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Baghpat: 150 वोटों पर असर डाल रहा था ऋषिपाल, प्रधान और उसके साथी ने मार डाला, पांच गिरफ्तार
अमर उजाला नेटवर्क, बागपत
Published by: मेरठ ब्यूरो
Updated Wed, 24 Dec 2025 01:17 AM IST
सार
Baghpat murder case revealed: यूपी के बागपत में दुकानदार ऋषिपाल शर्मा की 11 दिन पहले हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने उसी मामले का खुलासा करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। प्रधानी के चुनाव की रंजिश में हत्या की गई थी।
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बिहारीपुर के ऋषिपाल हत्याकांड में गिरफ्तार किए गए आरोपी: स्रोत पुलिस
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विस्तार
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Rishipal murder: बिहारीपुर गांव में दुकानदार ऋषिपाल शर्मा की हत्या चुनाव में हार के डर से प्रधान देवप्रिय ने अपने साथी दिनेश निवासी दत्तनगर के साथ मिलकर की थी। पुलिस ने प्रधान देवप्रिय, आजाद, प्रियवृत्त, ओमवीर निवासी बिहारीपुर और दिनेश निवासी दत्तनगर को गिरफ्तार कर हत्या का खुलासा किया है। पुलिस ने हत्यारोपियों के पास से तमंचा, कारतूस बरामद किए। इनको कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया गया।
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ऋषिपाल की फाइल फोटो।
बिहारीपुर गांव में दुकानदार ऋषिपाल शर्मा की 13 दिसंबर की सुबह करीब पांच बजे कमर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें ऋषिपाल शर्मा के बेटे शुभम ने प्रधान देवप्रिय, दिनेश निवासी दत्तनगर, आजाद, प्रियवृत्त, थम्बू, ओमबीर और दो अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। शुभम ने बताया कि प्रधानी चुनाव की रंजिश में उसके पिता की हत्या की गई।
इसके बाद एसपी सूरज कुमार राय ने हत्या के खुलासे के लिए चार टीमों को लगाया। मंगलवार को बिहारीपुर-खेड़ा हटाना मार्ग पर पुलिस ने चेकिंग के दौरान प्रधान देवप्रिय, आजाद, प्रियवृत्त, ओमवीर निवासी बिहारीपुर और दिनेश निवासी दत्तनगर को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में हत्यारोपी प्रधान देवप्रिय ने बताया कि पहले चुनाव में ऋषिपाल उसके पक्ष में थे, लेकिन कुछ समय से दूसरे दावेदार अमित का समर्थन कर रहे थे। इसको लेकर हत्या से पंद्रह दिन पहले उनका झगड़ा भी हुआ था। उस समय ऋषिपाल ने देवप्रिय का साथ देने से साफ मना कर दिया था।
पूछताछ में हत्यारोपी प्रधान देवप्रिय ने बताया कि पहले चुनाव में ऋषिपाल उसके पक्ष में थे, लेकिन कुछ समय से दूसरे दावेदार अमित का समर्थन कर रहे थे। इसको लेकर हत्या से पंद्रह दिन पहले उनका झगड़ा भी हुआ था। उस समय ऋषिपाल ने देवप्रिय का साथ देने से साफ मना कर दिया था।
इससे क्षुब्ध होकर उन्होंने ऋषिपाल की हत्या की योजना बनाई और 13 दिसंबर की सुबह दिनेश के साथ मिलकर गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद खेत में तमंचे फेंककर भाग गए। गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ पहले भी कई मुकदमे दर्ज हैं।
22 मिनट पहले बंद, हत्या होते ही चालू कर दिए सीसीटीवी कैमरे
ऋषिपाल हत्याकांड की जांच में सामने आया कि ओमवीर के मकान में लगे सीसीटीवी कैमरे हत्या के समय बंद थे और थोड़ी देर बाद चालू कर दिए गए। इसमें ओमवीर भी पुलिस के शक के घेरे में आ गया और पुलिस ने उससे पूछताछ भी की।
पुलिस की जांच में पता चला कि 12 दिसंबर की शाम ओमवीर की दुकान पर ऋषिपाल की हत्या की योजना बनाई गई। इसमें ओमवीर से सीसीटीवी कैमरे बंद करने के लिए कहा गया। इसके चलते हत्या से 22 मिनट पहले सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए गए, जबकि हत्या होने के 15 मिनट बाद चालू कर दिए गए।
ऋषिपाल हत्याकांड की जांच में सामने आया कि ओमवीर के मकान में लगे सीसीटीवी कैमरे हत्या के समय बंद थे और थोड़ी देर बाद चालू कर दिए गए। इसमें ओमवीर भी पुलिस के शक के घेरे में आ गया और पुलिस ने उससे पूछताछ भी की।
पुलिस की जांच में पता चला कि 12 दिसंबर की शाम ओमवीर की दुकान पर ऋषिपाल की हत्या की योजना बनाई गई। इसमें ओमवीर से सीसीटीवी कैमरे बंद करने के लिए कहा गया। इसके चलते हत्या से 22 मिनट पहले सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए गए, जबकि हत्या होने के 15 मिनट बाद चालू कर दिए गए।
150 वोट प्रभावित कर रहा था ऋषिपाल
पुलिस की पूछताछ में आरोपी प्रधान देवप्रिय ने बताया कि पहले चुनाव में ऋषिपाल के साथ होने की वजह से चुनाव जीत गए थे, क्योंकि गांव की 150 से अधिक वोट ऋषिपाल के कहने पर डाली जाती हैं। अब ऋषिपाल के दूसरे दावेदार के साथ जाने के कारण 150 वोट खिसकने से हार का खतरा बढ़ गया था।
पुलिस की पूछताछ में आरोपी प्रधान देवप्रिय ने बताया कि पहले चुनाव में ऋषिपाल के साथ होने की वजह से चुनाव जीत गए थे, क्योंकि गांव की 150 से अधिक वोट ऋषिपाल के कहने पर डाली जाती हैं। अब ऋषिपाल के दूसरे दावेदार के साथ जाने के कारण 150 वोट खिसकने से हार का खतरा बढ़ गया था।
