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hockey olympics india : सेमीफाइनल में हार से उदास थे खिलाड़ी, पीएम ने बात कर भरा जोश
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Fri, 06 Aug 2021 11:14 AM IST
सार
- पीएम से वार्ता के बाद जोश से भर गए थे खिलाड़ी, जीत लिया कांस्य पदक
- जर्मनी को हराने के बाद अमर उजाला से बातचीत में बोले हॉकी टीम के कोच पीयूष दुबे
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पीएम मोदी
- फोटो : self
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विस्तार
भारतीय टीम की तैयारियां अच्छी थी। कुछ समय पहले ही भारतीय टीम ने विश्व में तीसरी रैंक हासिल की थी। खिलाड़ियों और स्टाफ को उम्मीद थी कि इस बार टीम स्वर्ण पदक जीतेगी। बेल्जियम से सेमीफाइनल में कड़ी टक्कर के बाद टीम को हार का सामना करना पड़ा। अपेक्षा अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाने से ड्रेसिंग रूम का माहौल बेहद तनाव भरा था। खिलाड़ी एक दूसरे से बात नहीं करने से बच रहे थे। साथ ही एक दूसरे को सांत्वना दे रहे थे। इसी बीच प्रधानमंत्री ने फोन कर कोच और कप्तान से बात की। उन्होंने टीम में जोश भरा। आगे की कहानी पूरी दुनिया ने देखी।
यह कहना है कि भारतीय टीम के मुख्य कोच पीयूष कुमार दुबे का। भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कोच पीयूष ने फोन पर अमर उजाला से टीम की तैयारियों से लेकर कांस्य पदक जीतने तक की पूरी कहानी साझा की। पीयूष ने बताया कि आस्ट्रेलिया से शुरुआती हार के बाद टीम लय में लौट आई। सब कुछ रणनीति के अनुसार चल रहा था। भारतीय टीम को सेमीफाइनल में बेल्जियम के हाथों का हार का सामना करना। इसके बाद टीम के खिलाड़ी निराश हो गए। सेमीफाइनल में हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य कोच ग्राह रीड के साथ उनसे भी बात की।
पीयूष ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर कहा कि हार और जीत खेल का हिस्सा है। हार के बाद दुनिया समाप्त नहीं हो जाती है। अभी आप के पास एक और मौका है। आपके पास 24 घंटे का समय है। तैयारियों में जुट जाइए। प्रधानमंत्री ने हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह को भी फोन किया। इसके बाद खिलाड़ी जोश से भर गए। इसके बाद टीम बृहस्पतिवार को नए जोश और उमंग के साथ मैदान में उतरी। जर्मनी को 5-4 से हराकर कांस्य पदक जीत लिया। उन्होंने बताया कि कांस्य पदक के मुकाबले में भारतीय टीम जर्मनी के खिलाफ 1-3 से पिछड़ गई। लेकिन टीम के खिलाड़ियों ने वापसी की और अंत में 5-4 से मुकाबला अपने नाम कर लिया। कोच पीयूष के मुताबिक ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम की 41 साल बाद जीत से खेल की दिशा बदलेगी।
टीम ने की थी शानदार तैयारी
कोच पीयूष दुबे के मुताबिक टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने का लक्ष्य लेकर भारतीय टीम चल रही थी। इसी कारण खिलाड़ी मेडल जीतने को लेकर उत्साहित थे। बेल्जियम विश्व की नंबर एक टीम है उसके खिलाफ मुकाबला कड़ा था। दोनों टीमें सेमीफाइनल में अपनी प्रतिष्ठा के अनुसार खेलीं।
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यह कहना है कि भारतीय टीम के मुख्य कोच पीयूष कुमार दुबे का। भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कोच पीयूष ने फोन पर अमर उजाला से टीम की तैयारियों से लेकर कांस्य पदक जीतने तक की पूरी कहानी साझा की। पीयूष ने बताया कि आस्ट्रेलिया से शुरुआती हार के बाद टीम लय में लौट आई। सब कुछ रणनीति के अनुसार चल रहा था। भारतीय टीम को सेमीफाइनल में बेल्जियम के हाथों का हार का सामना करना। इसके बाद टीम के खिलाड़ी निराश हो गए। सेमीफाइनल में हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य कोच ग्राह रीड के साथ उनसे भी बात की।
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पीयूष ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर कहा कि हार और जीत खेल का हिस्सा है। हार के बाद दुनिया समाप्त नहीं हो जाती है। अभी आप के पास एक और मौका है। आपके पास 24 घंटे का समय है। तैयारियों में जुट जाइए। प्रधानमंत्री ने हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह को भी फोन किया। इसके बाद खिलाड़ी जोश से भर गए। इसके बाद टीम बृहस्पतिवार को नए जोश और उमंग के साथ मैदान में उतरी। जर्मनी को 5-4 से हराकर कांस्य पदक जीत लिया। उन्होंने बताया कि कांस्य पदक के मुकाबले में भारतीय टीम जर्मनी के खिलाफ 1-3 से पिछड़ गई। लेकिन टीम के खिलाड़ियों ने वापसी की और अंत में 5-4 से मुकाबला अपने नाम कर लिया। कोच पीयूष के मुताबिक ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम की 41 साल बाद जीत से खेल की दिशा बदलेगी।
टीम ने की थी शानदार तैयारी
कोच पीयूष दुबे के मुताबिक टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने का लक्ष्य लेकर भारतीय टीम चल रही थी। इसी कारण खिलाड़ी मेडल जीतने को लेकर उत्साहित थे। बेल्जियम विश्व की नंबर एक टीम है उसके खिलाफ मुकाबला कड़ा था। दोनों टीमें सेमीफाइनल में अपनी प्रतिष्ठा के अनुसार खेलीं।