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Banda News: दहशत के वो सात मिनट...और बुझ गई आग
संवाद न्यूज एजेंसी, बांदा
Updated Fri, 19 Sep 2025 12:51 AM IST
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फोटो- 20 बांदा रेलवे स्टेशन में मेन ट्रैक पर खड़ी पेट्रोल वैगन की मालगाड़ी। संवाद
- फोटो : सिविल लाइन स्थित एक होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में मौजूद शरद पाठक बाबा व दियरा राज परिवार से जुड़े लोग।
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- आग बुझने के बाद पसीना-पसीना नजर आए यात्री और रेल अधिकारी व कर्मचारी
संवाद न्यूज एजेंसी
बांदा। पीआरओ झांसी रेलवे मनोज कुमार सिंह ने पेट्रोल वैगन में आग लगने की घटना से साफ इन्कार किया है। जबकि पटरी कटिंग से निकली चिंगारी से पेट्रोल वैगन की छत पर ढक्कन को आग ने अपने घेरे में ले लिया था। करीब नौ बजकर 45 मिनट पर आग लगी और नौ बजकर 52 मिनट पर सीज फायर सिलिंडरों के जरिए आग पर काबू पा लिया गया।
पेट्रोल वैगन की छत पर पाउडर भी पड़ा पाया मिला। इससे यह स्पष्ट होता है कि पेट्रोल वैगन के ढक्कन में ही आग लगी थी। हालांकि प्रत्यक्षदर्शी यात्रियों ने भी आग लगने की बात बताई। वहीं रेल कर्मचारी बिना किसी खौफ के पेट्रोल वैगन की छत पर चढ़ गए थे और आग पर काबू पाया।
आग बुझाने में सात मिनट का समय गुजरा, लेकिन सात मिनट में रेल यात्रियों और रेल कर्मचारियों के अंदर जो दहशत थी, वह आग बुझने के बाद स्पष्ट नजर आ रही थी। न सिर्फ यात्री बल्कि रेल कर्मचारी और मौके पर पहुंचे अधिकारी भी पसीना-पसीना नजर आ रहे थे।
घटनाक्रम एक नजर में
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- 7 बजकर 35 मिनट पर 50 पेट्रोल वैगन मालगाड़ी बांदा मेन लाइन पर रुकी।
- करीब नौ बजे रेल कर्मचारी कटर मशीन लेकर पटरी काटने पहुंचे।
- करीब 9 बजकर 45 मिनट पर पेट्रोल वैगन की छत पर ढक्कन को आग ने घेरे में लिया।
- 9 बजकर 47 मिनट पर पेट्रोल वैगन में आग जलती देखकर यात्रियों में मची भगदड़।
- 9 बजकर 52 मिनट पर रेल कर्मचारियों ने फायर सिलिंडरों के जरिए आग बुझाई।
- 10 बजे रेल अधिकारी व कर्मचारी ब्रिज के समीप विद्युत कार्यालय के सामने वैगन के पास पहुंचे।
- डेढ़ बजे तक रेल अधिकारी और कर्मचारी मौके पर मौजूद रहकर जांच-पड़ताल करते रहे।
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डबल इंजन और गार्ड के दो ब्रेक यान
कानपुर के भीमसेन रेलवे स्टेशन से रसूलपुर गोगमऊ के लिए जा रही 50 पेट्रोल वैगनों से भरी मालगाड़ी सुबह सात बजकर 35 मिनट पर रेलवे स्टेशन पहुंची थी। इस मालगाड़ी में दो इंजन लगाए गए थे। इसके साथ ही दो ब्रेक यान भी लगाए गए थे। एक ब्रेक यान मालगाड़ी में सबसे पीछे लगा हुआ था, जबकि दूसरा ब्रेक यान इंजन के बाद लगा हुआ था। ऐसा इसलिए किया जाता है कि इंजन से निकलने वाली चिंगारी से किसी तरह का नुकसान न हो।
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इलेक्ट्रिक लाइन बांदा में 20 मिनट के लिए कराई बंद
रेल अधिकारियों को इस बात का शक था कि इलेक्ट्रिक इंजन संचालन के लिए खींची गई इलेक्ट्रिक लाइन से तो कहीं चिंगारी नहीं निकली। आग बुझने के बाद मौके पर पहुंचे स्टेशन प्रबंधक, रेलवे टीआई, सहायक स्टेशन प्रबंधक और अन्य विभागों के अफसरों ने लाइन का ब्लाक लिया। करीब एक बजे ब्लॉक लेने के बाद विभाग के कर्मचारी पेट्रोल वैगन के ऊपर चढ़े। हाथ से छूकर लाइन को चेक किया। बारीकी से देखा कि कहीं कोई कमी नजर नहीं आई। इस दौरान करीब 20 मिनट तक बांदा-मानिकपुर रूट पर बांदा रेलवे स्टेशन की लाइन बंद रही।
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फायर ब्रिगेड को 9:50 पर मिनी सूचना
फायर स्टेशन आफिसर कुलदीप कुमार ने बताया कि आरपीएफ के सिपाही राजाराम ने उन्हें 9ः50 पर मालगाड़ी के पेट्रोल वैगन में आग लगने की सूचना दी। तत्काल दमकल वाहन भेजने की बात कही। फौरी तौर पर उन्होंने तत्काल फायर बुलेट को रवाना किया। इसके साथ ही पांच मिनट के भीतर ही दमकल की बड़ी गाड़ी लेकर कर्मचारी रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हो गए। एफएसओ ने बताया कि आग को फायर सिलिंडरों के जरिए बुझा लिया गया।
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अधिकारियों ने साधी चुप्पी, देर शाम तक बनाते रहे रिपोर्ट
बांदा। कानपुर के भीमसेन स्टेशन से चलकर रसूलपुर गोगमऊ जाने वाली मालगाड़ी के पेट्रोल वैगन में लगी आग बुझने के बाद रेल अधिकारियों के माथे पर पसीना नजर आया। घटना के बाद शाम तक रेल अधिकारी घटनाक्रम की रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजने की परेशानी से जूझते नजर आए।
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50 वैगनों में था 32 लाख 50 हजार लीटर पेट्रोल
बांदा। कानपुर के भीमसेन स्टेशन से चलकर रसूलपुर गोगमऊ जाने वाली मालगाड़ी में पेट्रोल के 50 वैगन लगे थे। एक वैगन में 65 हजार लीटर पेट्रोल था। इस तरह से 50 वैगनों में 32 लाख 50 हजार लीटर पेट्रोल की खेप रसूलपुर ले जाई जा रही थी। जिस वैगन में पटरी कटिंग से निकली चिंगारी से आग लगी, अगर उस पर काबू न पाया जाता, तो हालात बेकाबू भी हो सकते थे। अगर एक वैगन में आग लगने के बाद विस्फोट होता तो सभी वैगनों पर इसका असर पड़ सकता था। कुल मिलाकर रेलवे कर्मियों की लापरवाही से एक बहुत बड़ा हादसा हो सकता था।

संवाद न्यूज एजेंसी
बांदा। पीआरओ झांसी रेलवे मनोज कुमार सिंह ने पेट्रोल वैगन में आग लगने की घटना से साफ इन्कार किया है। जबकि पटरी कटिंग से निकली चिंगारी से पेट्रोल वैगन की छत पर ढक्कन को आग ने अपने घेरे में ले लिया था। करीब नौ बजकर 45 मिनट पर आग लगी और नौ बजकर 52 मिनट पर सीज फायर सिलिंडरों के जरिए आग पर काबू पा लिया गया।
पेट्रोल वैगन की छत पर पाउडर भी पड़ा पाया मिला। इससे यह स्पष्ट होता है कि पेट्रोल वैगन के ढक्कन में ही आग लगी थी। हालांकि प्रत्यक्षदर्शी यात्रियों ने भी आग लगने की बात बताई। वहीं रेल कर्मचारी बिना किसी खौफ के पेट्रोल वैगन की छत पर चढ़ गए थे और आग पर काबू पाया।
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आग बुझाने में सात मिनट का समय गुजरा, लेकिन सात मिनट में रेल यात्रियों और रेल कर्मचारियों के अंदर जो दहशत थी, वह आग बुझने के बाद स्पष्ट नजर आ रही थी। न सिर्फ यात्री बल्कि रेल कर्मचारी और मौके पर पहुंचे अधिकारी भी पसीना-पसीना नजर आ रहे थे।
घटनाक्रम एक नजर में
- 7 बजकर 35 मिनट पर 50 पेट्रोल वैगन मालगाड़ी बांदा मेन लाइन पर रुकी।
- करीब नौ बजे रेल कर्मचारी कटर मशीन लेकर पटरी काटने पहुंचे।
- करीब 9 बजकर 45 मिनट पर पेट्रोल वैगन की छत पर ढक्कन को आग ने घेरे में लिया।
- 9 बजकर 47 मिनट पर पेट्रोल वैगन में आग जलती देखकर यात्रियों में मची भगदड़।
- 9 बजकर 52 मिनट पर रेल कर्मचारियों ने फायर सिलिंडरों के जरिए आग बुझाई।
- 10 बजे रेल अधिकारी व कर्मचारी ब्रिज के समीप विद्युत कार्यालय के सामने वैगन के पास पहुंचे।
- डेढ़ बजे तक रेल अधिकारी और कर्मचारी मौके पर मौजूद रहकर जांच-पड़ताल करते रहे।
डबल इंजन और गार्ड के दो ब्रेक यान
कानपुर के भीमसेन रेलवे स्टेशन से रसूलपुर गोगमऊ के लिए जा रही 50 पेट्रोल वैगनों से भरी मालगाड़ी सुबह सात बजकर 35 मिनट पर रेलवे स्टेशन पहुंची थी। इस मालगाड़ी में दो इंजन लगाए गए थे। इसके साथ ही दो ब्रेक यान भी लगाए गए थे। एक ब्रेक यान मालगाड़ी में सबसे पीछे लगा हुआ था, जबकि दूसरा ब्रेक यान इंजन के बाद लगा हुआ था। ऐसा इसलिए किया जाता है कि इंजन से निकलने वाली चिंगारी से किसी तरह का नुकसान न हो।
इलेक्ट्रिक लाइन बांदा में 20 मिनट के लिए कराई बंद
रेल अधिकारियों को इस बात का शक था कि इलेक्ट्रिक इंजन संचालन के लिए खींची गई इलेक्ट्रिक लाइन से तो कहीं चिंगारी नहीं निकली। आग बुझने के बाद मौके पर पहुंचे स्टेशन प्रबंधक, रेलवे टीआई, सहायक स्टेशन प्रबंधक और अन्य विभागों के अफसरों ने लाइन का ब्लाक लिया। करीब एक बजे ब्लॉक लेने के बाद विभाग के कर्मचारी पेट्रोल वैगन के ऊपर चढ़े। हाथ से छूकर लाइन को चेक किया। बारीकी से देखा कि कहीं कोई कमी नजर नहीं आई। इस दौरान करीब 20 मिनट तक बांदा-मानिकपुर रूट पर बांदा रेलवे स्टेशन की लाइन बंद रही।
फायर ब्रिगेड को 9:50 पर मिनी सूचना
फायर स्टेशन आफिसर कुलदीप कुमार ने बताया कि आरपीएफ के सिपाही राजाराम ने उन्हें 9ः50 पर मालगाड़ी के पेट्रोल वैगन में आग लगने की सूचना दी। तत्काल दमकल वाहन भेजने की बात कही। फौरी तौर पर उन्होंने तत्काल फायर बुलेट को रवाना किया। इसके साथ ही पांच मिनट के भीतर ही दमकल की बड़ी गाड़ी लेकर कर्मचारी रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हो गए। एफएसओ ने बताया कि आग को फायर सिलिंडरों के जरिए बुझा लिया गया।
अधिकारियों ने साधी चुप्पी, देर शाम तक बनाते रहे रिपोर्ट
बांदा। कानपुर के भीमसेन स्टेशन से चलकर रसूलपुर गोगमऊ जाने वाली मालगाड़ी के पेट्रोल वैगन में लगी आग बुझने के बाद रेल अधिकारियों के माथे पर पसीना नजर आया। घटना के बाद शाम तक रेल अधिकारी घटनाक्रम की रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजने की परेशानी से जूझते नजर आए।
50 वैगनों में था 32 लाख 50 हजार लीटर पेट्रोल
बांदा। कानपुर के भीमसेन स्टेशन से चलकर रसूलपुर गोगमऊ जाने वाली मालगाड़ी में पेट्रोल के 50 वैगन लगे थे। एक वैगन में 65 हजार लीटर पेट्रोल था। इस तरह से 50 वैगनों में 32 लाख 50 हजार लीटर पेट्रोल की खेप रसूलपुर ले जाई जा रही थी। जिस वैगन में पटरी कटिंग से निकली चिंगारी से आग लगी, अगर उस पर काबू न पाया जाता, तो हालात बेकाबू भी हो सकते थे। अगर एक वैगन में आग लगने के बाद विस्फोट होता तो सभी वैगनों पर इसका असर पड़ सकता था। कुल मिलाकर रेलवे कर्मियों की लापरवाही से एक बहुत बड़ा हादसा हो सकता था।
फोटो- 20 बांदा रेलवे स्टेशन में मेन ट्रैक पर खड़ी पेट्रोल वैगन की मालगाड़ी। संवाद- फोटो : सिविल लाइन स्थित एक होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में मौजूद शरद पाठक बाबा व दियरा राज परिवार से जुड़े लोग।
फोटो- 20 बांदा रेलवे स्टेशन में मेन ट्रैक पर खड़ी पेट्रोल वैगन की मालगाड़ी। संवाद- फोटो : सिविल लाइन स्थित एक होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में मौजूद शरद पाठक बाबा व दियरा राज परिवार से जुड़े लोग।
फोटो- 20 बांदा रेलवे स्टेशन में मेन ट्रैक पर खड़ी पेट्रोल वैगन की मालगाड़ी। संवाद- फोटो : सिविल लाइन स्थित एक होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में मौजूद शरद पाठक बाबा व दियरा राज परिवार से जुड़े लोग।