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Balrampur News: खुलेंगे नौ पशु औषधि केंद्र, तीन लाख पशुपालकों को मिलेगा लाभ
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बलरामपुर में स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय।-संवाद
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बलरामपुर। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की तर्ज पर अब पशुपालन विभाग भी पशुओं के लिए विशेष पशु औषधि केंद्र खोलने जा रहा है। शासन स्तर से मंजूरी मिलने के बाद जिले के सभी नौ विकास खंडों में इन केंद्रों की स्थापना की जाएगी। इस योजना के लागू होने से पशुपालक कम पैसों में आसानी से पशुओं का इलाज करा सकेंगे।
अब तक जिले के तीन लाख पशुपालकों को पशुओं के इलाज के लिए निजी दुकानों और क्लीनिकों पर निर्भर रहना पड़ता था, जहां दवाएं महंगी मिलती हैं। कई बार आर्थिक तंगी के चलते पशुपालक समय पर इलाज नहीं करा पाते थे, जिससे पशुओं की हालत गंभीर हो जाती थी। नई व्यवस्था लागू होने के बाद पशुपालकों को कम कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध हो सकेंगी।
पशु औषधि केंद्रों पर रोजमर्रा में उपयोग होने वाली लगभग सभी आवश्यक पशु चिकित्सीय दवाएं उपलब्ध रहेंगी। इनमें एंटीबायोटिक, दर्द निवारक, ज्वरनाशक, हार्मोनल इंजेक्शन, कृमिनाशक दवाएं, विटामिन, मिनरल मिक्सचर, टीके, प्राथमिक उपचार किट सहित पशु स्वास्थ्य से जुड़ी सामग्री शामिल होगी। ये सभी दवाएं बाजार मूल्य की तुलना में 50 से 70 प्रतिशत तक कम दर पर दी जाएंगी। इससे पशुपालकों की आर्थिक बचत होगी और वे समय पर अपने पशुओं का इलाज करा सकेंगे।
रोगों की होगी रोकथाम, घटेगी मृत्यु दर
पशु चिकित्साधिकारी बीआर चौरसिया ने बताया कि सस्ती दवाएं और टीकों की उपलब्धता से पशुओं में होने वाली संक्रामक बीमारियों की रोकथाम आसान होगी। समय पर टीकाकरण और उपचार से पशुओं की मृत्यु दर घटेगी, जिससे दूध उत्पादन, दुग्ध गुणवत्ता और पशुपालकों की आय में वृद्धि होने की संभावना है। साथ ही पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार होने से पशुपालन को और अधिक लाभकारी व्यवसाय के रूप में बढ़ावा मिलेगा।
कौन खोल सकता है पशु औषधि केंद्र
पशु औषधि केंद्र खोलने के लिए प्रधानमंत्री कृषक समृद्धि केंद्र और सहकारी समितियों को पात्र माना गया है। इसके अलावा इच्छुक अभ्यर्थी भी निर्धारित शर्तें पूरी कर आवेदन कर सकते हैं। आवेदक के पास कम से कम 120 वर्ग फीट का स्थान होना अनिवार्य है। साथ ही फार्मासिस्ट पंजीकरण प्रमाणपत्र और ड्रग लाइसेंस होना जरूरी है। पशु औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। आवेदन शुल्क 5000 रुपये निर्धारित किया गया है। आवेदन प्राप्त होने के बाद विभागीय अधिकारी दस्तावेज की जांच करेंगे और स्थल का भौतिक निरीक्षण भी किया जाएगा। सभी मानकों पर खरा उतरने वाले आवेदकों को ही पशु औषधि केंद्र खोलने की अनुमति मिलेगी।
एक ही छत के नीचे मिलेंगी सभी सुविधाएं
पशु औषधि केंद्र खुलने के बाद पशुपालकों को पशुओं के इलाज से जुड़ी ज्यादातर सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी। इससे उन्हें इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा और समय व धन दोनों की बचत होगी।
- राजेश कुमार शर्मा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी
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अब तक जिले के तीन लाख पशुपालकों को पशुओं के इलाज के लिए निजी दुकानों और क्लीनिकों पर निर्भर रहना पड़ता था, जहां दवाएं महंगी मिलती हैं। कई बार आर्थिक तंगी के चलते पशुपालक समय पर इलाज नहीं करा पाते थे, जिससे पशुओं की हालत गंभीर हो जाती थी। नई व्यवस्था लागू होने के बाद पशुपालकों को कम कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध हो सकेंगी।
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पशु औषधि केंद्रों पर रोजमर्रा में उपयोग होने वाली लगभग सभी आवश्यक पशु चिकित्सीय दवाएं उपलब्ध रहेंगी। इनमें एंटीबायोटिक, दर्द निवारक, ज्वरनाशक, हार्मोनल इंजेक्शन, कृमिनाशक दवाएं, विटामिन, मिनरल मिक्सचर, टीके, प्राथमिक उपचार किट सहित पशु स्वास्थ्य से जुड़ी सामग्री शामिल होगी। ये सभी दवाएं बाजार मूल्य की तुलना में 50 से 70 प्रतिशत तक कम दर पर दी जाएंगी। इससे पशुपालकों की आर्थिक बचत होगी और वे समय पर अपने पशुओं का इलाज करा सकेंगे।
रोगों की होगी रोकथाम, घटेगी मृत्यु दर
पशु चिकित्साधिकारी बीआर चौरसिया ने बताया कि सस्ती दवाएं और टीकों की उपलब्धता से पशुओं में होने वाली संक्रामक बीमारियों की रोकथाम आसान होगी। समय पर टीकाकरण और उपचार से पशुओं की मृत्यु दर घटेगी, जिससे दूध उत्पादन, दुग्ध गुणवत्ता और पशुपालकों की आय में वृद्धि होने की संभावना है। साथ ही पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार होने से पशुपालन को और अधिक लाभकारी व्यवसाय के रूप में बढ़ावा मिलेगा।
कौन खोल सकता है पशु औषधि केंद्र
पशु औषधि केंद्र खोलने के लिए प्रधानमंत्री कृषक समृद्धि केंद्र और सहकारी समितियों को पात्र माना गया है। इसके अलावा इच्छुक अभ्यर्थी भी निर्धारित शर्तें पूरी कर आवेदन कर सकते हैं। आवेदक के पास कम से कम 120 वर्ग फीट का स्थान होना अनिवार्य है। साथ ही फार्मासिस्ट पंजीकरण प्रमाणपत्र और ड्रग लाइसेंस होना जरूरी है। पशु औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। आवेदन शुल्क 5000 रुपये निर्धारित किया गया है। आवेदन प्राप्त होने के बाद विभागीय अधिकारी दस्तावेज की जांच करेंगे और स्थल का भौतिक निरीक्षण भी किया जाएगा। सभी मानकों पर खरा उतरने वाले आवेदकों को ही पशु औषधि केंद्र खोलने की अनुमति मिलेगी।
एक ही छत के नीचे मिलेंगी सभी सुविधाएं
पशु औषधि केंद्र खुलने के बाद पशुपालकों को पशुओं के इलाज से जुड़ी ज्यादातर सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी। इससे उन्हें इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा और समय व धन दोनों की बचत होगी।
- राजेश कुमार शर्मा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी