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Barabanki News: निरीक्षण में बीमार मिला अस्पताल, स्ट्रेचर पर इलाज
संवाद न्यूज एजेंसी, बाराबंकी
Updated Fri, 19 Sep 2025 01:32 AM IST
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बाराबंकी। अचानक निरीक्षण पर पहुंचे डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक को जिला अस्पताल एकबार फिर बीमार मिला। बेड फुल हो जाने के कारण इमरजेंसी में मरीजों का इलाज स्ट्रेचर पर होता मिला। परिसर में जलभराव और बेतरतीब खड़े वाहनों को देख भड़के डिप्टी सीएम ने कार्यदायी संस्था का एक दिन का भुगतान रोकने व तैनात सफाई कर्मियों के वेतन की कटौती का निर्देश दिया। फार्मासिस्ट के खिलाफ मिली लापरवाही बरतने व पैसा मांगने की शिकायत पर आरोपी को हटाने तथा पूरे मामले की जांच कराने का आदेश भी सीएमओ को दिया।
डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृहस्पतिवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे अचानक जिला अस्पताल पहुंचे और सेवा पखवाड़ा सप्ताह के तहत भाजयुमो द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में हिस्सेदारी की। रक्तदान कर रहे कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन करते हुए अस्पताल में लगे आरओ का पानी पीकर उसकी गुणवत्ता को भी परखा। इसके बाद परिसर स्थित ब्लड कलेक्शन सेंटर का निरीक्षण का साफ-सफाई बेहतर कराने का निर्देश दिया।
परिसर में जलभराव देख नाराजगी जताते हुए कहा कि इससे बीमारियों का इलाज करने की जगह उन्हें बढ़ावा मिल रहा है। इस समस्या का समाधान प्राथमिकता पर कराएं। परिसर में खड़ी बेतरतीब और पुरानी एंबुलेंस खड़ी देख, उसे नीलाम कराने और जलभराव वाले स्थानों पर इंटरलॉकिंग कराने का निर्देश भी दिया।
इमरजेंसी में स्ट्रेचर पर मरीजों को इलाज होता देख उन्होंने मौजूद सीएमएस डॉ. जेपी मौर्य से सख्त नाराजगी जताई। वार्ड में भर्ती अखिलेश से बातचीत कर उसका आपरेशन जल्दी करवाने का भरोसा दिलाया। इस दौरान मिले बुखार पीड़ित गौरी प्रसाद, रामादेवी और प्रियंका तथा मोहित की दोबारा जांच कराकर बेहतर इलाज कराने के लिए कहा।
इस बीच एक तीमारदार ने फार्मासिस्ट जेपी नायर पर पैसा लेने और बाहर से दवाएं लिखने की शिकायत की। डिप्टी सीएम ने फार्मासिस्ट को तत्काल प्रभाव से पटल से हटाते हुए सीएमओ डॉ. अवधेश यादव को पूरे मामले की जांच कराने का आदेश दिया।
निरीक्षण के बाद हुई बातचीत में डिप्टी सीएम ने बताया कि एक्सरे टेक्नीशियन ही नहीं 2017 से पहले स्वास्थ्य विभाग में जितनी भर्तियां हुई हैं उन सभी की जांच कराई जा रही है। कहा कि भर्ती में गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
ऐसे लोगों के खिलाफ सीधे मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई होगी। इसके साथ ही 1700 ऐसे चिकित्सकाें के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है, जो अस्पताल नहीं आते थे। बाहर से दवाएं लिखने वाले डॉक्टरों को भी चिह्नित करते हुए कार्रवाई के घेरे में लाया जाएगा।
डिप्टी सीएम का यह जिला अस्पताल का चौथा निरीक्षण है। इसके बावजूद व्यवस्थाओं में कुछ सुधार नहीं मिला। न तो अस्पताल में व्याप्त विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी दूर हुई न ही हृदयरोग का कोई डॉक्टर अब तक मिला है। रेडियोलॉजिस्ट का पद भी खाली होने से अल्ट्रासाउंड जांच प्रशिक्षुओं के भरोसे चल रही है।

डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृहस्पतिवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे अचानक जिला अस्पताल पहुंचे और सेवा पखवाड़ा सप्ताह के तहत भाजयुमो द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में हिस्सेदारी की। रक्तदान कर रहे कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन करते हुए अस्पताल में लगे आरओ का पानी पीकर उसकी गुणवत्ता को भी परखा। इसके बाद परिसर स्थित ब्लड कलेक्शन सेंटर का निरीक्षण का साफ-सफाई बेहतर कराने का निर्देश दिया।
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परिसर में जलभराव देख नाराजगी जताते हुए कहा कि इससे बीमारियों का इलाज करने की जगह उन्हें बढ़ावा मिल रहा है। इस समस्या का समाधान प्राथमिकता पर कराएं। परिसर में खड़ी बेतरतीब और पुरानी एंबुलेंस खड़ी देख, उसे नीलाम कराने और जलभराव वाले स्थानों पर इंटरलॉकिंग कराने का निर्देश भी दिया।
इमरजेंसी में स्ट्रेचर पर मरीजों को इलाज होता देख उन्होंने मौजूद सीएमएस डॉ. जेपी मौर्य से सख्त नाराजगी जताई। वार्ड में भर्ती अखिलेश से बातचीत कर उसका आपरेशन जल्दी करवाने का भरोसा दिलाया। इस दौरान मिले बुखार पीड़ित गौरी प्रसाद, रामादेवी और प्रियंका तथा मोहित की दोबारा जांच कराकर बेहतर इलाज कराने के लिए कहा।
इस बीच एक तीमारदार ने फार्मासिस्ट जेपी नायर पर पैसा लेने और बाहर से दवाएं लिखने की शिकायत की। डिप्टी सीएम ने फार्मासिस्ट को तत्काल प्रभाव से पटल से हटाते हुए सीएमओ डॉ. अवधेश यादव को पूरे मामले की जांच कराने का आदेश दिया।
निरीक्षण के बाद हुई बातचीत में डिप्टी सीएम ने बताया कि एक्सरे टेक्नीशियन ही नहीं 2017 से पहले स्वास्थ्य विभाग में जितनी भर्तियां हुई हैं उन सभी की जांच कराई जा रही है। कहा कि भर्ती में गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
ऐसे लोगों के खिलाफ सीधे मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई होगी। इसके साथ ही 1700 ऐसे चिकित्सकाें के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है, जो अस्पताल नहीं आते थे। बाहर से दवाएं लिखने वाले डॉक्टरों को भी चिह्नित करते हुए कार्रवाई के घेरे में लाया जाएगा।
डिप्टी सीएम का यह जिला अस्पताल का चौथा निरीक्षण है। इसके बावजूद व्यवस्थाओं में कुछ सुधार नहीं मिला। न तो अस्पताल में व्याप्त विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी दूर हुई न ही हृदयरोग का कोई डॉक्टर अब तक मिला है। रेडियोलॉजिस्ट का पद भी खाली होने से अल्ट्रासाउंड जांच प्रशिक्षुओं के भरोसे चल रही है।