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UP: पूरब के बाद अब पश्चिम में जमने के लिए मैदान में उतरी ये पार्टी, इस समीकरण पर फोकस; इन्हें साधने का प्लान

पुष्पेंद्र कुमार त्रिपाठी, अमर उजाला, बरेली Published by: शाहरुख खान Updated Wed, 05 Nov 2025 10:39 AM IST
सार

बरेली से अपना दल-एस की सियासी रथयात्रा निकाली। अनुप्रिया पटेल पूरब के बाद अब पश्चिम में जमने के लिए मैदान में उतरीं हैं। ओबीसी समीकरण पर फोकस है। साथ ही पार्टी कुर्मी मतदाताओं के सहारे सियासी समीकरण साधने की तैयारी में जुटी है।

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Apna Dal Party Anupriya patel now seeks to establish herself in West After the East in Bareilly
अनुप्रिया पटेल, केंद्रीय मंत्री - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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पूर्वांचल की सियासत में अपनी मजबूत पैठ बना चुकी अपना दल-एस की निगाह अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासी जमीन पर है। अपना दल-एस ने तीन दशक की अपनी सियासी यात्रा के समारोह के लिए बरेली को चुना। 
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कुर्मी मतदाताओं वाले रुहेलखंड में पार्टी की आलाकमान अनुप्रिया पटेल और आशीष पटेल ने स्थापना दिवस समारोह के जरिये पार्टी के विस्तार का भी शंखनाद किया। समारोह में आए कार्यकर्ताओं के उत्साह को देख आशीष पटेल ने मंच से ही कहा भी कि बरेली में उमड़ी भीड़ पार्टी के लिए ऑक्सीजन का काम करेगी।
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उत्तर प्रदेश की सियासत का रुख काफी हद तक अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के मतदाताओं के मिजाज पर निर्भर करता है। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में अपना दल ने दो विधायकों के सहारे प्रदेश में सियासी सफर शुरू किया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में अपना दल के विधायकों की संख्या नौ हुई। 

मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में अपना दल-एस के 13 विधायक, एक एमएलसी और एक सांसद हैं। इसके साथ ही लगातार तीन बार से सांसद अनुप्रिया पटेल प्रदेश में ओबीसी की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले कुर्मी समाज की सबसे बड़ी नेता बन चुकी हैं।

कमेरा समाज की पार्टी कहलाने वाली अद-एस के बरेली में स्थापना दिवस को लेकर राजनीति के जानकारों का कहना है कि इसके पीछे की अहम वजह कुर्मी मतदाता हैं। बीते 36 वर्षों में पांच वर्ष को छोड़ दिया जाए तो कुर्मी मतदाताओं के बूते ही भाजपा ने बरेली लोकसभा क्षेत्र को अपना अजेय गढ़ बना रखा है। 

 

शफीक अहमद अंसारी अद-एस के सिंबल पर जीते
2023 में विधानसभा के उपचुनाव में बरेली के पड़ोसी जिले रामपुर के स्वार विधानसभा क्षेत्र से शफीक अहमद अंसारी को अद-एस के सिंबल पर जीत नसीब हुई थी। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में पश्चिम के कुर्मी मतदाता बहुल इलाकों में सियासी समीकरण को देख-समझ कर अद-एस अपने प्रत्याशी उतारने की मांग भाजपा से कर सकती है।

2012 के विधानसभा चुनाव से अब तक के चुनावों में उत्तर प्रदेश में अपना दल का सफलता का प्रतिशत बढ़ता ही चला आया है। अपना दल के मतदाता मूलत: कुर्मी समाज से हैं। बरेली में लंबे समय से कुर्मी समाज का राजनीतिक प्रतिनिधित्व है और मतदाताओं की भी अच्छी खासी संख्या है। इसे देखते हुए ही अपना दल ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में संगठन को विस्तार देने और राजनीतिक अवसर तलाशने के लिए स्थापना दिवस के समारोह के आयोजन के लिए बरेली को चुना। - प्रो. वंदना शर्मा, राजनीति विज्ञान विभाग, बरेली कॉलेज

आने वाले प्रत्येक चुनाव के लिए आज से तैयारियों का आह्वान
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने पत्रकारों से कहा कि आने वाले प्रत्येक चुनाव के लिए आज से हमारी तैयारियों का आह्वान है। हमने इस धारणा को तोड़ा है कि हमारी पार्टी एक सीमित क्षेत्र तक ही है। उत्तर प्रदेश में पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक सभी जिलों में हमारा संगठन बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है।

हम केंद्र और राज्य की सरकार में गठबंधन में हैं। उन्होंने कहा कि एसआईआर को लेकर विपक्ष के दल लोगों के बीच बेवजह भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं। इससे कुछ बिगड़ने वाला नहीं है, बल्कि हमारी चुनावी प्रक्रिया और मजबूत होगी।

 

कभी हम वोटकटवा कहे जाते थे, आज अपना दल यूपी की तीसरी बड़ी पार्टी
अपना दल को कभी वोटकटवा कहा जाता था। डॉ. सोनेलाल पटेल की विचारधारा को मानने वाले उनके कार्यकर्ताओं के संघर्ष, समर्पण और मेहनत की बदौलत आज हम उत्तर प्रदेश की तीसरी बड़ी पार्टी हैं। आज हम सभी यह संकल्प लेकर जाएं कि अपने बल से अपना दल को नंबर एक पार्टी बनाना है।

हर पिछड़े, शोषित और वंचित की उम्मीद का दीया जलाना है। यह बातें केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मंगलवार को अर्बन हाट के हॉल में अपना दल-एस के स्थापना दिवस पर कहीं।
अद-एस की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने कहा कि 4 नवंबर 1995 को स्थापित अपना दल को आज 30 साल पूरे हुए।
 

कार्यकर्ताओं के स्नेह ने एक छोटे पौधे को विशालकाय वृक्ष बना दिया। अपना दल ने हमेशा पिछड़े-वंचित समाज के दबे-कुचले लोगों की आवाज को बुलंद किया है। अब हम पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय की स्थापना कराने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
 

उधर, अद-एस के उपाध्यक्ष और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि बरेली में उमड़ी भीड़ ने हमारे लिए ऑक्सीजन का काम किया है। जल्द ही पार्टी सभी जिलाध्यक्षों और प्रभारियों को लखनऊ बुलाएगी। अगला स्थापना दिवस किसी हाॅल में नहीं बल्कि खुले मैदान में मनाया जाएगा।
 

कार्यक्रम का संचालन केके पटेल ने किया। अध्यक्षता अद-एस के प्रदेश अध्यक्ष जाटव आरपी गौतम ने की। आयोजन अद-एस के जिलाध्यक्ष एडवोकेट अनुज गंगवार के नेतृत्व में पार्टी की बरेली इकाई ने किया। 
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