{"_id":"6941abb815ec6aaa0e07f804","slug":"two-brothers-sentenced-to-10-years-in-prison-for-attempting-to-murder-a-youth-auraiya-news-c-211-1-aur1009-136250-2025-12-17","type":"story","status":"publish","title_hn":"Auraiya News: युवक की हत्या की कोशिश के दोषी दो सगे भाइयों को 10 वर्ष की सजा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Auraiya News: युवक की हत्या की कोशिश के दोषी दो सगे भाइयों को 10 वर्ष की सजा
संवाद न्यूज एजेंसी, औरैया
Updated Wed, 17 Dec 2025 12:28 AM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
औरैया। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम पारुल जैन ने शहर में युवक से मारपीट और हत्या की कोशिश के 27 साल पुराने मामले में दो सगे भाइयों प्रेमनारायण उर्फ कुनमुन शुक्ला और विमल शुक्ला को दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई है।
प्रत्येक पर 7750 रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अभियोजन व पुलिस के अनुसार यह मुकदमा वर्ष 1998 में सदर कोतवाली में दर्ज हुआ था। शहर निवासी राजेश दुबे ने रिपोर्ट लिखाते हुए बताया था कि 20 अक्तूबर 1998 की दोपहर करीब एक बजे वह अपने भाई अरविंद दुबे के साथ दीपावली पर अपने दोस्त के घर मिलने जा रहा था।
फूलमती मंदिर के पास पहले से मौजूद शहर के मोहल्ला बहनटोला निवासी प्रेमनारायण उर्फ कुनमुन शुक्ला, उनके भाई विमल शुक्ला और गोशाला रोड निवासी प्रमोद व प्रताप बाजपेई ने रिवाॅल्वर और सरिया से हमला कर दिया।
परिजन हमले में घायल भाई अरविंद दुबे को कानपुर ले गए। आरोपियों ने रंजिश में हमला किया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद चारों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया। इस मामले के एक अभियुक्त प्रमोद बाजपेई ने विचरण के दौरान जुर्म कबूल लिया था।
26 मार्च 2010 को कोर्ट ने प्रार्थना पत्र स्वीकार कर दोषी ठहराते हुए दंडित किया था। वहीं प्रमोद की मौत हो चुकी है। काफी समय तक मामला लंबित रहने के बाद 20 मार्च 2025 को पत्रावली एडीजे प्रथम कोर्ट में स्थानांतरित हुईं, इसका निस्तारण मंगलवार को कोर्ट ने कर दिया।
इससे पहले अभियोजन की ओर से एडीजीसी ने हत्या के प्रयास के अभियुक्तों को कठोर दंड देने की बहस की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश पारुल जैन ने दोनों भाइयों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। कोर्ट ने अर्थदंड की आधी धनराशि वादी राजेश को अदा करने का भी आदेश दिया। बाद में दोनों को इटावा जेल भेज दिया गया।
Trending Videos
प्रत्येक पर 7750 रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अभियोजन व पुलिस के अनुसार यह मुकदमा वर्ष 1998 में सदर कोतवाली में दर्ज हुआ था। शहर निवासी राजेश दुबे ने रिपोर्ट लिखाते हुए बताया था कि 20 अक्तूबर 1998 की दोपहर करीब एक बजे वह अपने भाई अरविंद दुबे के साथ दीपावली पर अपने दोस्त के घर मिलने जा रहा था।
विज्ञापन
विज्ञापन
फूलमती मंदिर के पास पहले से मौजूद शहर के मोहल्ला बहनटोला निवासी प्रेमनारायण उर्फ कुनमुन शुक्ला, उनके भाई विमल शुक्ला और गोशाला रोड निवासी प्रमोद व प्रताप बाजपेई ने रिवाॅल्वर और सरिया से हमला कर दिया।
परिजन हमले में घायल भाई अरविंद दुबे को कानपुर ले गए। आरोपियों ने रंजिश में हमला किया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद चारों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया। इस मामले के एक अभियुक्त प्रमोद बाजपेई ने विचरण के दौरान जुर्म कबूल लिया था।
26 मार्च 2010 को कोर्ट ने प्रार्थना पत्र स्वीकार कर दोषी ठहराते हुए दंडित किया था। वहीं प्रमोद की मौत हो चुकी है। काफी समय तक मामला लंबित रहने के बाद 20 मार्च 2025 को पत्रावली एडीजे प्रथम कोर्ट में स्थानांतरित हुईं, इसका निस्तारण मंगलवार को कोर्ट ने कर दिया।
इससे पहले अभियोजन की ओर से एडीजीसी ने हत्या के प्रयास के अभियुक्तों को कठोर दंड देने की बहस की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश पारुल जैन ने दोनों भाइयों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। कोर्ट ने अर्थदंड की आधी धनराशि वादी राजेश को अदा करने का भी आदेश दिया। बाद में दोनों को इटावा जेल भेज दिया गया।
