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Azamgarh News: तटबंध टूटने के मामले में सींचपाल और जेई का वेतन रोका, मांगा स्पष्टीकरण
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तहसील फूलपुर के अंबारी गांव में नहर कटने के मामले में हल्का सींचपाल और जेई से स्पष्टीकरण मांगा गया है वहीं, बृहस्पतिवार को किसानों ने मुआवजे की मांग को लेकर सिंचाई विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया।
सोमवार की रात शारदा सहायक खंड 32 फूलपुर रजबाहा का तटबंध टूट गया। इससे अंबारी, आंधीपुर और भटपुरा के किसानों की सैकड़ों बीघा गेंहू के साथ ही आलू, मटर, सरसो, चना की फसल डूब गई। लोगों के घरों में पानी घुस गया था। इससे काफी नुकसान हुआ। तीन दिन बीतने के बाद भी विभाग के किसी अधिकारी और कर्मचारी ने किसानों की सुधि नहीं ली। यही नहीं, विभाग के कर्मचारियों ने टूटे तटबंध को आधा अधूरा बांधकर चले गए। नहर में पानी बढ़ते ही यह तटबंध फिर कभी टूट सकता है। अंबारी गांव के खेतों का पानी आंधीपुर गांव के खेतों से होता हुआ भटपुरा तक जा रहा है। इसके चलते लगभग दो किमी तक खेतों में फसल बर्बाद हो रही है। विभाग की लापरवाही के विरोध में किसानों ने अंबारी में प्रदर्शन किया। जांच कर दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने और मुआवजे की मांग किया। इस मौके पर तौहीद, जौवाद, पंचम, शमीम ,तालिब, हमजा आदि मौजूद थे।
सिंचाई विभाग में मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है। नहर के दाहिनी तरफ खेत होने के कारण टूटे हुए तटबंध को बांधने में समय लगा। नहर का पानी डायवर्ट कराया गया था। हल्का सींचपाल व जेई से स्पष्टीकरण मांगने के साथ ही वेतन रोका गया है।-हर्षेंद्र गुप्ता, एक्सईएन सिंचाई विभाग।
आकस्मिक प्राकृतिक आपदा पर ही क्षतिपूर्ति दी जाती है। ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है कि किसानों को नुकसान का मुआवजा दिया जा सके।-- अशोक कुमार, एसडीएम फूलपुर।
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सोमवार की रात शारदा सहायक खंड 32 फूलपुर रजबाहा का तटबंध टूट गया। इससे अंबारी, आंधीपुर और भटपुरा के किसानों की सैकड़ों बीघा गेंहू के साथ ही आलू, मटर, सरसो, चना की फसल डूब गई। लोगों के घरों में पानी घुस गया था। इससे काफी नुकसान हुआ। तीन दिन बीतने के बाद भी विभाग के किसी अधिकारी और कर्मचारी ने किसानों की सुधि नहीं ली। यही नहीं, विभाग के कर्मचारियों ने टूटे तटबंध को आधा अधूरा बांधकर चले गए। नहर में पानी बढ़ते ही यह तटबंध फिर कभी टूट सकता है। अंबारी गांव के खेतों का पानी आंधीपुर गांव के खेतों से होता हुआ भटपुरा तक जा रहा है। इसके चलते लगभग दो किमी तक खेतों में फसल बर्बाद हो रही है। विभाग की लापरवाही के विरोध में किसानों ने अंबारी में प्रदर्शन किया। जांच कर दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने और मुआवजे की मांग किया। इस मौके पर तौहीद, जौवाद, पंचम, शमीम ,तालिब, हमजा आदि मौजूद थे।
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सिंचाई विभाग में मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है। नहर के दाहिनी तरफ खेत होने के कारण टूटे हुए तटबंध को बांधने में समय लगा। नहर का पानी डायवर्ट कराया गया था। हल्का सींचपाल व जेई से स्पष्टीकरण मांगने के साथ ही वेतन रोका गया है।-हर्षेंद्र गुप्ता, एक्सईएन सिंचाई विभाग।
आकस्मिक प्राकृतिक आपदा पर ही क्षतिपूर्ति दी जाती है। ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है कि किसानों को नुकसान का मुआवजा दिया जा सके।
