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Balrampur News: फर्जीवाड़ा कर दो पासपोर्ट बनवाने में व्यवसायी के खिलाफ एफआईआर
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गैड़ास बुजुर्ग (बलरामपुर) ।
पासपोर्ट से जुड़ी बड़ी जालसाजी का मामला सामने आया है। लखनऊ स्थित पासपोर्ट कार्यालय ने दस्तावेज के सत्यापन किए तो पूरा खेल पकड़ में आ गया। जांच में पता चला कि मुंबई में शटरिंग के व्यवसायी बाबूराजा ने पूर्व में बनाए गए पासपोर्ट को छुपाकर दूसरा पासपोर्ट बनवा लिया। उपनिरीक्षक राजकुमार चौधरी ने जांच के बाद पासपोर्ट अधिनियम 1967 के साथ ही धोखाधड़ी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
जांच अधिकारी ने बताया कि पासपोर्ट कार्यालय की ओर से आए पत्र में बताया गया कि बाबूराजा के नाम पर वर्ष 2011 में पासपोर्ट (नंबर 5517861) जारी किया गया। वर्ष 2016 में उसने नया पासपोर्ट(नंबर 6767020) बनवा लिया। पहला पासपोर्ट बाबूराजा ने मुंबई के पते पर बनवाया। दूसरा उसने ईटईरामपुर क्षेत्र के गैड़ास बुजुर्ग के पते से बनाया, जहां का वह मूल निवासी है। दोनों पासपोर्ट के दस्तावेज और पहचान पत्रों की जांच में पता चला कि बाबूराज ने नए पासपोर्ट में कई जानकारी बदल दी। उसने पूर्व में जारी पासपोर्ट का भी कहीं उल्लेख नहीं किया। जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि विदेश यात्रा के दौरान उपयोग के लिए उसने 2011 में पहला पासपोर्ट बनवाया था, लेकिन 2016 में वह नए पते और बदले व्यक्तिगत विवरणों के आधार पर दूसरा पासपोर्ट बनवाने में सफल हो गया।
इन विवरणों
में मिली गड़बड़ी
जांच में पता चला कि बाबूराज ने व्यक्तिगत विवरण ही बदल दिए। पुराने पासपोर्ट में दर्ज पिता का नाम अलग था, जबकि नए पासपोर्ट में दूसरी जानकारी दी गई। पत्नी का नाम, जन्म तिथि और निवास स्थल भी दोनों दस्तावेज में भिन्न मिले। वोटर आईडी और अन्य पहचानपत्रों में भी यही अंतर मिला। जांच टीम ने माना कि इतनी बड़ी संख्या में विवरण बदलकर पासपोर्ट बनाना अपराध है। यह सुनियोजित साजिश का हिस्सा भी हो सकता है।
जांच में यह सामने आया
गैड़ास बुजुर्ग पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी ईटईरामपुर निवासी बाबूराजा ने बड़े खेल किए। अपनी पहचान स्थापित करने के लिए बैंक पासबुक, वोटर आईडी, आधार कार्ड और पैन कार्ड जैसे कुल छह दस्तावेज भी प्रस्तुत किए थे। इनमें कई महत्वपूर्ण जानकारी पुराने दस्तावेज से मेल नहीं खाती थी। पुलिस ने सभी दस्तावेज को साक्ष्य के रूप में जब्त कर लिया है।
हो रही है जांच
सीओ उतरौला के आदेश पर दो पासपोर्ट बनाने के मामले की जांच के बाद बाबूराजा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। मामले की जांच उपनिरीक्षक रमेश चंद्र उपाध्याय को सौंपी गई है। अभी कई तथ्य सामने आएंगे। हर स्तर पर जांच हो रही है।
-शरद अवस्थी, प्रभारी थानाध्यक्ष
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पासपोर्ट से जुड़ी बड़ी जालसाजी का मामला सामने आया है। लखनऊ स्थित पासपोर्ट कार्यालय ने दस्तावेज के सत्यापन किए तो पूरा खेल पकड़ में आ गया। जांच में पता चला कि मुंबई में शटरिंग के व्यवसायी बाबूराजा ने पूर्व में बनाए गए पासपोर्ट को छुपाकर दूसरा पासपोर्ट बनवा लिया। उपनिरीक्षक राजकुमार चौधरी ने जांच के बाद पासपोर्ट अधिनियम 1967 के साथ ही धोखाधड़ी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
जांच अधिकारी ने बताया कि पासपोर्ट कार्यालय की ओर से आए पत्र में बताया गया कि बाबूराजा के नाम पर वर्ष 2011 में पासपोर्ट (नंबर 5517861) जारी किया गया। वर्ष 2016 में उसने नया पासपोर्ट(नंबर 6767020) बनवा लिया। पहला पासपोर्ट बाबूराजा ने मुंबई के पते पर बनवाया। दूसरा उसने ईटईरामपुर क्षेत्र के गैड़ास बुजुर्ग के पते से बनाया, जहां का वह मूल निवासी है। दोनों पासपोर्ट के दस्तावेज और पहचान पत्रों की जांच में पता चला कि बाबूराज ने नए पासपोर्ट में कई जानकारी बदल दी। उसने पूर्व में जारी पासपोर्ट का भी कहीं उल्लेख नहीं किया। जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि विदेश यात्रा के दौरान उपयोग के लिए उसने 2011 में पहला पासपोर्ट बनवाया था, लेकिन 2016 में वह नए पते और बदले व्यक्तिगत विवरणों के आधार पर दूसरा पासपोर्ट बनवाने में सफल हो गया।
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इन विवरणों
में मिली गड़बड़ी
जांच में पता चला कि बाबूराज ने व्यक्तिगत विवरण ही बदल दिए। पुराने पासपोर्ट में दर्ज पिता का नाम अलग था, जबकि नए पासपोर्ट में दूसरी जानकारी दी गई। पत्नी का नाम, जन्म तिथि और निवास स्थल भी दोनों दस्तावेज में भिन्न मिले। वोटर आईडी और अन्य पहचानपत्रों में भी यही अंतर मिला। जांच टीम ने माना कि इतनी बड़ी संख्या में विवरण बदलकर पासपोर्ट बनाना अपराध है। यह सुनियोजित साजिश का हिस्सा भी हो सकता है।
जांच में यह सामने आया
गैड़ास बुजुर्ग पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी ईटईरामपुर निवासी बाबूराजा ने बड़े खेल किए। अपनी पहचान स्थापित करने के लिए बैंक पासबुक, वोटर आईडी, आधार कार्ड और पैन कार्ड जैसे कुल छह दस्तावेज भी प्रस्तुत किए थे। इनमें कई महत्वपूर्ण जानकारी पुराने दस्तावेज से मेल नहीं खाती थी। पुलिस ने सभी दस्तावेज को साक्ष्य के रूप में जब्त कर लिया है।
हो रही है जांच
सीओ उतरौला के आदेश पर दो पासपोर्ट बनाने के मामले की जांच के बाद बाबूराजा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। मामले की जांच उपनिरीक्षक रमेश चंद्र उपाध्याय को सौंपी गई है। अभी कई तथ्य सामने आएंगे। हर स्तर पर जांच हो रही है।
-शरद अवस्थी, प्रभारी थानाध्यक्ष