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Bazm E Virasat : क्रिकेटर मोहम्मद कैफ बोले- प्रयागराज में मुझै कैफ नहीं, तारीफ के बेटे के नाम से जानते हैं लोग

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Sat, 20 Dec 2025 03:59 PM IST
सार

Prayagraj News : टीम इंडिया के क्रिकेटर रहे मोहम्मद कैफ ने कहा कि खेल का हुनर तो गलियों से मिलता है। आज चाहे जितना बड़ा खिलाड़ी हो वह गलियों से निकलकर वहां तक पहुंचा है। छोटे मैदान और गलियों में क्रिकेट खेलने पर गेंद के कंट्रोल का जो हुनर सीखने को मिलता है वह अंत तक काम आता है। प्रयागराज में आयोजित बज्म ए विरासत के क्रिकेट टॉक में हिस्सा लेने पहुंचे कैफ बोले प्रयागराज मेरा घर है। यहां मुझे लोग क्रिकेटर के रूप में नहीं, बल्कि तारिफ अंसारी के बेटे के तौर पर जानते हैं। 

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Bazm E Virasat: Cricketer Mohammad Kaif said – in Prayagraj, people know me not as Kaif
बज्म ए विरासत के क्रिकेट टॉक में बात करते क्रिकेटर मोहम्मद कैफ। - फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
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जाने माने क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने कहा कि इलाहाबाद में मेरी पहचान क्रिकेटर के रूप में नहीं बल्कि मोहम्मद तारिफ अंसारी के बेटे के रूप में है। शहर के लोग मुझे क्रिकेट के खिलाड़ी के रूप में नहीं तारिफ अंसारी के बेटे के रूप में जानते हैं। कहा कि क्रिकेट हमारी पहचान है। बचपन से ही घर में क्रिकेट देखते आए हैं। कहा कि लक्ष्य हमेशा बड़ा रखना चाहिए। अगर 10 विकेट का टारगेट लेकर चलेंगे तो पांच या चार मिल ही जाएंगे। मोहम्मद कैफ शनिवार को बज्म ए विरासत में आयोजित क्रिकेट टॉक में बातचीत कर रहे थे। उनके साथ रणजी खिलाड़ी रहे आशीष विस्टन जैदी और ज्ञानेंद्र पांडेय ने भी अपने अनुभव साझा किए। 

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यदि पांच और तीन विकेट का ही टारगेट लिया है तो फिर उसको पूरा करने में काफी दिक्कतें आती हैं। कहा कि टीम में पुराने और नए खिलाड़ियों का कॉम्बिनेशन होना चाहिए। दबाव में अनुभवी खिलाड़ी ही नैया पार कर सकते हैं। नए खिलाड़ी हमेशा दबाव नहीं झेल पाते हैं। पुराने खिलाड़ी कई बार दबाव झेल चुके होते हैं इसलिए उनका अनुभव काम आता है और वह अच्छी तरह से मैनेज कर सकते हैं। 

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Bazm E Virasat: Cricketer Mohammad Kaif said – in Prayagraj, people know me not as Kaif
बज्म ए विरासत के क्रिकेट टॉक में बात करते क्रिकेटर मोहम्मद कैफ। - फोटो : अमर उजाला।

खिलाड़ी तो गलियों से ही निकलते हैं

क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने कहा कि असली खिलाड़ी तो गलियों से ही निकलते हैं। यहां हर गली और मोहल्ले में क्रिकेट और टेनिस खेलते लोग मिल जाएंगे। बचपन में हम घर से निकलते थे तो बाई का बाग और उसके बगल केएन काटजू सड़क पर क्रिकेट और टेनिस गेम  होता रहता था। कहा कि चाहे जितना बड़ा खिलाड़ी हो वह गलियों से ही निकला है। उदाहरण के तौर पर महेंद्र सिंह धोनी को देख सकते हैं। वह गलियों से खेलकर निकले हैं। गलियों में खेलने के कई फायदे और मैच सेंस मिलते हैं। गेम का आइडिया आता है। यह सिफ छोटे मैदान से ही मिल सकता है। बॉल को मैदान के बाहर मारा तो आउट हो जाते थे इसलिए मैदान के अंदर खेलने का जो हुनर बचपन में सीखा वह आगे तक काम आया। 

क्रिकेट वार्ता इलाहाबाद की गलियों से विश्व मंच तक

पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर और इलाहाबाद के पुत्र मोहम्मद कैफ, भारत के प्रथम श्रेणी क्रिकेट के पूर्व दिग्गज आशीष विंस्टन जैदी और पूर्व भारतीय क्रिकेटर और उत्तर प्रदेश रणजी टीम के कप्तान ऑलराउंडर ज्ञानेंद्र पांडे ने अपनी बात रखते हुए क्रिकेट से जुड़े कई पहलुओं पर चर्चा की। जाने माने कमेंटेटर अयाज मेमन के साथ बातचीत करते हुए कैफ ने अपने सफर के बारे में खुलकर बात की, अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता तारिफ अंसारी को दिया।

कहा कि खिलाड़ी जो है, गलियों से बनता है," उनके गृहनगर को श्रद्धांजलि देते हुए। इलाहाबाद की गलियों से प्रतिष्ठित लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड तक की उनकी यात्रा ने दर्शकों को प्रेरित किया।अयाज़ ने कैफ के करियर और यादगार रिकॉर्ड के बारे में जानकारी देकर बातचीत को समृद्ध किया। ग्रेग चैपल (पूर्व भारतीय कोच) के साथ बातचीत को याद करते हुए उन्होंने खुलासा किया कि ग्रेग ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नेतृत्व करने की क्षमता वाले तीन खिलाड़ियों की पहचान की थी, एमएस. धोनी, गौतम गंभीर और मोहम्मद कैफ।

आशीष विस्टन का छलका दर्द

आशीष विंस्टन जैदी ने अपने करियर के बारे में ईमानदारी और भावुकता के साथ कहा, "मलाल है कि मैंने भारत के लिए नहीं खेला...दर्द मुझे भी था, पर मैंने छोड़ा नहीं, क्योंकि मैं क्रिकेट से बहुत मोहब्बत करता हूं।" व्यक्तिगत अनुभवों के अलावा, चर्चा में खेल के बदलते स्वरूप पर भी चर्चा की गई। टेस्ट क्रिकेट, वनडे इंटरनेशनल और टीम की कार्यशैली, साथ ही खिलाड़ियों और टीमों को आकार देने में कोच की भूमिका पर भी बात हुई। अयाज़ ने बातचीत को खेल के छोटे प्रारूपों में ऑलराउंडरों के बढ़ते प्रभाव की ओर मोड़ा।

खुद एक कुशल ऑलराउंडर रहे ज्ञानेंद्र ने चुटकी लेते हुए कहा कि “सहवाग ने एक बार मुझसे कहा था कि अगर मैं अभी भी खेल रहा होता, तो आईपीएल नीलामी में मुझे अच्छी कीमत पर खरीद लिया जाता।” पैनल ने कई रोचक सवालों के जवाब दिए और सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, विराट कोहली, रोहित शर्मा और अन्य जैसे दिग्गजों से जुड़े किस्से साझा किए, जिससे नेतृत्व, मार्गदर्शन और ड्रेसिंग रूम की कार्यशैली के बारे में लोग अवगत हुए।

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