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Amethi News: बच्चों के लिए नया अनुभव बनेगा बैगलेस-डे
संवाद न्यूज एजेंसी, अमेठी
Updated Fri, 21 Nov 2025 12:25 AM IST
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अमेठी सिटी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत जिले के 1519 परिषदीय स्कूल में बैगलेस डे लागू करने की तैयारी तेज हो गई है। इस पहल से 134226 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। कक्षा छह से आठ के छात्र पूरे सत्र में दस दिन बिना बैग स्कूल आएंगे। इन दिनों कक्षा का माहौल बदलकर गतिविधि आधारितकला, खेल, समूह कार्य, हस्तकला और परिसर से जुड़े कार्यों के माध्यम से बच्चों को सीखने का नया अनुभव मिलेगा।
उच्च प्राथमिक, कंपोजिट विद्यालय और केजीबीवी को योजना में शामिल किया गया है। कार्यक्रम में तय गतिविधियां बच्चों को प्रयोगात्मक समझ देंगी। स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों के कार्य को नजदीक से जानने का अवसर मिलेगा। इससे बच्चों में स्थानीय संस्कृति की समझ विकसित होगी और सामुदायिक जुड़ाव मजबूत होगा।
इसके माध्यम से विद्यार्थियों को वोकेशनल क्राफ्ट, गार्डनिंग, इलेक्ट्रिक वर्क, मेटल वर्क और परियोजना आधारित कार्यों से जोड़ा जाएगा। उम्मीद है कि बच्चे विषयों को व्यवहारिकता रूप से समझ पाएंगे और आत्मविश्वास बढ़ेगा।
बैगलेस डे के तय दिन
नवंबर- तीसरा, चौथा शनिवार
दिसंबर- पहला, दूसरा, तीसरा, चौथा शनिवार
जनवरी- तीसरा, चौथा शनिवार
फरवरी- पहला, दूसरा शनिवार
आनंदम मार्गदर्शिका में शामिल 34 गतिविधियां
विज्ञान, पर्यावरण, प्रौद्योगिकी, सार्वजनिक कार्यालय, स्थानीय उद्योग, कला, संस्कृति और इतिहास से जुड़ी गतिविधियां शामिल हैं। इन्हें तीन हिस्सों में विभाजित किया गया है, ताकि विद्यार्थी अलग क्षेत्रों की जानकारी व्यावहारिक ढंग से सीख सकें। बैगलेस डे पर अभिभावकों को भी स्कूल बुलाया जाएगा। उद्देश्य है कि अभिभावक बच्चों की सीखने की प्रक्रिया में सहयोग कर सकें।
मिलेगा सीखने का अवसर
बैगलेड-डे पर गतिविधियां बच्चों की रुचि के अनुरूप कराई जाएंगी। इससे बच्चों को कक्षा के बाहर सीखने का अवसर मिलने से उनकी समझ मजबूत होगी। कहा कि नई व्यवस्था विद्यार्थियों में स्थानीय इतिहास, कला, संस्कृति और पर्यावरण की जानकारी का मार्ग खोलेगी। विभाग का लक्ष्य है कि हर विद्यालय अच्छा कार्य करे और प्रत्येक बच्चा योजना से लाभ प्राप्त कर सके।
संजय कुमार तिवारी, बीएसए
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उच्च प्राथमिक, कंपोजिट विद्यालय और केजीबीवी को योजना में शामिल किया गया है। कार्यक्रम में तय गतिविधियां बच्चों को प्रयोगात्मक समझ देंगी। स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों के कार्य को नजदीक से जानने का अवसर मिलेगा। इससे बच्चों में स्थानीय संस्कृति की समझ विकसित होगी और सामुदायिक जुड़ाव मजबूत होगा।
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इसके माध्यम से विद्यार्थियों को वोकेशनल क्राफ्ट, गार्डनिंग, इलेक्ट्रिक वर्क, मेटल वर्क और परियोजना आधारित कार्यों से जोड़ा जाएगा। उम्मीद है कि बच्चे विषयों को व्यवहारिकता रूप से समझ पाएंगे और आत्मविश्वास बढ़ेगा।
बैगलेस डे के तय दिन
नवंबर- तीसरा, चौथा शनिवार
दिसंबर- पहला, दूसरा, तीसरा, चौथा शनिवार
जनवरी- तीसरा, चौथा शनिवार
फरवरी- पहला, दूसरा शनिवार
आनंदम मार्गदर्शिका में शामिल 34 गतिविधियां
विज्ञान, पर्यावरण, प्रौद्योगिकी, सार्वजनिक कार्यालय, स्थानीय उद्योग, कला, संस्कृति और इतिहास से जुड़ी गतिविधियां शामिल हैं। इन्हें तीन हिस्सों में विभाजित किया गया है, ताकि विद्यार्थी अलग क्षेत्रों की जानकारी व्यावहारिक ढंग से सीख सकें। बैगलेस डे पर अभिभावकों को भी स्कूल बुलाया जाएगा। उद्देश्य है कि अभिभावक बच्चों की सीखने की प्रक्रिया में सहयोग कर सकें।
मिलेगा सीखने का अवसर
बैगलेड-डे पर गतिविधियां बच्चों की रुचि के अनुरूप कराई जाएंगी। इससे बच्चों को कक्षा के बाहर सीखने का अवसर मिलने से उनकी समझ मजबूत होगी। कहा कि नई व्यवस्था विद्यार्थियों में स्थानीय इतिहास, कला, संस्कृति और पर्यावरण की जानकारी का मार्ग खोलेगी। विभाग का लक्ष्य है कि हर विद्यालय अच्छा कार्य करे और प्रत्येक बच्चा योजना से लाभ प्राप्त कर सके।
संजय कुमार तिवारी, बीएसए