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Prayagraj : बेटा तड़पता रहा...मां स्ट्रेचर के लिए करती रही मिन्नतें, एसआरएन में एक घंटे बाद हो पाई व्यवस्था

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Thu, 04 Dec 2025 02:30 PM IST
सार

स्वरूप रानी नेहरू (एसआरएन) चिकित्सालय में बुधवार को एक मरीज ट्रॉमा सेंटर के बाहर तड़पता रहा। ओपीडी तक ले जाने के लिए उसकी मां स्ट्रेचर के लिए इधर-उधर मिन्नतें करती रही। करीब एक घंटे बाद स्ट्रेचर मिला, तब वह ओपीडी तक पहुंच पाया।

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Son kept writhing in pain...mother kept pleading for a stretcher
स्ट्रेचर न मिलने से एसआरएन अस्पताल में जमीन पर लेटा मरीज। - फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
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स्वरूप रानी नेहरू (एसआरएन) चिकित्सालय में बुधवार को एक मरीज ट्रॉमा सेंटर के बाहर तड़पता रहा। ओपीडी तक ले जाने के लिए उसकी मां स्ट्रेचर के लिए इधर-उधर मिन्नतें करती रही। करीब एक घंटे बाद स्ट्रेचर मिला, तब वह ओपीडी तक पहुंच पाया।

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पेशे से दर्जी नकासकोहना निवासी वसीम (34) पिछले दो दिनों से पेट दर्द की समस्या से परेशान था। पास के ही निजी अस्पताल से इलाज चल रहा था। मां रसीमा ने बताया कि बुधवार को अचानक बेटे का दर्द असहनीय हो गया तो पड़ोसन आयशा के साथ उसे एसआरएन अस्पताल लेकर पहुंचीं। वसीम को ओपीडी तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर की जरूरत थी। वह दोनों उसे ट्रॉमा सेंटर के सामने रैंप पर छोड़कर स्ट्रेचर लेने वाहन स्टैंड पर गईं।

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स्टैंड पर पता चला कि आधे से ज्यादा स्ट्रेचर खराब हैं। बाकी मरीज के तीमारदार ले गए हैं। जब कोई व्यवस्था नहीं हुई तो रसीमा ने एक टूटी व्हील चेयर थामी, जिसे स्टैंड पर बैठे कर्मचारी ने ले जाने से मना कर दिया। क्योंकि व्हील चेयर के आगे के दोनों पहिये नहीं थे। बेटे की कराह से मां का दर्द बढ़ता जा रहा था। वह लोगों से स्ट्रेचर के लिए हाथ-पैर जोड़ने लगी। करीब एक घंटे बाद उसे स्ट्रेचर मिला।


Son kept writhing in pain...mother kept pleading for a stretcher
एसआरएन अस्पताल में स्ट्रेचर और व्लीच चेयर का हाल। - फोटो : अमर उजाला।

40 में 20 स्ट्रेचर खराब, सिर्फ चार व्हील चेयर उपलब्ध

एसआरएन अस्पताल में ओपीडी के मरीजों के लिए 40 स्ट्रेचर उपलब्ध हैं। इनमें से 20 स्ट्रेचर रोड खराब होने की वजह से टूट गए हैं। इसके अलावा मात्र चार व्हील चेयर ही मरीजों के लिए उपलब्ध हैं। अन्य 10 व्हील चेयर टूट चुकी हैं। जब मरीज के साथ तीन से अधिक तीमारदार होते हैं, तो वह टूटी व्हील चेयर व स्ट्रेचर से भी काम चला लेते हैं। एक-दो तीमारदार होते हैं तो इंतजार करना पड़ता है।

ट्रॉमा सेंटर की एक्सरे मशीन भी खराब

ट्रॉमा सेंटर की एक्सरे मशीन पिछले दो महीने से खराब है। मरीजों को एक्सरे के लिए नई बिल्डिंग भेजा जाता है, जो काफी दूर है। रोड भी उबड़-खाबड़ है। ऐसे में रोज तीन -चार स्ट्रेचर और एक-दो व्हील चेयर के पहिये टूटते हैं।

स्ट्रेचर सही करने वाले का स्वास्थ्य नहीं ठीक है। बृहस्पतिवार को सभी खराब स्ट्रेचरों की मरम्मत हो जाएगी। मुझे मरीज के बारे में जैसे ही जानकारी मिली तुरंत स्ट्रेचर उपलब्ध करा दिया गया था। - डॉ. वीके पांडेय, प्राचार्य, मोती लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज।

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