।

दअरसल, परीक्षा केंद्रों पर निगरानी की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन के पास ही होती है। आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा में अब तक हुई जांच में प्रश्न पत्र किसी परीक्षा केंद्र से लीक होने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में प्रश्न पत्रों की सुरक्षा के साथ, परीक्षा केंद्रों की निगरानी और आगामी भर्ती परीक्षाओं का सफल संचालन अब भी चुनौती बना हुआ है।

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