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Shri Krishna Janmashtami : द्वापर जैसा मिलेगा जन्माष्टमी पर योग, मंगलवार रात्रि 2.20 बजे तक है अष्टमी
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Mon, 26 Aug 2024 05:52 PM IST
सार
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर इस बार अद्भुद संयोग मिल रहा है। यह योग द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के दौरान बने योग से काफी मिल रहे हैं। संगमनगरी में जन्माष्टमी की चारों तरफ धूम है। प्रतापगढ़ के मनगढ़ स्थित भक्तिधाम मंदिर से लेकर प्रयागराज में इस्कॉन मंदिर, रूप गौड़ीय मठ सहित विभिन्न मंदिरों में आकर्षक झांकियां सजाई गई हैं।
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श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
- फोटो : अमर उजाला
इस बार कृष्ण जन्माष्टमी पर द्वापर जैसा योग है। रोहिणी नक्षत्र में सर्वार्थ सिद्धियोग के बीच भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव होगा। सोमवार की सुबह 3:40 बजे से लेकर मंगलवार की रात 2:20 बजे तक अष्टमी है।जन्माष्टमी पर चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे। ऐसा ही संयोग भगवान कृष्ण के जन्म के समय भी बना था।
अष्टमी तिथि सोमवार की भोर में 3:41 बजे लग जाएगी। 27 अगस्त की रात 2:22 तक अष्टमी है। इस बार जन्माष्टमी पर्व पर सर्वार्थ सिद्धि योगबन रहा है। चंद्रमा अपनी उच्च राशि में रहकर गुरु तथा मंगल के साथ गज केसरी योग और महालक्ष्मी योग बना रहे हैं।
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भक्तिधाम मनगढ़ मंदिर की आकर्षक सजावट।
- फोटो : संवाद
पूजा विधि
ज्योतिषाचार्य डॉ. ब्रजेंद्र मिश्र के अनुसार दिन जल्दी उठकर स्नान के बाद घर और मंदिर की सफाई करें। उपवास का संकल्प लें और एक साफ चौकी पर पीले रंग का धुला हुआ वस्त्र बिछा लें। इसके बाद देवी- देवताओं का जलाभिषेक करें और चौकी पर लड्डू गोपाल की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान श्रीकृष्ण को रोली, कुमकुम, अक्षत, पीले पुष्प, अर्पित करें। पूरे दिन घी की अखंड ज्योति जलाएं। उन्हें लड्डू और उनके पसंदीदा वस्तुओं का भोग लगाएं। बाल गोपाल की अपने पुत्र की भांति सेवा करें।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी को रात्रि पूजा का विशेष महत्व होता है क्योंकि श्री कृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था। ऐसे में मध्यरात्रि में भगवान कृष्ण की विशेष पूजा अर्चना करें बाल गोपाल को झूले में बिठाएं। उन्हें झूला झुलाएं भगवान कृष्ण को मिश्री, घी, माखन, खीर, पंजीरी का भोग लगाएं। घी के दीपक से आरती कर प्रसाद वितरित करें।
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इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी के दिन सुबह किया गया श्रीराधा-कृष्ण का मनमोहक श्रृंगार।
- फोटो : अमर उजाला।
जन्माष्टमी पर उपवास का है विशेष फल
मान्यता है कि इस दिन उपवास रखने से वर्ष में होने वाले कई अन्य उपवासों का फल मिल जाता है। भगवान विष्णु के आठवें अवतार कहे जाने वाले कृष्ण के दर्शन मात्र से ही मनुष्य के सभी दुख दूर हो जाते हैं। जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा से इस व्रत का पालन करते हैं, उन्हें महापुण्य की प्राप्ति होती है। जन्माष्टमी का उपवास संतान प्राप्ति, सुख-समृद्धि, वंश वृद्धि, दीर्घायु और पितृ दोष आदि से मुक्ति के लिए भी एक अहम व्रत है। जिन जातकों का चंद्रमा कमजोर हो, वे भी जन्माष्टमी पर विशेष पूजा कर के लाभ पा सकते हैं।
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जन्माष्टमी पर मनगढ़ भक्तिधाम में दर्शन के लिए उमड़ी भीड़।
- फोटो : संवाद
प्रतापगढ़ के कुंडा क्षेत्र के मनगढ़ में स्थित भक्तिधाम मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। दोपहर बाद से ही यहां लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। व्यवस्था की दृष्टि से पुलिस प्रशासन चौकस रहा।
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भक्तिनगढ़ भक्तिधाम में जन्माष्टमी पर उमड़ी भीड़।
- फोटो : संवाद
प्रतापगढ़ के कुंडा क्षेत्र के मनगढ़ में स्थित भक्तिधाम मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
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