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Azamgarh News: जिले में 376 बच्चे भी हैं एचआईवी संक्रमित
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बलरामपुर। जनपद में जागरूकता कार्यक्रम से एड्स मरीजों की संख्या घटी है। जिले में नौ इंटीग्रेटेड काउंसलिंग ट्रीटमेंट सेंटर बनाए गए हैं, जहां इन मरीजों की जांच होती है। वर्तमान में जिले में 5148 एड्स मरीज हैं। इन मरीजों में 376 बच्चे शामिल हैं। विभाग द्वारा लोगों को इस बीमारी से बचाने के लिए समय-समय पर गोष्ठयों और रैलियों का आयोजन कर जागरूक किया जा रहा है।
इसी का परिणाम है कि जिले में लगातार एड्स मरीजों की संख्या में कमी हो रही है। एक अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 तक 706 एड्स पीड़ित मिले थे। इसमें 72 की मौत हो गई थी। एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक 384 नये पीड़ित मिले थे। इसमें से 14 की मौत हुई। जबकि एक अप्रैल 2021 से 31 अक्तूबर 2021 तक नये मिलने वाले पीड़ितों की संख्या 238 थी। इसमें 14 की मौत हो गई।
अगर 2026 के आंकड़ों पर गौर करें तो एक अप्रैल 2025 से 30 नवंबर 2025 तक 230 एड्स पीड़ित मिले हैं। इनमें से मात्र नौ की मौत हुई है। जिले में जो 5148 मरीज हैंं, इनमें 2289 पुरुष, 2471 महिलाएं, 12 किन्नर, 226 बच्चे और 150 बच्चियां शामिल हैं।
जिले में नौ इंटीग्रेटेड काउंसलिंग ट्रीटमेंट सेंटर बनाए गए हैं, जहां इन मरीजों की जांच होती है। इसके अलावा जिले में गोष्ठियां, जागरूकता रैलियों के माध्यम से लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक किया जाता है, जिससे संक्रमण से बचाव हो सके।
इस वर्ष मिले हैं 230 मरीज
जिले में इस वर्ष कुल 230 नए एड्स रोगी सामने आए हैं। इनमें से 126 पुरुष, 86 महिलाएं, तीन किन्नर, सात बच्चे और आठ बच्चियां शामिल हैं। इनमें से नौ मरीजों की मौत हो चुकी है। 10 मरीज यहां से स्थानांतरित हो चुके हैं। दो मरीज एलएफयू हैं। शेष बचे 209 मरीजों की दवा चल रही है। 19 गर्भवती महिलाएं भी एचआईवी संक्रमित मिली है। वहीं टीबी के 22 मरीज भी इससे पीड़ित होकर दवा ले रहे हैं।
जिले में नौ इंटीग्रेटेड काउंसलिंग ट्रीटमेंट सेंटर बनाए गए हैं, जहां इन मरीजों की जांच होती है और उन्हें दवा दी जाती है। इसके साथ ही जिले में गोष्ठियां, जागरूकता रैलियों के माध्यम से लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक किया जाता है, जिससे संक्रमण से बचाव हो सके। -डाॅ. एनआर वर्मा, सीएमओ।
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इसी का परिणाम है कि जिले में लगातार एड्स मरीजों की संख्या में कमी हो रही है। एक अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 तक 706 एड्स पीड़ित मिले थे। इसमें 72 की मौत हो गई थी। एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक 384 नये पीड़ित मिले थे। इसमें से 14 की मौत हुई। जबकि एक अप्रैल 2021 से 31 अक्तूबर 2021 तक नये मिलने वाले पीड़ितों की संख्या 238 थी। इसमें 14 की मौत हो गई।
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अगर 2026 के आंकड़ों पर गौर करें तो एक अप्रैल 2025 से 30 नवंबर 2025 तक 230 एड्स पीड़ित मिले हैं। इनमें से मात्र नौ की मौत हुई है। जिले में जो 5148 मरीज हैंं, इनमें 2289 पुरुष, 2471 महिलाएं, 12 किन्नर, 226 बच्चे और 150 बच्चियां शामिल हैं।
जिले में नौ इंटीग्रेटेड काउंसलिंग ट्रीटमेंट सेंटर बनाए गए हैं, जहां इन मरीजों की जांच होती है। इसके अलावा जिले में गोष्ठियां, जागरूकता रैलियों के माध्यम से लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक किया जाता है, जिससे संक्रमण से बचाव हो सके।
इस वर्ष मिले हैं 230 मरीज
जिले में इस वर्ष कुल 230 नए एड्स रोगी सामने आए हैं। इनमें से 126 पुरुष, 86 महिलाएं, तीन किन्नर, सात बच्चे और आठ बच्चियां शामिल हैं। इनमें से नौ मरीजों की मौत हो चुकी है। 10 मरीज यहां से स्थानांतरित हो चुके हैं। दो मरीज एलएफयू हैं। शेष बचे 209 मरीजों की दवा चल रही है। 19 गर्भवती महिलाएं भी एचआईवी संक्रमित मिली है। वहीं टीबी के 22 मरीज भी इससे पीड़ित होकर दवा ले रहे हैं।
जिले में नौ इंटीग्रेटेड काउंसलिंग ट्रीटमेंट सेंटर बनाए गए हैं, जहां इन मरीजों की जांच होती है और उन्हें दवा दी जाती है। इसके साथ ही जिले में गोष्ठियां, जागरूकता रैलियों के माध्यम से लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक किया जाता है, जिससे संक्रमण से बचाव हो सके। -डाॅ. एनआर वर्मा, सीएमओ।