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Banda News: रेलवे कर्मियों की लापरवाही से पेट्रोल वैगन के ढक्कन पर लगी आग
संवाद न्यूज एजेंसी, बांदा
Updated Fri, 19 Sep 2025 12:52 AM IST
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- ज्वाला विकराल होती तो लिख जाती कभी न भूलने वाली इबारत
संवाद न्यूज एजेंसी
बांदा। रेलवे अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही एक ऐसी इबारत लिख देती, जिसे रेलवे के इतिहास में कभी भुलाया नहीं जा सकता था। पेट्रोल से भरे 50 वैगनों के नीचे पटरी कटिंग का कार्य न सिर्फ रेल अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है बल्कि रेल कर्मचारियों की संवेदनहीनता को भी दर्शाता है। रेलवे की इलेक्ट्रिक लाइन से किसी प्रकार का शार्ट सर्किट नहीं हुआ, इस बात का दावा रेलवे अधिकारी खुद कर रहे हैं। इशारा कटर मशीन से काटी जा रही पटरी की चिंगारी की तरफ था।
रेल अधिकारियों ने नाम न छापने के आग्रह पर बताया कि सात बजकर 35 मिनट पर कानपुर के भीमसेन स्टेशन से चलकर 50 पेट्रोल वैगनों को लेकर मालगाड़ी बांदा स्टेशन पर आई। प्लेटफार्म नंबर एक और दो का ट्रैक खाली था। सुबह के समय रेलवे कर्मचारी कटर मशीन लेकर ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी के पास पहुंचे। वहां पर पेट्रोल वैगन के नीचे पटरी के टुकड़ों को काटने का काम शुरू कर दिया। पटरी काटने का काम करते-करते कटर मशीन से निकली चिंगारी पेट्रोल वैगन की छत पर पहुंच गई और टैंकर के ढक्कन को आग ने घेरे में ले लिया। यात्रियों ने शोर मचाया तो रेल कर्मचारियों की नजर पड़ी और आनन फानन कर्मचारी फायर सिलिंडर लेकर दौड़े और आग पर काबू पाया।
किसकी इजाजत से हो रहा था पटरी कटिंग का काम
पेट्रोल वैगन में आग लगने की घटना के बाद कोई भी अधिकारी जवाबदेह नहीं था। सब अपनी-अपनी कमजोरी को छिपाने का प्रयास कर रहे थे। आग कैसे लगी, इस बात पर किसी भी रेल अधिकारी ने कोई जवाब नहीं दिया। पटरी कटिंग का कार्य किस रेल अधिकारी के निर्देश पर किया जा रहा था, इस बारे में भी चुप्पी साधे रहे। पटरी काट रहे कर्मचारियों ने कहा कि साहब के निर्देश पर पटरी कटिंग का कार्य कर रहे थे।
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आग नहीं लगी, चिंगारी जो दिखी, उसे फायर सिलिंडर से बुझा दिया गया। संबंधित पेट्रोल वैगन और पूरी मालगाड़ी को चेक करने के बाद ही आगे के लिए रवाना किया जाएगा।
- मनोज कुमार सिंह, पीआरओ, रेलवे झांसी

संवाद न्यूज एजेंसी
बांदा। रेलवे अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही एक ऐसी इबारत लिख देती, जिसे रेलवे के इतिहास में कभी भुलाया नहीं जा सकता था। पेट्रोल से भरे 50 वैगनों के नीचे पटरी कटिंग का कार्य न सिर्फ रेल अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है बल्कि रेल कर्मचारियों की संवेदनहीनता को भी दर्शाता है। रेलवे की इलेक्ट्रिक लाइन से किसी प्रकार का शार्ट सर्किट नहीं हुआ, इस बात का दावा रेलवे अधिकारी खुद कर रहे हैं। इशारा कटर मशीन से काटी जा रही पटरी की चिंगारी की तरफ था।
रेल अधिकारियों ने नाम न छापने के आग्रह पर बताया कि सात बजकर 35 मिनट पर कानपुर के भीमसेन स्टेशन से चलकर 50 पेट्रोल वैगनों को लेकर मालगाड़ी बांदा स्टेशन पर आई। प्लेटफार्म नंबर एक और दो का ट्रैक खाली था। सुबह के समय रेलवे कर्मचारी कटर मशीन लेकर ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी के पास पहुंचे। वहां पर पेट्रोल वैगन के नीचे पटरी के टुकड़ों को काटने का काम शुरू कर दिया। पटरी काटने का काम करते-करते कटर मशीन से निकली चिंगारी पेट्रोल वैगन की छत पर पहुंच गई और टैंकर के ढक्कन को आग ने घेरे में ले लिया। यात्रियों ने शोर मचाया तो रेल कर्मचारियों की नजर पड़ी और आनन फानन कर्मचारी फायर सिलिंडर लेकर दौड़े और आग पर काबू पाया।
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किसकी इजाजत से हो रहा था पटरी कटिंग का काम
पेट्रोल वैगन में आग लगने की घटना के बाद कोई भी अधिकारी जवाबदेह नहीं था। सब अपनी-अपनी कमजोरी को छिपाने का प्रयास कर रहे थे। आग कैसे लगी, इस बात पर किसी भी रेल अधिकारी ने कोई जवाब नहीं दिया। पटरी कटिंग का कार्य किस रेल अधिकारी के निर्देश पर किया जा रहा था, इस बारे में भी चुप्पी साधे रहे। पटरी काट रहे कर्मचारियों ने कहा कि साहब के निर्देश पर पटरी कटिंग का कार्य कर रहे थे।
आग नहीं लगी, चिंगारी जो दिखी, उसे फायर सिलिंडर से बुझा दिया गया। संबंधित पेट्रोल वैगन और पूरी मालगाड़ी को चेक करने के बाद ही आगे के लिए रवाना किया जाएगा।
- मनोज कुमार सिंह, पीआरओ, रेलवे झांसी