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Auraiya News: दहेज हत्या में पति व सास को दस वर्ष का कारावास
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- 23 वर्ष पूर्व अजीतमल के चपटा गांव में हुई थी घटना
- नवविवाहिता की आग से जलकर हुई थी मौत
संवाद न्यूज एजेंसी
औरैया। अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी प्रथम अतीकउद्दीन ने थाना अजीतमल क्षेत्र के गांव चपटा में एक नवविवाहिता की जलकर हुई मौत के मामले में बृहस्पतिवार को निर्णय सुनाया। इसमें पति रामकुमार उर्फ रामू और सास रामबेटी को कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए दस साल कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोषियों पर 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया।
अजीतमल कोतवाली में वादी रामचरन ने 23 वर्ष पहले रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने बताया था कि बेटी मंदाकिनी की शादी दो साल पहले गांव चपटा निवासी रामकुमार उर्फ रामू पुत्र लल्लू उर्फ लटूरे के साथ की थी। 21 मई 2002 की शाम करीब छह बजे चपटा निवासी एक व्यक्ति बाइक से उसके घर पहुंचा और बताया कि मंदाकिनी आग से जल गई है। वह गांव पहुंचे तो देखा कि बेटी आग से जलकर मर चुकी थी।
उन्होंने सोने की जंजीर और बाइक की मांग पूरी न करने पर दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने विवेचना के बाद पति, सास, ससुर के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किए। इस मामले की सुनवाई एडीजे एफटीसी प्रथम अतीकउद्दीन की कोर्ट में हुई। बचाव पक्ष ने लड़की द्वारा आत्महत्या करने की बहस की।
वहीं, अभियोजन पक्ष की ओर से गंभीर अपराध बताते हुए कठोर दंड देने की बहस करते हुए कठोर दंड की बहस की। इस मामले की सुनवाई के दौरान ससुर लल्लू की पहले ही मौत हो चुकी है। कोर्ट ने अभियोजना पक्ष की दलालों को सही मानते हुए दोनों आरोपियों को सजा सुनाई।
दोनों पक्षकारों की सुनने के बाद एडीजे अतीक उद्दीन ने पति और सास दहेज हत्या का दोषी माना। दोनों को 10-10 साल की कारावास और 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। कोर्ट ने अधिरोपित अर्थदंड में से आधी धनराशि वादी को अदा करने का आदेश दिया। सजा पाए पति व सास को इटावा जेल भेज दिया गया।
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औरैया। अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी प्रथम अतीकउद्दीन ने थाना अजीतमल क्षेत्र के गांव चपटा में एक नवविवाहिता की जलकर हुई मौत के मामले में बृहस्पतिवार को निर्णय सुनाया। इसमें पति रामकुमार उर्फ रामू और सास रामबेटी को कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए दस साल कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोषियों पर 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया।
अजीतमल कोतवाली में वादी रामचरन ने 23 वर्ष पहले रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने बताया था कि बेटी मंदाकिनी की शादी दो साल पहले गांव चपटा निवासी रामकुमार उर्फ रामू पुत्र लल्लू उर्फ लटूरे के साथ की थी। 21 मई 2002 की शाम करीब छह बजे चपटा निवासी एक व्यक्ति बाइक से उसके घर पहुंचा और बताया कि मंदाकिनी आग से जल गई है। वह गांव पहुंचे तो देखा कि बेटी आग से जलकर मर चुकी थी।
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उन्होंने सोने की जंजीर और बाइक की मांग पूरी न करने पर दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने विवेचना के बाद पति, सास, ससुर के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किए। इस मामले की सुनवाई एडीजे एफटीसी प्रथम अतीकउद्दीन की कोर्ट में हुई। बचाव पक्ष ने लड़की द्वारा आत्महत्या करने की बहस की।
वहीं, अभियोजन पक्ष की ओर से गंभीर अपराध बताते हुए कठोर दंड देने की बहस करते हुए कठोर दंड की बहस की। इस मामले की सुनवाई के दौरान ससुर लल्लू की पहले ही मौत हो चुकी है। कोर्ट ने अभियोजना पक्ष की दलालों को सही मानते हुए दोनों आरोपियों को सजा सुनाई।
दोनों पक्षकारों की सुनने के बाद एडीजे अतीक उद्दीन ने पति और सास दहेज हत्या का दोषी माना। दोनों को 10-10 साल की कारावास और 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। कोर्ट ने अधिरोपित अर्थदंड में से आधी धनराशि वादी को अदा करने का आदेश दिया। सजा पाए पति व सास को इटावा जेल भेज दिया गया।