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Balrampur News: खाद न मिलने से फूटा किसानों का गुस्सा
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बलरामपुर के हरैया सतघरवा में समिति के सामने प्रदर्शन करते किसान ।-संवाद
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हरैया सतघरवा। क्षेत्र की बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति (बीपैक्स) कोहड़ौरा से खाद न मिलने से नाराज किसानों ने रविवार को समिति परिसर में प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है कि वह तीन दिन से समिति का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रही है। किसानों से यूरिया की कालाबाजारी का आरोप लगाते हुए जांच व कार्रवाई की मांग की।
किसान श्याम दास, रामसुंदर, संतोष कुमार, फजल मोहम्मद, अब्दुल हक व सुखराम आदि का कहना है कि खरीफ सीजन में समय से खाद न मिलने से धान की पैदावार प्रभावित हुई थी। अब रबी सीजन में गेहूं की फसल की सिंचाई हो चुकी है और यूरिया की टॉप ड्रेसिंग की तत्काल जरूरत है। समय से खाद न मिलने से गेहूं की फसल के भी खराब होने की आशंका है।
किसानों का आरोप है कि बीते तीन दिनों से वे समिति के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन सचिव द्वारा रोजाना कल खाद मिलेगी कहकर वापस कर दिया जाता है। किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि कार्ड पर चार बोरी खाद खारिज की जाती है, जबकि मौके पर केवल एक बोरी दी जाती है और शेष यूनिट बाहर महंगे दामों पर बेच दी जाती है। किसान रामनिवास ने बताया कि करीब डेढ़ माह पहले किसान कार्ड बनवाने के लिए सचिव को 250 रुपये और आवश्यक कागजात दिए थे, लेकिन अब तक कार्ड नहीं बनाया गया। करिया प्रसाद ने कहा कि बिना कार्ड के खाद न मिलने की बात कही जा रही है, जबकि अब कार्ड बनवाने का समय भी निकल गया है।
मामले में समिति सचिव गिरीश कुमार से दूरभाष पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका मोबाइल स्विच ऑफ मिला। इस संबंध में सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता) जर्नादन यादव ने बताया कि समिति पर पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है और सभी पात्र किसानों को शीघ्र खाद दिलाई जाएगी।
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किसान श्याम दास, रामसुंदर, संतोष कुमार, फजल मोहम्मद, अब्दुल हक व सुखराम आदि का कहना है कि खरीफ सीजन में समय से खाद न मिलने से धान की पैदावार प्रभावित हुई थी। अब रबी सीजन में गेहूं की फसल की सिंचाई हो चुकी है और यूरिया की टॉप ड्रेसिंग की तत्काल जरूरत है। समय से खाद न मिलने से गेहूं की फसल के भी खराब होने की आशंका है।
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किसानों का आरोप है कि बीते तीन दिनों से वे समिति के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन सचिव द्वारा रोजाना कल खाद मिलेगी कहकर वापस कर दिया जाता है। किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि कार्ड पर चार बोरी खाद खारिज की जाती है, जबकि मौके पर केवल एक बोरी दी जाती है और शेष यूनिट बाहर महंगे दामों पर बेच दी जाती है। किसान रामनिवास ने बताया कि करीब डेढ़ माह पहले किसान कार्ड बनवाने के लिए सचिव को 250 रुपये और आवश्यक कागजात दिए थे, लेकिन अब तक कार्ड नहीं बनाया गया। करिया प्रसाद ने कहा कि बिना कार्ड के खाद न मिलने की बात कही जा रही है, जबकि अब कार्ड बनवाने का समय भी निकल गया है।
मामले में समिति सचिव गिरीश कुमार से दूरभाष पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका मोबाइल स्विच ऑफ मिला। इस संबंध में सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता) जर्नादन यादव ने बताया कि समिति पर पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है और सभी पात्र किसानों को शीघ्र खाद दिलाई जाएगी।