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UP : बार कौंसिल ने हाईकोर्ट में कहा-हिस्ट्रीशीटर वकीलों के लाइसेंस होंगे सस्पेंड, जनहित याचिका पर दिया जवाब

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Sat, 20 Dec 2025 12:15 PM IST
सार

Allahabad High Court : यूपी बार कौंसिल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करके कहा है कि प्रदेश में जो वकील पुलिस  रिकॉर्ड में हिस्ट्रीशीटर हैं या फिर उनके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई हुई है उनकी प्रैक्टिस पर रोक लगाई जाएगी। कौंसिल ने यह भी बताया कि बार कौंसिल में कुल 5 लाख 14 हजार 439 अधिवक्ता नामांकित हैं जिसमें से 2,49,809 को सीओपी जारी किया गया है। 2539 अधिवक्ताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। 

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UP Bar Council tells High Court that licenses of history-sheeter lawyers will be suspended, responds to PIL
अधिवक्ता। - फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
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इलाहाबाद हाईकोर्ट में बार कौंसिल ने बताया है कि पुलिस रिकॉर्ड में हिस्ट्रीशीटर या गैंगस्टर के रूप में सूचीबद्ध वकीलों के प्रैक्टिस लाइसेंस सस्पेंड किए जाएंगे। बार कौंसिल ने यह जानकारी न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की एकल पीठ के समक्ष इटावा निवासी वकील की याचिका पर दी है। ट्रायल कोर्ट ने याची की ओर से एक पुलिस कांस्टेबल के खिलाफ की गई शिकायत खारिज कर दी थी। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याची का आरोप है कि कांस्टेबल ने उनके साथ मारपीट की। हालांकि, राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट के समक्ष उसके आपराधिक इतिहास का उल्लेख किया। बताया कि याची के खिलाफ गंभीर आरोप में कई प्राथमिकी दर्ज हैं।

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इस पर कोर्ट ने बार कौंसिल से आपराधिक मुकदमे के आरोपी वकीलों की सूची मांगी। यूपी बार कौंसिल के अधिवक्ता रिकॉर्ड प्रस्तुत किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन वकीलों के खिलाफ पुलिस ने हिस्ट्रीशीट खोल रखी है या जो यूपी गैंगस्टर एक्ट के तहत गैंगस्टर के रूप में सूचीबद्ध हैं, उनके लाइसेंस सस्पेंड किए जाएंगे। कौंसिल ने ऐसे वकीलों की सूची भी पेश की, जिनके खिलाफ फिलहाल अनुशासनात्मक कार्यवाही चल रही है। कौंसिल ने यह भी बताया कि वर्तमान में प्रदेश में कुल 5,14,439 अधिवक्ता नामांकित हैं। इनमें से केवल 2,49,809 अधिवक्ताओं को ही सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस (सीओपी) जारी किया गया है। 2539 अधिवक्ताओं के खिलाफ 3139 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि प्रत्येक अधिवक्ता के विरुद्ध दर्ज मामलों की पूरी जानकारी के साथ पूरक हलफनामा दाखिल करें। कोर्ट ने अगली सुनवाई पांच जनवरी 2026 को नियत की है। 

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