Prayagraj : 17 महीने 72 बार शिकायत फिर भी नहीं हुई सुनवाई, थाना, तहसील का चक्कर लगाकर हारा बुजुर्ग
फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के सरायहरीराम गांव के रहने वाले 75 वर्षीय बुजुर्ग राधेश्याम पुत्र स्व.रामहित को कोई संतान नहीं है और न ही खेती के लिए कोई जमीन। वह अपने पैतृक जर्जर कच्चे मकान में गुजारा करते हैं। जो पूरी तरह जर्जर हालत में पहुंच गया है।
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एक नि:संतान बुजुर्ग शासन से मिले प्रधानमंत्री आवास का निर्माण कराने के लिए दर-दर भटक रहा है। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की चौकठ पर पहुंचकर 17 महीने के अंदर 72 बार शिकायत दर्ज कराया, फिर भी दबंग उसका आवास नहीं बनने दे रहे। शिकायत दर शिकायत के बाद भी आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई तो अफसरों से भी उसका भरोसा उठ गया। उनका कहना है कि अब वह मुख्यमंत्री से मिलकर अपना दुखड़ा सुनाएंगे।
फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के सरायहरीराम गांव के रहने वाले 75 वर्षीय बुजुर्ग राधेश्याम पुत्र स्व.रामहित को कोई संतान नहीं है और न ही खेती के लिए कोई जमीन। वह अपने पैतृक जर्जर कच्चे मकान में गुजारा करते हैं। जो पूरी तरह जर्जर हालत में पहुंच गया है। इसे ध्यान में रखते हुए शासन की ओर से वर्ष 2022-23 में उन्हे प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ। उन्होंने इसकी पहली किस्त 13 फरवरी 2023 को निकाली और आवास का निर्माण कार्य शुरू कराया, लेकिन गांव के कुछ दबंग किस्म के लोगों द्वारा अपनी भूमि बताते हुए निर्माण कार्य को जबरन रोक दिया। तभी से प्रधानमंत्री आवास का लाभार्थी बुजुर्ग राधेश्याम थाना, तहसील और जिला मुख्यालय का चक्कर लगाना शुरू किया और आज भी उसका शिकायती पत्र देने का सिलसिला थमा नहीं।
इस बीच तहसील के अधिकारियों ने निर्माण का कई बार सिर्फ कागजों पर निर्देश देकर मामले की इतिश्री करते रहे और लाभार्थी जब भी निर्माण कार्य शुरू करता गांव केे दबंगों द्वारा अपनी दबंगई के बल पर जबरन उसका निर्माण कार्य रोक देते। भुक्तभोगी बुजुर्ग राधेश्याम ने बताया कि उसने संपूर्ण समाधान दिवस, समाधान दिवस, उपजिलाधिकारी हंडिया, तहसीलदार हंडिया, इंस्पेक्टर फूलपुर, जिलाधिकारी, मंडल आयुक्त, मुख्य राजस्व अधिकारी के साथ ही आईजीआरएस के माध्यम से उच्चाधिकारियों को 17 महीने में 72 दफे से अधिक शिकायती पत्र देकर आवास निर्माण की मांग कर चुके हैं, लेकिन अधिकारी हैं कि उनकी इस समस्या का समाधान नहीं कर रहे हैं। यही नहीं अधिकारियों द्वारा दबंगों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की गई। आरोप है कि मनबढ़ दबंग अब उन्हें जान से मारने की धमकी भी देने लगे हैं।
जर्जर भवन में रहता है 75 वर्षीय बुजुर्ग, किसी भी समय हो सकता है हादसा
प्रधानमंत्री आवास निर्माण के लिए 17 महीने से दर-दर भटक रहा 75 वर्षीय बुजुर्ग राधेश्याम अपने पैतृक जर्जर हालत में पड़े कच्चे भवन में ही रहने को मजबूर है। उसका पैतृक आवास इस कदर जर्जर हालत में पहुंच गया है कि खपरैल के ऊपर पन्नी डालकर किसी तरह गुजारा कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उसका जर्जर भवन बारिश के दिनों में किसी भी समय धरासाई हो सकता है। जिससे हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता।
बुजुर्ग का प्रधानमंत्री आवास यदि नहीं बनने दिया जा रहा है तो यह गंभीर बात है। मैं खुद इसे संज्ञान में लेकर कार्रवाई करूंगा। - दिग्विजय सिंह, उपजिलाधिकारी हंडिया।