यूपी कार हादसा:अंधेरे की वजह से कार नदी में गिरी, पत्नी बोली-मेरा क्या होगा, शीशा तोड़कर निकाली गईं लाशें
लखीमपुर खीरी में शादी समारोह से लौट रही ऑल्टो कार 30 फीट नीचे सोती नदी में गिर गई। हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि कार का गेट लॉक हो गया था।
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लखीमपुर खीरी में शादी समारोह से लौट रही कार नदी में गिर गई। हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई। चौधरी चरण सिंह घाघरा बैराज के कर्मचारी मंगलवार की शाम को अपने साथी कर्मचारी सर्वेश कश्यप की भतीजी पारुल की शादी समारोह में शामिल होने के लिए लखीमपुर खीरी के सलेमपुर कोन गए थे। अल्टो कार से बैराज कर्मचारी घर वापसी कर रहे थे।
तभी रात 11 बजे बैराज से तीन किलोमीटर दूर लखीमपुर खीरी के पढुआ थाना क्षेत्र में गिरिजापुरी-लखीमपुर हाईवे पर शारदा नहर के सोती साइफन में कार अनियंत्रित होकर जा गिरी। गति इतनी तेज थी कि कार पुल की रेलिंग को तोड़कर नहर के बीच गहरे पानी मे जा गिरी। हादसे के बाद आसपास के लोग दौड़ पड़े सभी ने कार से लोगों को बचाने की कोशिश की। लेकिन, आनन-फानन में कोई उपाय नहीं लग सका। लोगों ने सूचना पढुआ थाने की पुलिस को दिया।
ट्रैक्टर के सहारे कार को बाहर निकाला
इस दौरान मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने ट्रैक्टर के सहारे कार को गहरे पानी से खींचकर किनारे लगाया, जिसके बाद लोगों ने सीसा तोड़कर सवार लोगों को बाहर निकाला। बता दें कि हादसे में कार सवार 5 लोगों की मौत कार में ही हो चुकी थी। लेकिन, सूरज उर्फ बब्बू की जान बच गई, जिसे घायल अवस्था में पुलिस टीम ने रमिया बेहड़ सीएचसी में इलाज के लिए भर्ती कराया।
घटना में मृतक पांच लोगों में चार बैराज पर बेलदार के पद पर तैनात थे। जबकि मृतक जितेंद्र कुमार 24 पुत्र विपिन बिहारी आम्बा के तेलागौड़ी गांव में एक बाटी चोखा के दुकानदार का बेटा था। मृतक बैराज कर्मचारियों में लालाजी साहनी 35 पुत्र मेवालाल निवासी सिरसियन पुरवा चहलवा, सुरेंद्र सोखा 55 पुत्र विश्वनाथ निवासी रामब्रिज पुरवा चहलवा, अजीमुल्ला उर्फ खुरचाली 55 निवासी चरसन्डा माफी मटेरा व घनश्याम 24 पुत्र बुल्लू निवासी तेलागौड़ी ग्राम पंचायत आम्बा शामिल थे।
वह प्रतिदिन एक साथ ड्यूटी करते थे
ड्यूटी पर तैनात बैराज स्टाफ बेलदार सन्त बहादुर, नसीरुद्दीन, गेज रीडर रामाशंकर, कमल किशोर व साहबलाल शाहनी ने बताया कि साथियों की मौत से उन्हें गहरा सदमा पहुंचा है। वह प्रतिदिन एक साथ ड्यूटी करते थे, जिनके न होने से अब उनकी कमी खलेगी यह कहते हुए कर्मचारियों के आंसू निकल पड़े।सुरेंद्र सोखा के मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी उनकी पत्नी माया देवी के कंधों पर आ गई है। उनके चार बच्चे रेखा 18, रानी 16, पंकज 12 व सिवानी 5 वर्ष है जिनकी पढ़ाई व शादी की जिम्मेदारी मां पर आ चुकी है।
लालजी साहनी के परिवार में तीन बड़ी बहने व एक बड़े भाई जिनकी शादी हो चुकी है। उनसे छोटा भाई कृष्णा है, इसके अलावा परिवार में उसकी पत्नी सुमन देवी व उसके तीन बच्चे जिनमें प्रीती 15, विशाल 12 व राज 10 वर्ष की जिम्मेदारी अब पत्नी के कंधों पर आ चुकी है। मां मिसलेटा ने बताया कि लालजी से पहले उनके पति मेवालाल नौकरी करते थे जिनकी मौत के बाद बेटे को नौकरी मिली थी।
अजीमुल्ला उर्फ खुरचाली के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा उनके 5 बच्चे हैं जिनमें दो बड़े बेटे व एक बेटी की शादी हो चुकी है दो बड़े बेटे अपने परिवार के साथ पुस्तैनी घर मटेरा में रहते हैं। वह अपने दो बेटों व पत्नी के साथ गिरिजापुरी सिचाई कालोनी में रहते थे। उनकी मौत के बाद दो बेटों की जिम्मेदारी अब पत्नी के कंधों पर आ चुकी है।
घनश्याम के पिता बुल्लू की मौत बैराज पर ड्यूटी के दौरान हो गई थी। जिसके बाद बेटा उनकी जगह नौकरी करता था उसकी मौत के बाद परिवार का खर्चा चलाने वाला कोई नही बचा है। दो साल पहले उसकी शादी हुई थी। वह अपने पीछे वृद्ध मां अशरफी देवी, 18 वर्षीय बहन माधुरी, पत्नी ललिता व चार महीने की बेटी हर्षिता को छोड़ गया है।
जितेंद्र के परिवार में उनके पिता विपिन बिहारी जो बैराज पर बाटी चोखा बेचकर परिवार का गुजारा करते हैं जितेंद्र से बड़ी बहन ज्ञानती व दो बड़े भाई रविन्द्र और सतेंद्र की शादी हो चुकी थी इसके अलावा जितेंद्र से छोटी एक बहन गीता 20 वर्ष है। भाई सतेंद्र ने बताया कि जितेंद्र गोरखपुर से आईटीआई कर रहा था उसने हाल ही में पासपोर्ट बनवाया था वह नौकरी के लिए विदेश जाने की तैयारी कर रहा था।