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Azamgarh News: फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे मठ की संपत्ति हड़पने का आरोप
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जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के रजादेपुर गांव के एक प्राचीन मठ के महंत शिवशंकर भारती ने एक युवक पर गंभीर आरोप लगाते हुए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया है। उनका आरोप है कि प्रयागराज निवासी शत्रुघ्न मिश्रा ने षड्यंत्र के तहत अपना नाम बदलकर शिवसागर भारती रख लिया और फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र के आधार पर स्वयं को मठ का महंत घोषित करने का प्रयास किया।
कोर्ट में दिए गए प्रार्थना पत्र में उन्होंने बताया कि शत्रुघ्न मिश्रा 2021 में संस्कृत शिक्षा ग्रहण करने के उद्देश्य से मठ में आया था और वहीं रहने लगा। इसी दौरान उसने फर्जी दस्तावेज तैयार कर श्री तीरथराज संन्यासी संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, प्रयागराज से परीक्षा उत्तीर्ण होने का प्रमाणपत्र भी बनवा लिया। जांच में प्रमाणपत्र पर दर्ज विवरण और वास्तविक जन्मतिथि व पारिवारिक अभिलेखों में स्पष्ट अंतर पाया गया। महंत शिवशंकर भारती का आरोप है कि उक्त युवक ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तहसीलदार सगड़ी न्यायालय में मठ के महन्त के रूप में नाम दर्ज कराने के लिए नामांतरण वाद भी दायर किया था, जिसे 19 फरवरी 2024 को निरस्त कर दिया गया। इसके बावजूद युवक ने मठ की संपत्ति हड़पने, नुकसान पहुंचाने और विद्यालय प्रबंधन में हस्तक्षेप की साजिश की जा रही है। इस संबंध में थाना जीयनपुर, सीओ सगड़ी और एसपी को भी शिकायत दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब वह कोर्ट की शरण में पहुंचे। कोर्ट के आदेश पर जीयनपुर कोतवाली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। कोर्ट के आदेश में प्राथमिकी दर्ज की गई है। विवेचना की जा रही है जो तथ्य सामने आएंगे उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।-राजकुमार, कोतवाली प्रभारी जीयनपुर।
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कोर्ट में दिए गए प्रार्थना पत्र में उन्होंने बताया कि शत्रुघ्न मिश्रा 2021 में संस्कृत शिक्षा ग्रहण करने के उद्देश्य से मठ में आया था और वहीं रहने लगा। इसी दौरान उसने फर्जी दस्तावेज तैयार कर श्री तीरथराज संन्यासी संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, प्रयागराज से परीक्षा उत्तीर्ण होने का प्रमाणपत्र भी बनवा लिया। जांच में प्रमाणपत्र पर दर्ज विवरण और वास्तविक जन्मतिथि व पारिवारिक अभिलेखों में स्पष्ट अंतर पाया गया। महंत शिवशंकर भारती का आरोप है कि उक्त युवक ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तहसीलदार सगड़ी न्यायालय में मठ के महन्त के रूप में नाम दर्ज कराने के लिए नामांतरण वाद भी दायर किया था, जिसे 19 फरवरी 2024 को निरस्त कर दिया गया। इसके बावजूद युवक ने मठ की संपत्ति हड़पने, नुकसान पहुंचाने और विद्यालय प्रबंधन में हस्तक्षेप की साजिश की जा रही है। इस संबंध में थाना जीयनपुर, सीओ सगड़ी और एसपी को भी शिकायत दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब वह कोर्ट की शरण में पहुंचे। कोर्ट के आदेश पर जीयनपुर कोतवाली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। कोर्ट के आदेश में प्राथमिकी दर्ज की गई है। विवेचना की जा रही है जो तथ्य सामने आएंगे उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।-राजकुमार, कोतवाली प्रभारी जीयनपुर।
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