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Balrampur News: सिरिया नाले पर बनेगा दो किमी लंबा रिवर फ्रंट
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बलरामपुर के तुलसीपुर में स्थित सिरिया नाला।-संवाद
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तुलसीपुर। धार्मिक नगरी तुलसीपुर में देवीपाटन मंदिर कॉरिडोर निर्माण के लिए आर्किटेक्ट ने सर्वे और डिजाइन का कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया है। योजना के तहत सिरिया नाले पर गोमती नदी की तर्ज पर करीब दो किलोमीटर लंबा रिवर फ्रंट भी विकसित करने की तैयारी है। इससे क्षेत्र का सुंदरीकरण होगा और पर्यटन को नया आयाम मिलेगा।
उप जिलाधिकारी राकेश कुमार जयंत ने बताया कि कॉरिडोर योजना के तहत ज्यादातर निजी भूमि का अधिग्रहण पूर्ण कर लिया गया है। स्टेट की भूमि से संबंधित कागजी प्रक्रिया शेष है, जिसे शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद कॉरिडोर निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। देवीपाटन मंदिर कॉरिडोर को लेकर क्षेत्रवासियों और व्यापारियों में उत्साह है। कॉरिडोर, रिवर फ्रंट और सूर्यकुंड के विकास से तुलसीपुर न केवल श्रद्धालुओं की सुविधा का केंद्र बनेगा, बल्कि एक प्रमुख धार्मिक व पर्यटन नगरी के रूप में प्रदेश में नई पहचान भी स्थापित करेगा।
देवीपाटन मंदिर कॉरिडोर का उद्देश्य धार्मिक नगरी का समग्र विकास, श्रद्धालुओं की सुविधा और यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाना है। इसी क्रम में अब मंदिर तक पहुंचने के लिए चौड़े और सुव्यवस्थित मार्ग, अलग-अलग प्रवेश एवं निकास व्यवस्था, पार्किंग स्थल तथा भीड़ नियंत्रण की प्रभावी योजना तैयार की गई है, जिससे नवरात्र, मेलों और विशेष पर्वों पर श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
प्रवेश द्वार बनेगा, सूर्यकुंड का होगा कायाकल्प
कॉरिडोर के तहत देवीपाटन मंदिर का भव्य प्रवेश द्वार भी बनाया जाएगा, जो धार्मिक आस्था के साथ स्थापत्य सौंदर्य का प्रतीक होगा। वहीं सिरिया नाले के किनारे विकसित होने वाले रिवर फ्रंट पर बैठने की व्यवस्था, भ्रमण पथ, सजावटी लाइटिंग और पर्यटन से जुड़े विभिन्न स्थल विकसित किए जाएंगे। योजना में मंदिर परिसर के समीप स्थित सूर्यकुंड के कायाकल्प का भी प्रावधान किया गया है। सूर्यकुंड का सुंदरीकरण कर उसे धार्मिक एवं पर्यटन दृष्टि से आकर्षक बनाया जाएगा, ताकि श्रद्धालु दर्शन के साथ-साथ वहां ठहरकर आध्यात्मिक वातावरण का अनुभव कर सकें।
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उप जिलाधिकारी राकेश कुमार जयंत ने बताया कि कॉरिडोर योजना के तहत ज्यादातर निजी भूमि का अधिग्रहण पूर्ण कर लिया गया है। स्टेट की भूमि से संबंधित कागजी प्रक्रिया शेष है, जिसे शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद कॉरिडोर निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। देवीपाटन मंदिर कॉरिडोर को लेकर क्षेत्रवासियों और व्यापारियों में उत्साह है। कॉरिडोर, रिवर फ्रंट और सूर्यकुंड के विकास से तुलसीपुर न केवल श्रद्धालुओं की सुविधा का केंद्र बनेगा, बल्कि एक प्रमुख धार्मिक व पर्यटन नगरी के रूप में प्रदेश में नई पहचान भी स्थापित करेगा।
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देवीपाटन मंदिर कॉरिडोर का उद्देश्य धार्मिक नगरी का समग्र विकास, श्रद्धालुओं की सुविधा और यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाना है। इसी क्रम में अब मंदिर तक पहुंचने के लिए चौड़े और सुव्यवस्थित मार्ग, अलग-अलग प्रवेश एवं निकास व्यवस्था, पार्किंग स्थल तथा भीड़ नियंत्रण की प्रभावी योजना तैयार की गई है, जिससे नवरात्र, मेलों और विशेष पर्वों पर श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
प्रवेश द्वार बनेगा, सूर्यकुंड का होगा कायाकल्प
कॉरिडोर के तहत देवीपाटन मंदिर का भव्य प्रवेश द्वार भी बनाया जाएगा, जो धार्मिक आस्था के साथ स्थापत्य सौंदर्य का प्रतीक होगा। वहीं सिरिया नाले के किनारे विकसित होने वाले रिवर फ्रंट पर बैठने की व्यवस्था, भ्रमण पथ, सजावटी लाइटिंग और पर्यटन से जुड़े विभिन्न स्थल विकसित किए जाएंगे। योजना में मंदिर परिसर के समीप स्थित सूर्यकुंड के कायाकल्प का भी प्रावधान किया गया है। सूर्यकुंड का सुंदरीकरण कर उसे धार्मिक एवं पर्यटन दृष्टि से आकर्षक बनाया जाएगा, ताकि श्रद्धालु दर्शन के साथ-साथ वहां ठहरकर आध्यात्मिक वातावरण का अनुभव कर सकें।