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Auraiya News: 700 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर का होगा कायाकल्प
संवाद न्यूज एजेंसी, औरैया
Updated Sun, 21 Dec 2025 12:04 AM IST
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फोटो-2- जगन्नाथजी मंदिर का दृश्य। संवाद
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औरैया। अजीतमल क्षेत्र के गांव जगन्नाथपुर में 700 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर का कायाकल्प किया जाएगा।
इसकी सुध सदर विधायक गुड़िया कठेरिया ने ली है। उन्होंने पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री को पत्र लिखकर मंदिर के कायाकल्प के लिए प्रस्ताव भेजा है। अब जिला प्रशासन ने भी इस मंदिर का कायाकल्प करने के लिए सर्वे को हरी झंडी दे दी है।
सदर विधायक की ओर से इससे पहले जैतापुर गांव स्थित काली माता मंदिर के सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव दिया गया था। यहां पर कास्तकारों की जमीन होने की वजह से यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया। पर्यटन विभाग की ओर से काली माता मंदिर को संवारने का काम शुरू नहीं कराया जा सका।
अब सदर विधायक ने अजीतमल क्षेत्र के जगन्नाथजी मंदिर का संज्ञान लिया है। 700 साल पुराने इस मंदिर का दायरा 12 बीघा में फैला हुआ है। यहां पर श्रद्धालुओं के लिए जरूरी इंतजाम नहीं है। दूर-दराज से यहां पर रोजाना काफी श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर में कदंब के अनगिनत पेड़ हैं।
मंदिर परिसर में बने तालाब का अमृत सरोवर योजना के तहत कायाकल्प किया जा चुका है। अब मंदिर परिसर में कायाकल्प की तैयारी शुरू की गई है। पर्यटन विभाग की ओर से जल्द ही सर्वे का काम कराते हुए शासन में बजट की मांग की जाएगी।
गांव निवासी राधेश्याम व छोटेलाल ने बताया कि पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि कदंब के पेड़ों की गिनती कभी सही नहीं हो पाती है। जितनी बार गिनती होती है, उतनी बार अंतर आता है।
सदर विधायक गुड़िया कठेरिया ने बताया कि जगन्नाथजी मंदिर के कायाकल्प को लेकर पर्यटन मंत्री को प्रस्ताव भेजा गया है। वहीं पर्यटन विभाग से मंदिर के सौंदर्यीकरण को लेकर सर्वे कराने को कहा गया है। (संवाद)
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इसकी सुध सदर विधायक गुड़िया कठेरिया ने ली है। उन्होंने पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री को पत्र लिखकर मंदिर के कायाकल्प के लिए प्रस्ताव भेजा है। अब जिला प्रशासन ने भी इस मंदिर का कायाकल्प करने के लिए सर्वे को हरी झंडी दे दी है।
सदर विधायक की ओर से इससे पहले जैतापुर गांव स्थित काली माता मंदिर के सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव दिया गया था। यहां पर कास्तकारों की जमीन होने की वजह से यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया। पर्यटन विभाग की ओर से काली माता मंदिर को संवारने का काम शुरू नहीं कराया जा सका।
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अब सदर विधायक ने अजीतमल क्षेत्र के जगन्नाथजी मंदिर का संज्ञान लिया है। 700 साल पुराने इस मंदिर का दायरा 12 बीघा में फैला हुआ है। यहां पर श्रद्धालुओं के लिए जरूरी इंतजाम नहीं है। दूर-दराज से यहां पर रोजाना काफी श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर में कदंब के अनगिनत पेड़ हैं।
मंदिर परिसर में बने तालाब का अमृत सरोवर योजना के तहत कायाकल्प किया जा चुका है। अब मंदिर परिसर में कायाकल्प की तैयारी शुरू की गई है। पर्यटन विभाग की ओर से जल्द ही सर्वे का काम कराते हुए शासन में बजट की मांग की जाएगी।
गांव निवासी राधेश्याम व छोटेलाल ने बताया कि पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि कदंब के पेड़ों की गिनती कभी सही नहीं हो पाती है। जितनी बार गिनती होती है, उतनी बार अंतर आता है।
सदर विधायक गुड़िया कठेरिया ने बताया कि जगन्नाथजी मंदिर के कायाकल्प को लेकर पर्यटन मंत्री को प्रस्ताव भेजा गया है। वहीं पर्यटन विभाग से मंदिर के सौंदर्यीकरण को लेकर सर्वे कराने को कहा गया है। (संवाद)
