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Amethi News: सत्यापन के नाम पर गर्भवती से ठगे 36 हजार रुपये
संवाद न्यूज एजेंसी, अमेठी
Updated Mon, 20 Oct 2025 12:39 AM IST
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अमेठी सिटी। जामों के रामपुर चौधरी गांव की गर्भवती ज्ञानमती शनिवार को साइबर ठगों का शिकार हो गईं। ठगों ने स्वयं को सीएमओ कार्यालय का कर्मचारी बताते हुए सत्यापन के बहाने बैंक डिटेल पूछकर 36 हजार रुपये निकाल लिए।
ज्ञानमती ने बताया कि शनिवार को आशा बहू कमलेश के पास फोन आया। कॉलर ने खुद को सीएमओ कार्यालय से मनीष बताते हुए कहा कि गर्भवती और प्रसूता महिलाओं का सत्यापन किया जा रहा है। कई महिलाओं के नाम बताते हुए उसने ज्ञानमती से बात करने को कहा। आशा ने जब उनकी बात कराई तो कॉलर ने दवाओं और जांच की जानकारी लेते हुए उनका मोबाइल नंबर नोट किया।
कुछ देर बाद फिर फोन आया और ठग ने दवाओं व अनुदान की राशि देने का झांसा देते हुए बैंक डिटेल मांगी। विश्वास में आकर ज्ञानमती ने ओटीपी बता दिया। कुछ ही देर बाद उनके खाते से 36 हजार रुपये निकल गए। ठगी का पता चलने पर उन्होंने ऑनलाइन शिकायत दर्ज की। साइबर थाना प्रभारी राजेश कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आने पर जांच की जाएगी।
जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी विजय कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसी भी प्रकार का सत्यापन फोन पर नहीं किया जाता है। विभागीय टीम घर या गांव में जाकर सत्यापन करती है। किसी अनजान व्यक्ति को बैंक या ओटीपी संबंधी जानकारी देना खतरनाक साबित हो सकता है।

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ज्ञानमती ने बताया कि शनिवार को आशा बहू कमलेश के पास फोन आया। कॉलर ने खुद को सीएमओ कार्यालय से मनीष बताते हुए कहा कि गर्भवती और प्रसूता महिलाओं का सत्यापन किया जा रहा है। कई महिलाओं के नाम बताते हुए उसने ज्ञानमती से बात करने को कहा। आशा ने जब उनकी बात कराई तो कॉलर ने दवाओं और जांच की जानकारी लेते हुए उनका मोबाइल नंबर नोट किया।
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कुछ देर बाद फिर फोन आया और ठग ने दवाओं व अनुदान की राशि देने का झांसा देते हुए बैंक डिटेल मांगी। विश्वास में आकर ज्ञानमती ने ओटीपी बता दिया। कुछ ही देर बाद उनके खाते से 36 हजार रुपये निकल गए। ठगी का पता चलने पर उन्होंने ऑनलाइन शिकायत दर्ज की। साइबर थाना प्रभारी राजेश कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आने पर जांच की जाएगी।
जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी विजय कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसी भी प्रकार का सत्यापन फोन पर नहीं किया जाता है। विभागीय टीम घर या गांव में जाकर सत्यापन करती है। किसी अनजान व्यक्ति को बैंक या ओटीपी संबंधी जानकारी देना खतरनाक साबित हो सकता है।