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Air Force Day : वायुसेना दिवस पर प्रयागराज में ही मिग-21 बाइसन को राफेल ने दी थी विदाई
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Wed, 08 Oct 2025 03:47 PM IST
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सार
वर्ष 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध से लेकर बालाकोट एयर स्ट्राइक तक विभिन्न अभियानों मुख्य भूमिका में रहे फाइटर प्लेन मिग-21 को भले ही पिछले माह वायुसेना से विदाई दी गई हो लेकिन सेना के किसी भी एयर शो में यह विमान आखिरी बार प्रयागराज के आसमान पर ही दिखा था।

mig 21
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
वर्ष 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध से लेकर बालाकोट एयर स्ट्राइक तक विभिन्न अभियानों मुख्य भूमिका में रहे फाइटर प्लेन मिग-21 को भले ही पिछले माह वायुसेना से विदाई दी गई हो लेकिन सेना के किसी भी एयर शो में यह विमान आखिरी बार प्रयागराज के आसमान पर ही दिखा था। आठ अक्तूबर 2023 को देश की चौकसी में पांच दशक से तैनात मिग-21 बाइसन को प्रयागराज में आयोजित वायुसेना के मुख्य एयर शो में विदाई दी गई थी। तब मिग-21 के सम्मान में राफेल ने उसे एस्कार्ट किया।

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बुधवार को वायुसेना दिवस है। वायुसेना के साथ प्रयागराज का नाम न आए यह हो नहीं सकता, क्योंकि प्रयागराज में ही वायु सेना के मध्य कमान का मुख्यालय है। वायुसेना के लिहाज से संगमनगरी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारी वायुसेना ने अपने कई महत्वपूर्ण ऑपरेशन प्रयागराज से ही ऑपरेट किए हैं। इसी वजह से वायुसेना ने दो वर्ष पूर्व अपने 91वें स्थापना दिवस पर शौर्य और साहस का रोमांचक प्रदर्शन करने के लिए प्रयागराज को ही चुना। तब गंगा-यमुना के पवित्र संगम पर 25 लाख लोग एयर शो के भागीदार बने। इसी एयर शो में मिग-21 भारतीय वायुसेना के किसी एयर शो में आखिरी बार दिखा। राफेल को रक्षा कमान सौंपकर मिग-21 ने विदा ली। तब बताया गया था कि मिग-21 फाइटर प्लेन 2025 तक वायुसेना के बेड़े से बाहर हो जाएंगे। सितंबर में यह विमान पूर्ण रूप से विदा भी हो गए।
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प्रयागराज में ही मिला वायुसेना को नया ध्वज
दो वर्ष पूर्व तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने प्रयागराज में वार्षिक वायुसेना दिवस परेड के दौरान वायुसेना के नए ध्वज का अनावरण किया। तब एयरफोर्स के नए ध्वज ने 72 साल पहले अपनाए गए पुराने ध्वज की जगह ली। इसकी खास बात यह रही कि ध्वज के ऊपरी दाएं कोने में फ्लाई साइड की ओर वायु सेना क्रेस्ट (चिह्न) के शीर्ष पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिह्न और उसके नीचे देवनागरी में ‘सत्यमेव जयते’ लिखा है। अशोक चिह्न के नीचे एक हिमालयी गरुड़ है, जिसके पंख फैले हुए हैं और यह भारतीय वायुसेना के युद्ध कौशल को दर्शाता है। इसके अलावा हल्के नीले रंग का एक वलय हिमालयी गरुड़ को घेरे हुए है, जिस पर ‘भारतीय वायु सेना’ लिखा है। वायु सेना का आदर्श वाक्य ‘नभ स्पृशं दीप्तम’ हिमालयी गरुड़ के नीचे देवनागरी में सुनहरे अक्षरों में अंकित है।