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Barabanki News: बाराबंकी का आम बनेगा खास, मैंगो पैक हाउस से विदेशों तक पहुंचेगा
संवाद न्यूज एजेंसी, बाराबंकी
Updated Fri, 19 Dec 2025 01:48 AM IST
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बाराबंकी। भारी पैदावार के बावजूद सुरक्षित भंडारण और पैकेजिंग के अभाव में पिछड़ने वाला बाराबंकी का आम अब नई पहचान हासिल करेगा। जिले के रामसनेहीघाट क्षेत्र में मैंगो पैक हाउस की स्थापना की पहल शुरू हो चुकी है। दरियाबाद के विधायक व राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर इसका विस्तृत प्रस्ताव सौंपा है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस पर मंजूरी की मुहर लग सकती है, जिससे बाराबंकी का आम देश ही नहीं, विदेश में भी अपनी मिठास से लोगों में खास पहचान बनाएगा।
कभी दशहरी के नाम पर मलिहाबाद की गूंज हुआ करती थी, लेकिन वक्त बदला और अब बाराबंकी का आम खुद अपनी खुशबू से पहचान बना रहा है। याकूती, हुस्नआरा, गुलाबखास, मालदा और फजली जैसी किस्में आज लोगों पसंद बन चुकी हैं। इन किस्मों के दाम 300 से 600 रुपये प्रति किलो तक होते हैं। दशहरी, आम्रपाली, चौसा, लंगड़ा, अलफांसो तक का स्वाद मौजूद है। राज्य मंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया कि आम बाराबंकी की प्रमुख नगदी फसल है, जिसकी खेती हजारों किसानों द्वारा की जा रही है और इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। फिलहाल बाराबंकी का आम लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, बिहार और दिल्ली जैसे बाजारों में भेजा जाता है, लेकिन मौसम की मार, भंडारण की कमी और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पैकेजिंग न होने से गुणवत्ता और सेल्फ लाइफ प्रभावित होती है। इसी वजह से किसान निर्यात नहीं कर पाते और उन्हें बिचौलियों पर निर्भर रहना पड़ता है। उन्होंने रामसनेहीघाट क्षेत्र में मैंगो पैक हाउस की स्थापना के लिए जमीन का प्रस्ताव दिया है।
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अंतरराष्ट्रीय मानकों पर परखा जा चुका आम
दो साल पहले रहमानखेड़ा स्थित मैंगो हाउस तक जब जापान का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा, तो उन्होंने बाराबंकी के आमों को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर परखा। गुणवत्ता से संतुष्ट होकर एक्सपोर्ट अप्रूवल भी दिया गया। इसके बाद याकूती और गुलाबखास जैसी किस्में टोक्यो और न्यूजीलैंड की दुकानों तक पहुंचीं। हालांकि, सीमित सुविधाओं के कारण ज्यादा कुछ नहीं हो सका।
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अंतरराष्ट्रीय बाजार से जुड़ेंगे किसान
रामसनेहीघाट में मैंगों पैक हाउस स्थापित होने से अयोध्या जिले के किसानों को भी बड़ा लाभ मिलेगा। आधुनिक पैकेजिंग, ग्रेडिंग और कोल्ड चेन सुविधा मिलने से किसान सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजार से जुड़ सकेंगे। मुख्यमंत्री ने इसके प्रति आश्वासन दिया है।
- सतीश चंद्र शर्मा, राज्यमंत्री
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कभी दशहरी के नाम पर मलिहाबाद की गूंज हुआ करती थी, लेकिन वक्त बदला और अब बाराबंकी का आम खुद अपनी खुशबू से पहचान बना रहा है। याकूती, हुस्नआरा, गुलाबखास, मालदा और फजली जैसी किस्में आज लोगों पसंद बन चुकी हैं। इन किस्मों के दाम 300 से 600 रुपये प्रति किलो तक होते हैं। दशहरी, आम्रपाली, चौसा, लंगड़ा, अलफांसो तक का स्वाद मौजूद है। राज्य मंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया कि आम बाराबंकी की प्रमुख नगदी फसल है, जिसकी खेती हजारों किसानों द्वारा की जा रही है और इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। फिलहाल बाराबंकी का आम लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, बिहार और दिल्ली जैसे बाजारों में भेजा जाता है, लेकिन मौसम की मार, भंडारण की कमी और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पैकेजिंग न होने से गुणवत्ता और सेल्फ लाइफ प्रभावित होती है। इसी वजह से किसान निर्यात नहीं कर पाते और उन्हें बिचौलियों पर निर्भर रहना पड़ता है। उन्होंने रामसनेहीघाट क्षेत्र में मैंगो पैक हाउस की स्थापना के लिए जमीन का प्रस्ताव दिया है।
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अंतरराष्ट्रीय मानकों पर परखा जा चुका आम
दो साल पहले रहमानखेड़ा स्थित मैंगो हाउस तक जब जापान का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा, तो उन्होंने बाराबंकी के आमों को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर परखा। गुणवत्ता से संतुष्ट होकर एक्सपोर्ट अप्रूवल भी दिया गया। इसके बाद याकूती और गुलाबखास जैसी किस्में टोक्यो और न्यूजीलैंड की दुकानों तक पहुंचीं। हालांकि, सीमित सुविधाओं के कारण ज्यादा कुछ नहीं हो सका।
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अंतरराष्ट्रीय बाजार से जुड़ेंगे किसान
रामसनेहीघाट में मैंगों पैक हाउस स्थापित होने से अयोध्या जिले के किसानों को भी बड़ा लाभ मिलेगा। आधुनिक पैकेजिंग, ग्रेडिंग और कोल्ड चेन सुविधा मिलने से किसान सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजार से जुड़ सकेंगे। मुख्यमंत्री ने इसके प्रति आश्वासन दिया है।
- सतीश चंद्र शर्मा, राज्यमंत्री
