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Amethi News: मनुष्य को अवश्य मिलता है पाप के कर्मों का फल
संवाद न्यूज एजेंसी, अमेठी
Updated Fri, 05 Dec 2025 01:19 AM IST
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संग्रामपुर के ठेंगहा में श्रीमद्भागवत कथा सुनते श्रद्धालु। स्त्रोत : आयोजक
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संग्रामपुर। ठेंगहा में श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन बृहस्पतिवार को जड़भरत संवाद, गजेंद्र मोक्ष की कथा सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। प्रवाचक आचार्य पंडित शिवशंकर शास्त्री ने भागवत के गूढ़ तत्व बताए।
राजा रहूगढ़ और जड़भरत के बीच हुए आध्यात्मिक संवाद का उल्लेख करते हुए कहा कि यह प्रसंग मनुष्य को अहंकार से बचने, कर्तव्य निभाने और आत्मज्ञान की ओर उन्मुख होने का संदेश देता है। प्रवाचक ने बताया कि मनुष्य को पाप कर्मों का फल अवश्य मिलता है। अधर्म, हिंसा, छल-कपट और विषय वासनाएं मनुष्य को दुख और अंधकार की ओर ले जाती हैं, जबकि सद्कर्म, संयम और सेवा ही जीवन को पवित्र बनाते हैं। श्रोताओं ने मन से बुराइयों को त्यागने का संकल्प लिया।
प्रवाचक ने गजेंद्र मोक्ष के प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि जैसे भक्त गजेंद्र की पुकार पर भगवान विष्णु का तत्काल प्रकट होना करुणा, भक्ति और आश्रय का अद्भुत उदाहरण है। आचार्य ने गजेंद्र की समर्पित स्तुति का वर्णन किया, जिसे सुनकर श्रोताओं की आंखें नम हो गईं और पूरा पंडाल हरे राम हरे कृष्ण के जयघोष से गूंज उठा।
इस मौके पर जगदीश नारायण अग्रहरि, हरिबक्स सिंह, रणजीत सिंह, कपिल बरनवाल, सत्य प्रकाश ओझा, सूरज सिंह, हुकुमचंद्र, यज्ञ नारायण तिवारी, रघुनाथ पांडेय, लक्ष्मीकांत, पुष्पराज सिंह, गायत्री प्रसाद, रामलखन, बजरंग प्रसाद, चित्रकूट मणि, राधेश्याम तिवारी, महादेव बरनवाल आदि मौजूद रहे।
गिरीश त्रिपाठी, 7355313155
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राजा रहूगढ़ और जड़भरत के बीच हुए आध्यात्मिक संवाद का उल्लेख करते हुए कहा कि यह प्रसंग मनुष्य को अहंकार से बचने, कर्तव्य निभाने और आत्मज्ञान की ओर उन्मुख होने का संदेश देता है। प्रवाचक ने बताया कि मनुष्य को पाप कर्मों का फल अवश्य मिलता है। अधर्म, हिंसा, छल-कपट और विषय वासनाएं मनुष्य को दुख और अंधकार की ओर ले जाती हैं, जबकि सद्कर्म, संयम और सेवा ही जीवन को पवित्र बनाते हैं। श्रोताओं ने मन से बुराइयों को त्यागने का संकल्प लिया।
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प्रवाचक ने गजेंद्र मोक्ष के प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि जैसे भक्त गजेंद्र की पुकार पर भगवान विष्णु का तत्काल प्रकट होना करुणा, भक्ति और आश्रय का अद्भुत उदाहरण है। आचार्य ने गजेंद्र की समर्पित स्तुति का वर्णन किया, जिसे सुनकर श्रोताओं की आंखें नम हो गईं और पूरा पंडाल हरे राम हरे कृष्ण के जयघोष से गूंज उठा।
इस मौके पर जगदीश नारायण अग्रहरि, हरिबक्स सिंह, रणजीत सिंह, कपिल बरनवाल, सत्य प्रकाश ओझा, सूरज सिंह, हुकुमचंद्र, यज्ञ नारायण तिवारी, रघुनाथ पांडेय, लक्ष्मीकांत, पुष्पराज सिंह, गायत्री प्रसाद, रामलखन, बजरंग प्रसाद, चित्रकूट मणि, राधेश्याम तिवारी, महादेव बरनवाल आदि मौजूद रहे।
गिरीश त्रिपाठी, 7355313155