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Amethi News: लावारिस शवों का सामूहिक तर्पण
संवाद न्यूज एजेंसी, अमेठी
Updated Fri, 19 Sep 2025 12:48 AM IST
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ठेंगहा के मालती नदी तट पर अज्ञात मृतकों के लिए तर्पण करते स्थानीय लोग।-संवाद
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अमेठी। जिले में पहली बार पितृ पक्ष में लावारिस शवों का सामूहिक तर्पण और पिंडदान बृहस्पतिवार को किया गया। अमर उजाला की खबर से प्रेरित होकर मालती नदी के रामघाट पर हुए इस आयोजन ने समाज को गहरी सोच और मानवता की नई दिशा दी।
प्रत्येक साल जिले में रेल ट्रैक, सड़कों, नदी-नालों व तालाबों से बड़ी संख्या अज्ञात शव बरामद होते हैं। पुलिस उनकी शिनाख्त न होने पर अंतिम संस्कार तो करा देती है, लेकिन श्राद्ध और तर्पण नहीं हो पाता था। अमर उजाला ने सोमवार को प्रकाशित खबर तर्पण को तरसती हैं लावारिस शवों की आत्माएं के जरिये इस पीड़ा को सामने रखा था। खबर से प्रेरित होकर श्रद्धालुओं और समाज के जिम्मेदार लोगों ने मिलकर इन दिवंगतों के सामूहिक तर्पण का संकल्प लिया।
आचार्य त्रिवेणी प्रसाद मिश्र की अगुवाई में यह पहल हुई। पंडित मानस ओझा ने विधिविधान से सामूहिक रूप से पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कराया। मंत्रोच्चार और वेदपाठ के बीच श्रद्धालुओं ने जल अर्पित कर लावारिस शवों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। आचार्य त्रिवेणी प्रसाद मिश्र ने बताया कि यह आयोजन जिले में पहली बार हुआ है।
अब यह परंपरा हर साल पितृ पक्ष में जारी रहेगी, ताकि लावारिस शवों की आत्माओं को भटकना न पड़े और उन्हें भी श्राद्ध का पुण्य मिल सके। इस मौके पर करुणेश चंद्र मिश्र, आशुतोष मिश्र, संजय सिंह, जगदंबा मिश्र, पुलक मिश्र, रविंद, मुन्ना तिवारी, रिषभ आदि मौजूद रहे और सभी ने तर्पण कर मानवता का संदेश दिया।

प्रत्येक साल जिले में रेल ट्रैक, सड़कों, नदी-नालों व तालाबों से बड़ी संख्या अज्ञात शव बरामद होते हैं। पुलिस उनकी शिनाख्त न होने पर अंतिम संस्कार तो करा देती है, लेकिन श्राद्ध और तर्पण नहीं हो पाता था। अमर उजाला ने सोमवार को प्रकाशित खबर तर्पण को तरसती हैं लावारिस शवों की आत्माएं के जरिये इस पीड़ा को सामने रखा था। खबर से प्रेरित होकर श्रद्धालुओं और समाज के जिम्मेदार लोगों ने मिलकर इन दिवंगतों के सामूहिक तर्पण का संकल्प लिया।
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आचार्य त्रिवेणी प्रसाद मिश्र की अगुवाई में यह पहल हुई। पंडित मानस ओझा ने विधिविधान से सामूहिक रूप से पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कराया। मंत्रोच्चार और वेदपाठ के बीच श्रद्धालुओं ने जल अर्पित कर लावारिस शवों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। आचार्य त्रिवेणी प्रसाद मिश्र ने बताया कि यह आयोजन जिले में पहली बार हुआ है।
अब यह परंपरा हर साल पितृ पक्ष में जारी रहेगी, ताकि लावारिस शवों की आत्माओं को भटकना न पड़े और उन्हें भी श्राद्ध का पुण्य मिल सके। इस मौके पर करुणेश चंद्र मिश्र, आशुतोष मिश्र, संजय सिंह, जगदंबा मिश्र, पुलक मिश्र, रविंद, मुन्ना तिवारी, रिषभ आदि मौजूद रहे और सभी ने तर्पण कर मानवता का संदेश दिया।