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Bareilly News: हत्या के दोषी साधु को उम्रकैद, कोर्ट ने 25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया; पढ़ें पूरी वारदात

संवाद न्यूज एजेंसी, बरेली Published by: मुकेश कुमार Updated Wed, 10 Dec 2025 10:37 AM IST
सार

बरेली में अदालत ने हत्या के दोषी साधु को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उस पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। दोषी साधु ने साल 2014 में दूसरे साधु की हत्या कर दी थी। इसके बाद शव कुएं में फेंक दिया था।  

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court sentenced the monk to life imprisonment who was convicted of murder in Bareilly
जनपद न्यायालय,बरेली - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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बरेली में अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या नौ अविनाश कुमार सिंह ने शाही थाना क्षेत्र के गांव औरंगाबाद निवासी साधु बाबूराम गिरि की हत्या में दोषी अलीगंज थाना क्षेत्र के गांव पटपरागंज निवासी साधु चंदन गिरि उर्फ चंद्रपाल को आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। चंदन गिरि ने मंदिर की संपत्ति के विवाद में बाबूराम गिरि की हत्या कर शव मंदिर के पास कुएं में फेंक दिया था।

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औरंगाबाद निवासी रमेश चंद्र दिवाकर ने 17 फरवरी 2014 को बहेड़ी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसके अनुसार अखबार पढ़ने पर उसको पता लगा कि गांव के पास स्थित मंदिर के कुएं से छह फरवरी को पुलिस ने शव बरामद किया है। वह परिचितों के साथ थाने पहुंचा तो वहां मृतक के कपड़े-फोटो दिखाए गए। इससे पुष्ट हो गया कि शव उसके भाई बाबूराम का था।
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मंदिर से हटाने की रंजिश में की थी हत्या 
अविवाहित बाबूराम साधु बन गए थे। वह मंदिर पर ही रहते थे। वहां 27 जनवरी को भंडारा हुआ था। उसमें चंदन गिरि भी आया था। चंदन गिरि को गांव के लोगों ने मंदिर से हटा दिया था। वह किसी तरह दोबारा मंदिर पर आना चाहता था। इसी कारण वह बाबूराम से रंजिश मानता था। इसी रंजिश में चंदन ने बाबूराम की हत्या कर दी। 25 फरवरी को पुलिस ने चंदन को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। वहां से उसे जेल भेज दिया गया। 

जांच के बाद 26 जुलाई 2014 को पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी। अभियोजन की ओर से सुनवाई के दौरान नौ गवाह और 12 साक्ष्य पेश किए गए। मोबाइल सीडीआर समेत अन्य साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने चंदन गिरि को हत्या का दोषी करार देते हुए मंगलवार को सजा सुनाई।
 
मोबाइल फोन ने खोला राज, जुड़ती गईं कड़ियां 
विवेचना के दौरान पुलिस ने बाबूराम के मोबाइल फोन की जांच की तो पता लगा कि 11 फरवरी को बाबूराम का मोबाइल फोन पांच सेकंड के लिए चालू हुआ था। उसमें दूसरा सिमकार्ड डाला गया। जांच करते हुए पुलिस चंदन गिरि के भांजे धर्मेंद्र कश्यप तक पहुंची। धर्मेंद्र ने बताया कि उसके मामा चंदन गिरि ने उसे मोबाइल फोन दिया था। उसने चेक करने के लिए सिमकार्ड डाला था। इसके बाद कड़ियां जुड़ती गईं और पुलिस चंदन गिरि तक पहुंच गई।

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