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Ambedkar Nagar News: चेयरमैन बने रहेंगे ओमकार गुप्ता
संवाद न्यूज एजेंसी, अम्बेडकरनगर
Updated Fri, 12 Dec 2025 12:16 AM IST
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नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा कार्यालय।
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अंबेडकरनगर। नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा चेयरमैन ओमकार गुप्ता का चुनाव निरस्त करने के एडीजे कोर्ट के आदेश को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। ओमकार गुप्ता के चेयरमैन बने रहने और प्रशासक की नियुक्ति के आदेश को रद्द करने पर भी मुहर लगा दी है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद चेयरमैन खेमे में हर्ष की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर बधाइयों का दौर चल रहा है।
15 नवंबर 2025 को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम परविंद कुमार ने नामांकन के दौरान दाखिल किए शपथ पत्र में आपराधिक मामलों की जानकारी न देने पर चुनाव निरस्त करने का आदेश दिया था। इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से नगर पंचायत के संचालन के लिए प्रशासक की नियुक्ति कर दी गई थी। इस आदेश के बाद चेयरमैन ओमकार गुप्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
ओमकार गुप्ता ने अपील में बताया था कि उनके चुनाव को चुनौती देने वाली निर्वाचन याचिका 18 जुलाई 2023 को दायर हुई थी, जबकि परिणाम 13 मई 2023 को घोषित हुआ था। नगर पालिका अधिनियम के अनुसार निर्वाचन याचिका 30 दिनों के भीतर दाखिल होनी चाहिए, इसलिए यह याचिका समय-सीमा से बाहर थी। एडीजे ने मियाद अधिनियम का लाभ दिया और याचिका को स्वीकार कर ली थी। चेयरमैन की याचिका पर हाईकोर्ट की कोर्ट संख्या 17 में न्यायाधीश सुभाष विद्यार्थी ने सुनवाई की।
इस पर दोनों पक्षों की अपील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की ओर से बीती 4 नवंबर को पारित आदेश परिसीमन अधिनियम के तहत आवेदन को स्वीकार करना, 15 नवंबर 2025 के चुनाव याचिका को स्वीकार करने के आदेश को रद्द किया जाता है। कोर्ट ने टिप्पणी भी कि एडीजे कोर्ट का आदेश कानूनी दृष्टि से अस्थिर है। परिसीमन अवधि समाप्त होने के कारण चुनाव याचिका खारिज की जानी चाहिए थी। जिला मजिस्ट्रेट की ओर से 19 नवंबर को प्रशासक नियुक्ति का आदेश भी खारिज कर दिया गया है।
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15 नवंबर 2025 को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम परविंद कुमार ने नामांकन के दौरान दाखिल किए शपथ पत्र में आपराधिक मामलों की जानकारी न देने पर चुनाव निरस्त करने का आदेश दिया था। इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से नगर पंचायत के संचालन के लिए प्रशासक की नियुक्ति कर दी गई थी। इस आदेश के बाद चेयरमैन ओमकार गुप्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
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ओमकार गुप्ता ने अपील में बताया था कि उनके चुनाव को चुनौती देने वाली निर्वाचन याचिका 18 जुलाई 2023 को दायर हुई थी, जबकि परिणाम 13 मई 2023 को घोषित हुआ था। नगर पालिका अधिनियम के अनुसार निर्वाचन याचिका 30 दिनों के भीतर दाखिल होनी चाहिए, इसलिए यह याचिका समय-सीमा से बाहर थी। एडीजे ने मियाद अधिनियम का लाभ दिया और याचिका को स्वीकार कर ली थी। चेयरमैन की याचिका पर हाईकोर्ट की कोर्ट संख्या 17 में न्यायाधीश सुभाष विद्यार्थी ने सुनवाई की।
इस पर दोनों पक्षों की अपील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की ओर से बीती 4 नवंबर को पारित आदेश परिसीमन अधिनियम के तहत आवेदन को स्वीकार करना, 15 नवंबर 2025 के चुनाव याचिका को स्वीकार करने के आदेश को रद्द किया जाता है। कोर्ट ने टिप्पणी भी कि एडीजे कोर्ट का आदेश कानूनी दृष्टि से अस्थिर है। परिसीमन अवधि समाप्त होने के कारण चुनाव याचिका खारिज की जानी चाहिए थी। जिला मजिस्ट्रेट की ओर से 19 नवंबर को प्रशासक नियुक्ति का आदेश भी खारिज कर दिया गया है।