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Auraiya News: यमुना में नहीं गिरेगा गंदा पानी, एसटीपी करेगी साफ
संवाद न्यूज एजेंसी, औरैया
Updated Thu, 18 Sep 2025 11:29 PM IST
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फोटो-18एयूआरपी01- यमुना नदी किनारा जहां गिरता है गंदा नाला। संवाद
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औरैया। शहर के 40 से ज्यादा नाली नालियों के जरिए घरों का गंदा पानी रोजाना जालौन रोड किनारे से यमुना नदी में गिर रहा है। अब यह गंदा पानी यमुना में नहीं गिरेगा। अवजल शोधन संयंत्र (एसटीपी) के जरिए जालौन रोड किनारे इस पानी को साफ किया जाएगा। इसके बाद इस साफ पानी को सिंचाई व अन्य कामों में प्रयोग भी किया जाएगा। शहर के गंदे पानी से अब यमुना में प्रदूषण रुक जाएगा। इस संयत्र को लेकर शासन स्तर से 70 करोड़ की मंजूरी मिल गई है। जल निगम इटावा को इसकी जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है।
औरैया शहर की आबादी 90 हजार के करीब है। प्रतिदिन घरों से निकला लाखों लीटर गंदा पानी नाला नालियों के जरिए यमुना में गिरता है। यमुना को दूषित होने से बचाने के लिए और इस पानी को सदुपयोग करने के लिए नगर पालिका के कदम मुकाम तक पहुंच गए हैं। अब एसटीपी के जरिए इस गंदे पानी को साफ ही नहीं किया जाएगा। इसे सिंचाई व अन्य कामों के सदुपयोग के काबिल भी बनाया जाएगा। पानी को शुद्ध करने के इस प्लांट को करीब दो साल के अंदर पूरा किया जाना है। जल निगम इटावा की ओर से इसे लेकर टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। फर्म चयन के बाद इस परियोजना को धरातल पर उतारा जाएगा। इस संयंत्र को लेकर जालौन रोड किनारे पानी की टंकी के पास जमीन चिह्नित की गई है। नगर पालिका अध्यक्ष अनूप गुप्ता ने बताया कि एसटीपी प्लांट को लेकर शासन स्तर से 70 करोड़ की मंजूरी मिल गई है। जमीन का चयन भी कर लिया गया है। कार्यदायी संस्था जल निगम इटावा अब इसे पूरा कराएगा।
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फोटो-18एयूआरपी04- आनंदनाथ गुप्ता। संवाद
तीन नाले यमुना को कर रहे हैं दूषित
समाज सेवी संगठन एक विचित्र पहल के संस्थापक आनंदनाथ गुप्ता बताते हैं कि उनका संगठन पिछले 10 सालों से यमुना में गिर रहे गंदे नाले पर रोक लगाने की मांग उठा रहा है। औरैया शहर के अलावा खानपुर, दयालपुर व मढ़ापुर गांव का गंदा पानी यमुना में गिर रहा है। यदि एसटीपी प्लांट बन गया तो यह बड़ी उपलब्धि होगी। गंदे नाले के पानी से यमुना नदी की मछलियों पर भी संकट गहराता है।
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वर्ष 2022 में एसटीपी का बना था खाका
नगर पालिका परिषद की ओर से यमुना में गिरने वाले गंदे नाले को लेकर एसटीपी का खाका साल 2022 में बनाया था लेकिन जानकार बताते हैं कि इसके एस्टीमेट में तमाम खांमियां थीं। ऐसे में प्रस्ताव को हरी झंडी नहीं मिल सकी लेकिन अब शासन स्तर से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।

औरैया शहर की आबादी 90 हजार के करीब है। प्रतिदिन घरों से निकला लाखों लीटर गंदा पानी नाला नालियों के जरिए यमुना में गिरता है। यमुना को दूषित होने से बचाने के लिए और इस पानी को सदुपयोग करने के लिए नगर पालिका के कदम मुकाम तक पहुंच गए हैं। अब एसटीपी के जरिए इस गंदे पानी को साफ ही नहीं किया जाएगा। इसे सिंचाई व अन्य कामों के सदुपयोग के काबिल भी बनाया जाएगा। पानी को शुद्ध करने के इस प्लांट को करीब दो साल के अंदर पूरा किया जाना है। जल निगम इटावा की ओर से इसे लेकर टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। फर्म चयन के बाद इस परियोजना को धरातल पर उतारा जाएगा। इस संयंत्र को लेकर जालौन रोड किनारे पानी की टंकी के पास जमीन चिह्नित की गई है। नगर पालिका अध्यक्ष अनूप गुप्ता ने बताया कि एसटीपी प्लांट को लेकर शासन स्तर से 70 करोड़ की मंजूरी मिल गई है। जमीन का चयन भी कर लिया गया है। कार्यदायी संस्था जल निगम इटावा अब इसे पूरा कराएगा।
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फोटो-18एयूआरपी04- आनंदनाथ गुप्ता। संवाद
तीन नाले यमुना को कर रहे हैं दूषित
समाज सेवी संगठन एक विचित्र पहल के संस्थापक आनंदनाथ गुप्ता बताते हैं कि उनका संगठन पिछले 10 सालों से यमुना में गिर रहे गंदे नाले पर रोक लगाने की मांग उठा रहा है। औरैया शहर के अलावा खानपुर, दयालपुर व मढ़ापुर गांव का गंदा पानी यमुना में गिर रहा है। यदि एसटीपी प्लांट बन गया तो यह बड़ी उपलब्धि होगी। गंदे नाले के पानी से यमुना नदी की मछलियों पर भी संकट गहराता है।
वर्ष 2022 में एसटीपी का बना था खाका
नगर पालिका परिषद की ओर से यमुना में गिरने वाले गंदे नाले को लेकर एसटीपी का खाका साल 2022 में बनाया था लेकिन जानकार बताते हैं कि इसके एस्टीमेट में तमाम खांमियां थीं। ऐसे में प्रस्ताव को हरी झंडी नहीं मिल सकी लेकिन अब शासन स्तर से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।
फोटो-18एयूआरपी01- यमुना नदी किनारा जहां गिरता है गंदा नाला। संवाद
फोटो-18एयूआरपी01- यमुना नदी किनारा जहां गिरता है गंदा नाला। संवाद