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Baghpat News: वक्फ की 200 करोड़ रुपये की 68 संपत्तियां लापता
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बागपत। वक्फ की 200 करोड़ रुपये की 68 संपत्तियां लापता हो गई हैं। उम्मीद पोर्टल पर वक्फ की संपत्तियों का ब्योरा दर्ज कराने पर इसका खुलासा हुआ। संपत्तियों काे तलाश करने पर भी पता नहीं लग रहा है तो कई जगह वक्फ की संपत्ति पर भवन बना दिए गए।
प्रदेश सरकार के गजट के अनुसार वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में जिले की 1200 संपत्तियां दर्ज हैं। इनमें सबसे अधिक 700 से ज्यादा कब्रिस्तान दर्ज हैं तो अन्य ईदगाह, मजार, मस्जिद आदि दर्ज किए गए हैं। सरकार ने इन सभी संपत्तियों का ब्योरा उम्मीद पोर्टल पर दर्ज करने के आदेश सभी जिलों के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को दिए।
इसके लिए जिला कोऑर्डिनेटर चौधरी जावेद अली जब संपत्तियों को देखने पहुंचे तो 68 संपत्तियों का पता ही नहीं चला। इन सभी संपत्तियों की कीमत करीब 200 करोड़ रुपये है। वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में जिस जगह पर कब्रिस्तान दर्ज है, उस जगह पर खेत मिले। कई जगह दुकान बनी हुई है और उनको किराए पर दिया हुआ है। अब विभाग से शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी और वहां से कार्रवाई को लेकर फैसला लिया जाएगा।
-बड़ौत में कब्रिस्तान और छात्रावास नहीं मिल रहे
वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में बड़ौत में बड़ौली मार्ग पर कब्रिस्तान व नेहरू मार्ग पर छात्रावास दर्ज है, जो मौके पर नहीं हैं। इस तरह लोयन व मलकपुर में कब्रिस्तान, पाली में मदरसे की सैकड़ों बीघा जमीन नहीं मिली। हेवा, छपरौली, तुगाना, रठौड़ा, दादरी समेत 45 गांवों में कब्रिस्तान की जमीन नहीं मिल रही है।
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उम्मीद पोर्टल पर वक्फ की संपत्तियों का ब्योरा दर्ज करने के लिए हम मौके पर पहुंचे तो वहां उनका पता ही नहीं लग सका। किसी जगह खेती होती मिली तो कई जगह भवन निर्माण हो चुका है। -चौधरी जावेद अली, जिला कोऑर्डिनेटर
जिन जगहों पर वक्फ की जमीन नहीं मिल रही है, वहां की पूरी रिपोर्ट तैयार करके शासन को भेजी जाएगी। उस पर वहां से आगे की कार्रवाई को लेकर फैसला लिया जाएगा। -कैलाशचंद तिवारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी
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प्रदेश सरकार के गजट के अनुसार वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में जिले की 1200 संपत्तियां दर्ज हैं। इनमें सबसे अधिक 700 से ज्यादा कब्रिस्तान दर्ज हैं तो अन्य ईदगाह, मजार, मस्जिद आदि दर्ज किए गए हैं। सरकार ने इन सभी संपत्तियों का ब्योरा उम्मीद पोर्टल पर दर्ज करने के आदेश सभी जिलों के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को दिए।
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इसके लिए जिला कोऑर्डिनेटर चौधरी जावेद अली जब संपत्तियों को देखने पहुंचे तो 68 संपत्तियों का पता ही नहीं चला। इन सभी संपत्तियों की कीमत करीब 200 करोड़ रुपये है। वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में जिस जगह पर कब्रिस्तान दर्ज है, उस जगह पर खेत मिले। कई जगह दुकान बनी हुई है और उनको किराए पर दिया हुआ है। अब विभाग से शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी और वहां से कार्रवाई को लेकर फैसला लिया जाएगा।
-बड़ौत में कब्रिस्तान और छात्रावास नहीं मिल रहे
वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में बड़ौत में बड़ौली मार्ग पर कब्रिस्तान व नेहरू मार्ग पर छात्रावास दर्ज है, जो मौके पर नहीं हैं। इस तरह लोयन व मलकपुर में कब्रिस्तान, पाली में मदरसे की सैकड़ों बीघा जमीन नहीं मिली। हेवा, छपरौली, तुगाना, रठौड़ा, दादरी समेत 45 गांवों में कब्रिस्तान की जमीन नहीं मिल रही है।
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उम्मीद पोर्टल पर वक्फ की संपत्तियों का ब्योरा दर्ज करने के लिए हम मौके पर पहुंचे तो वहां उनका पता ही नहीं लग सका। किसी जगह खेती होती मिली तो कई जगह भवन निर्माण हो चुका है। -चौधरी जावेद अली, जिला कोऑर्डिनेटर
जिन जगहों पर वक्फ की जमीन नहीं मिल रही है, वहां की पूरी रिपोर्ट तैयार करके शासन को भेजी जाएगी। उस पर वहां से आगे की कार्रवाई को लेकर फैसला लिया जाएगा। -कैलाशचंद तिवारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी
