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Ambedkar Nagar News: मां के ऋण को कोई नहीं चुका सकता
संवाद न्यूज एजेंसी, अम्बेडकरनगर
Updated Tue, 09 Dec 2025 11:08 PM IST
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बसखारी (अंबेडकरनगर)। टांडा के परसायेकला देवीपुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में मंगलवार को प्रवाचक आचार्य अनूप बाजपेयी ने प्रजापति दक्ष और भगवान शिव से संबंधित रोचक प्रसंगों को प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि राजा घोषित होने पर प्रजापति दक्ष के सम्मान में आयोजित भव्य सभा में सभी लोग खड़े हुए, लेकिन भगवान शिव नहीं उठे। दक्ष ने इसे अपना अपमान समझ लिया और उनके प्रति मन में द्वेष भर लिया। बाद में दक्ष के यज्ञ में सभी देवताओं को बुलाया गया, परंतु भगवान शिव को आमंत्रण नहीं भेजा गया।
यज्ञ की जानकारी मिलने पर माता सती मायके जाने को उत्सुक हुईं। भगवान शिव ने बिना निमंत्रण जाने से मना किया, लेकिन सती के आग्रह पर अंततः अनुमति दे दी। यज्ञ स्थल पर पहुंचने पर दक्ष ने पहले ही सभी को सती से बात न करने की हिदायत दे रखी थी। इसके बावजूद माता मैना ने बेटी को देखकर गले लगाया और स्नेह से स्वागत किया। प्रवाचक ने कहा कि संसार में मां के समान कोई नहीं होता। मां जीवन की पहली गुरु है। उनका आशीर्वाद मनुष्य को आगे बढ़ने की शक्ति देता है, जबकि मां की पीड़ा और आह जीवन में बाधाएं खड़ी कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि मां का ऋण कोई नहीं चुका सकता, इसलिए माता–पिता का सम्मान सबसे आवश्यक है। क्रोध और अपमान के प्रभाव में लिया गया निर्णय परिवार को तोड़ देता है। घर में संवाद, आदर, प्रेम और विनम्रता ही रिश्तों को मजबूत बनाते हैं। कथा के दौरान लालबिहारी तिवारी, गोविंद तिवारी, श्रीधर तिवारी, जितेंद्र उपाध्याय, दीपक शुक्ला, सत्यम उपाध्याय सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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