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Amethi News: तीन दोस्तों की अर्थियां उठीं तो रो पड़ा महाराजपुर
संवाद न्यूज एजेंसी, अमेठी
Updated Mon, 24 Nov 2025 12:34 AM IST
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महाराजपुर गांव में गमगीन मृतक के परिजन। स्त्रोत : ग्रामीण
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अमेठी। महाराजपुर गांव में रविवार सुबह अलग-अलग घरों से एक साथ तीन अर्थियां उठीं। इस दौरान उनके परिजनों का करुण क्रंदन सुनकर हर किसी की आंख नम हो गई। लांस नायक उत्कर्ष सिंह का पार्थिव शरीर मानिकपुर घाट ले जाया गया। अंशू को शृंग्वेरपुर घाट पर अंतिम विदाई दी गई। फिनांस कर्मी बजरंग सिंह का अंतिम संस्कार गांव में किया गया।
पीपरपुर के हारीपुर में दोस्त हीरालाल के वैवाहिक कार्यक्रम से घर लौटते समय शुक्रवार रात अमेठी-सुल्तानपुर मार्ग पर थौरा के पास डीसीएम से भिंड़त के बाद महाराजपुर गांव निवासी तीन दोस्तों उत्कर्ष सिंह (32), बजरंग सिंह (27) और बृजेश उर्फ अंशू (30) की मौत हो गई। शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद देर शाम तीनों के शव गांव पहुंचे थे। रविवार सुबह जैसे ही तीनों की अर्थियां एक साथ उठीं, गांव में रोने की फिर चीख-पुकार मच गई।
लांस नायक उत्कर्ष सिंह की विदाई में डोगरा रेजिमेंट की टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। सैन्य सलामी के दौरान परिजन खुद को संभाल नहीं सके। पिता शेरबहादुर का बार-बार मूर्छित होना लोगों का दिल पिघला गया। पत्नी सोनम के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।
छोटे बच्चे माही और रुद्र मां से लिपटकर रोते रहे। रिश्तेदार और ग्रामीण सुबह से ही जमा रहे। हर कोई टूटे परिवारों को सांत्वना देने में जुटा रहा। बजरंग की पत्नी मुस्कान का रो-रोकर बुरा हाल रहा। एक साल के बेटे ने पिता के शव को छूकर रोना शुरू किया तो वहां मौजूद लोग भी भावुक हो गए।
अंशू की मौत ने मां माधुरी को तोड़ दिया। वह लगातार बेटे का नाम लेकर पुकारती रहीं। पिता बृजेश और बहनें प्रतिमा व पूनम भी गहरे सदमे में दिखे। अचानक हुए हादसे ने गांव में तीन घरों के दीप बुझा दिए। तीनों युवकों की मौत से हर घर में शोक छाया है। रिश्तेदारों और ग्रामीणों की भीड़ दिनभर जुटी रही। गांव में एक साथ तीन शव देखकर लोग स्तब्ध रह गए। हर कोई यही कहता सुनाई दिया कि इतनी बड़ी त्रासदी गांव ने पहले कभी नहीं देखी।
जवानों ने लांस नायक को दिया कंधा
महराजपुर गांव में रविवार को डोगरा रेजिमेंट सेंटर अयोध्या से आया विशेष वाहन उत्कर्ष सिंह की अंतिम विदाई के लिए पहुंचा। वाहन को सम्मानपूर्वक सजाया गया। बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। पार्थिव शरीर को बाद में मानिकपुर घाट ले जाया गया। अंतिम संस्कार में फोर रैपिड डिवीजन, डोगरा रेजिमेंट और राजपूत रेजिमेंट के जवान मौजूद रहे। तीनों इकाइयों के जवानों ने कंधा दिया और गार्ड सम्मान अर्पित किया। सूबेदार कुलदीप सिंह, सूबेदार शिवदेव सिंह व सूबेदार अंकुर सिंह भी विदाई के दौरान मौजूद रहे।
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लांस नायक उत्कर्ष सिंह की विदाई में डोगरा रेजिमेंट की टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। सैन्य सलामी के दौरान परिजन खुद को संभाल नहीं सके। पिता शेरबहादुर का बार-बार मूर्छित होना लोगों का दिल पिघला गया। पत्नी सोनम के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।
छोटे बच्चे माही और रुद्र मां से लिपटकर रोते रहे। रिश्तेदार और ग्रामीण सुबह से ही जमा रहे। हर कोई टूटे परिवारों को सांत्वना देने में जुटा रहा। बजरंग की पत्नी मुस्कान का रो-रोकर बुरा हाल रहा। एक साल के बेटे ने पिता के शव को छूकर रोना शुरू किया तो वहां मौजूद लोग भी भावुक हो गए।
अंशू की मौत ने मां माधुरी को तोड़ दिया। वह लगातार बेटे का नाम लेकर पुकारती रहीं। पिता बृजेश और बहनें प्रतिमा व पूनम भी गहरे सदमे में दिखे। अचानक हुए हादसे ने गांव में तीन घरों के दीप बुझा दिए। तीनों युवकों की मौत से हर घर में शोक छाया है। रिश्तेदारों और ग्रामीणों की भीड़ दिनभर जुटी रही। गांव में एक साथ तीन शव देखकर लोग स्तब्ध रह गए। हर कोई यही कहता सुनाई दिया कि इतनी बड़ी त्रासदी गांव ने पहले कभी नहीं देखी।
जवानों ने लांस नायक को दिया कंधा
महराजपुर गांव में रविवार को डोगरा रेजिमेंट सेंटर अयोध्या से आया विशेष वाहन उत्कर्ष सिंह की अंतिम विदाई के लिए पहुंचा। वाहन को सम्मानपूर्वक सजाया गया। बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। पार्थिव शरीर को बाद में मानिकपुर घाट ले जाया गया। अंतिम संस्कार में फोर रैपिड डिवीजन, डोगरा रेजिमेंट और राजपूत रेजिमेंट के जवान मौजूद रहे। तीनों इकाइयों के जवानों ने कंधा दिया और गार्ड सम्मान अर्पित किया। सूबेदार कुलदीप सिंह, सूबेदार शिवदेव सिंह व सूबेदार अंकुर सिंह भी विदाई के दौरान मौजूद रहे।

महाराजपुर गांव में गमगीन मृतक के परिजन। स्त्रोत : ग्रामीण