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Amethi News: दूसरे दिन भी नहीं मिला सियार, सतर्कता रहने की अपील
संवाद न्यूज एजेंसी, अमेठी
Updated Fri, 21 Nov 2025 12:28 AM IST
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बाजार शुकुल। दक्खिनगांव क्यार,पूरे भवनी और मांझ गांव में बुधवार को सियार के हमले के बाद से दहशत व्याप्त है। सियार के काटने से चार महिलाएं घायल हो चुकी हैं। वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों के साथ मिलकर सियार को पकड़ने का प्रयास कर रही है। हालांकि दूसरे दिन भी टीम के हाथ खाली रहे। वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को सतर्कता बरतने की नसीहत के साथ सियार के दिखते ही इसकी सूचना देने की बात कही है।
क्षेत्र के पूरे भवनी गांव में सियारके हमले में चार महिलाओं के घायल होने की सूचना के बाद से ही वनकर्मियों ने कांबिग तेज कर दी है। गन्ने के खेतों के पास जाल लगाने के साथ ही सियार को पकड़ने की कवायद की जा रही है। वन दरोगा पंकज कुमार , वनमाली नियाज अहमद,असफाक अहमद टीम के साथ गांव में डटे हैं। बताया जाता है कि हमले के बाद से अब तक सियार नहीं दिखा है। पूरे भवानी गांव से प्राथमिक विद्यालय तक करीब 100 बीघा दायरे में गन्ने की फसल है। वनकर्मियों ने आशंका जताई है कि सियार गन्ने के खेतों में छिपा हो सकता है।
डरे सहमे बच्चे नहीं गए स्कूल
सियार के हमले के डरे सहमे इलाके के बच्चे बृहस्पतिवार को स्कूल नहीं गए। प्राथमिक विद्यालय मनिकापुर के प्रधानाध्यापक आदित्य प्रकाश वर्मा ने बताया कि सुबह सिर्फ चार-पांच बच्चे ही स्कूल आए। अभिभावक बच्चों को अकेला भेजने से डर रहे हैं। प्रधानाध्यापक ने अभिभावकों से संपर्क कर कुछ बच्चों को स्कूल अपने साथ लाए और बाद में उन्हें सुरक्षित घर भी छोड़ा।
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क्षेत्र के पूरे भवनी गांव में सियारके हमले में चार महिलाओं के घायल होने की सूचना के बाद से ही वनकर्मियों ने कांबिग तेज कर दी है। गन्ने के खेतों के पास जाल लगाने के साथ ही सियार को पकड़ने की कवायद की जा रही है। वन दरोगा पंकज कुमार , वनमाली नियाज अहमद,असफाक अहमद टीम के साथ गांव में डटे हैं। बताया जाता है कि हमले के बाद से अब तक सियार नहीं दिखा है। पूरे भवानी गांव से प्राथमिक विद्यालय तक करीब 100 बीघा दायरे में गन्ने की फसल है। वनकर्मियों ने आशंका जताई है कि सियार गन्ने के खेतों में छिपा हो सकता है।
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डरे सहमे बच्चे नहीं गए स्कूल
सियार के हमले के डरे सहमे इलाके के बच्चे बृहस्पतिवार को स्कूल नहीं गए। प्राथमिक विद्यालय मनिकापुर के प्रधानाध्यापक आदित्य प्रकाश वर्मा ने बताया कि सुबह सिर्फ चार-पांच बच्चे ही स्कूल आए। अभिभावक बच्चों को अकेला भेजने से डर रहे हैं। प्रधानाध्यापक ने अभिभावकों से संपर्क कर कुछ बच्चों को स्कूल अपने साथ लाए और बाद में उन्हें सुरक्षित घर भी छोड़ा।