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किसानों को जातिवाद व राजनीति में फंसाकर किया जा रहा परेशान : ठा. पूरन सिंह
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- केंद्र व प्रदेश सरकार किसान व मजदूरों का कर रही उत्पीड़न, गन्ना मूल्य 500 रुपये घोषित करना चाहिए
संवाद न्यूज एजेंसी
अमीनगर सराय। किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरन सिंह ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों को जातिवाद व राजनीति मेें फंसाकर परेशान करने का कार्य कर रही है। इससे किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम तक नहीं मिल पा रहा है।
वह कस्बे में एक शादी समारोह में पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों को 400 रुपये गन्ना मूल्य देकर मजाक उड़ाने का कार्य किया है। इससे किसानों को कोई लाभ नहीं होने वाला है। किसानों को कम से कम 500 रुपये गन्ना मूल्य देना चाहिए, ताकि उन्हें उनकी मेहनत का फल मिल सके। कहा कि किसानों के नलकूपों पर मीटर लगाकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है और यदि कोई विरोध करता है तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया जाता है।
सरकार जितना किसानों को दे रही है उससे ज्यादा वसूली की तैयारी में है। किसान व मजदूरों का पांच हजार रुपये बकाया होते ही कनेक्शन काट दिया जाता है और यदि उद्यमी पर लाखों का बिल बकाया होता है उन्हें सब्सिडी दी जाती है। किसानों को जाति बंधन से ऊपर उठकर सोचना होगा और अपने अधिकारों की लड़ाई खुद लड़नी होगी। इस दौरान राष्ट्रीय प्रवक्ता ललित राणा, उपाध्यक्ष अनु मलिक, जिलाध्यक्ष कालूराम हिलवाड़ी, युवा जिलाध्यक्ष दीपक शर्मा, अर्जुन शर्मा, लल्लू प्रधान, रोहित शर्मा सभासद आदि मौजूद रहे।
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अमीनगर सराय। किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरन सिंह ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों को जातिवाद व राजनीति मेें फंसाकर परेशान करने का कार्य कर रही है। इससे किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम तक नहीं मिल पा रहा है।
वह कस्बे में एक शादी समारोह में पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों को 400 रुपये गन्ना मूल्य देकर मजाक उड़ाने का कार्य किया है। इससे किसानों को कोई लाभ नहीं होने वाला है। किसानों को कम से कम 500 रुपये गन्ना मूल्य देना चाहिए, ताकि उन्हें उनकी मेहनत का फल मिल सके। कहा कि किसानों के नलकूपों पर मीटर लगाकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है और यदि कोई विरोध करता है तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया जाता है।
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सरकार जितना किसानों को दे रही है उससे ज्यादा वसूली की तैयारी में है। किसान व मजदूरों का पांच हजार रुपये बकाया होते ही कनेक्शन काट दिया जाता है और यदि उद्यमी पर लाखों का बिल बकाया होता है उन्हें सब्सिडी दी जाती है। किसानों को जाति बंधन से ऊपर उठकर सोचना होगा और अपने अधिकारों की लड़ाई खुद लड़नी होगी। इस दौरान राष्ट्रीय प्रवक्ता ललित राणा, उपाध्यक्ष अनु मलिक, जिलाध्यक्ष कालूराम हिलवाड़ी, युवा जिलाध्यक्ष दीपक शर्मा, अर्जुन शर्मा, लल्लू प्रधान, रोहित शर्मा सभासद आदि मौजूद रहे।