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बीएलओ की मौत: नीरेंद्र चाचा... पापा घर कब आएंगे?, जुड़वा भाई-बहन के सवाल पर भर आईं आंखें, डीएम ने दिया दिलासा
संवाद न्यूज एजेंसी, बरेली
Published by: राहुल तिवारी
Updated Thu, 27 Nov 2025 10:53 PM IST
सार
बरेली में बीएलओ ड्यूटी के दौरान शिक्षक सर्वेश की हार्टअटैक से मौत के बाद जुड़वा बच्चों का दर्द सामने आया। परिवार में बच्चों की देखभाल ताई और चाचा कर रहे हैं। कई नेता संवेदना जताने पहुंचे। शिक्षक संगठन ने मुआवजे और सर्वेश के 28 लाख के होम लोन से राहत की मांग की। वहीं जिलाधिकारी पहुंचकर परिजनों को दिलासा दिलाया।
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पीड़ित परिवार से मिले जिलाधिकारी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
नीरेंद्र चाचा, हमारे पापा घर कब आएंगे...? इतने सारे लोग हमारे घर क्यों आ रहे हैं...? पांच वर्षीय जुड़वा भाई-बहन अहाना और अयांश के यह सवाल सुनकर बृहस्पतिवार को श्री कृष्णा होम कॉलोनी स्थित दिवंगत शिक्षक सर्वेश कुमार गंगवार के परिजनों की आंखें डबडबा जा गईं। नीरेंद्र खुद को संभालते हुए दोनों बच्चों से कह रहे थे कि तुम्हारे मम्मी-पापा को लाने गए हैं।
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भोजीपुरा ब्लॉक के परधौली स्थित प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत सहायक अध्यापक सर्वेश की बुधवार को बीएलओ ड्यूटी के दौरान हार्टअटैक से मौत हो गई थी। सर्वेश के बच्चों अहाना-अयांश की ताई व बेसिक शिक्षा विभाग की शिक्षिका शशिबाला ने रुंधे गले से कहा कि बच्चे कहते हैं कि जहां हमारी मम्मी प्रभा की फोटो पर माला चढ़ी है, वहीं पापा सर्वेश की फोटो भी लगेगी। इससे यह प्रतीत हुआ कि बच्चों ने जिस तरह तीन माह पहले अपनी मां का पार्थिव शरीर देखा था, उसी तरह से पिता का पार्थिव शरीर देखने के बाद उन्हें कुछ-कुछ तो समझ में आ गया है। शायद दोनों यह जान गए हैं कि अब उनके पापा घर नहीं आएंगे। फिर भी दोनों बच्चे ही तो हैं। उनके मन में कई सवाल हैं, लेकिन हमारे पास कोई जवाब नहीं है।
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परिवार में महिला सदस्यों में सिर्फ ताई
अहाना और अयांश के मामा दुष्यंत ने बताया कि सर्वेश के परिवार में मौजूदा समय में महिला सदस्यों में केवल बच्चों की ताई हैं। बच्चों की मां, नानी-दादी और एक चाची की मौत हो चुकी है। बच्चों को घर के पास ही एक स्कूल भेजा जा रहा था। दोनों का लगाव उनके नीरेंद्र चाचा से है, जो उनके साथ ही रहते हैं। तीन माह पहले बहन प्रभा के निधन के बाद से नीरेंद्र ही दोनों बच्चों का मां की तरह ध्यान रख रहे हैं।
शिक्षक नेता ने की मुआवजे की मांग
सर्वेश के निधन के बाद उनके दोनों बच्चों से मिलने के लिए बृहस्पतिवार को नेताओं का दिन भर आना-जाना लगा रहा। जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल, भाजपा सांसद छत्रपाल सिंह गंगवार, एमएलसी बहौरन लाल मौर्य और कांग्रेस व सपा के स्थानीय नेताओं ने पीड़ित परिजनों को ढांढस बंधाया। वहीं, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के कोषाध्यक्ष योगेश गंगवार ने कहा कि सर्वेश के बच्चों के लिए इस समय सबसे जरूरी मुआवजा मिलना है। बीते वर्ष चुनाव आयोग ने निर्वाचन कार्य के दौरान मरने वालों के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा देने के लिए कहा था। जिलाधिकारी ने चुनाव आयोग तक मुआवजे की मांग पहुंचाने की बात कही है। सर्वेश के ऊपर 28 लाख रुपये का होम लोन था, इसकी चिंता पूरे परिवार को है।
अफसर देंगे एक दिन का वेतन
सहायक अध्यापक सर्वेश कुमार गंगवार के घर पर बृहस्पतिवार को जिलाधिकारी अविनाश सिंह पहुंचे। सर्वेश के मासूम बच्चों अहाना और अयांश को देख कर जिलाधिकारी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के सभी अधिकारी एक दिन का वेतन जमा करेंगे, जो दोनों बच्चों के नाम पर फिक्स डिपॉजिट किया जाएगा। सर्वेश के छोटे भाई को संविदा पर नौकरी दी जाएगी, ताकि परिवार को आर्थिक सहारा मिल सके। जिलाधिकारी ने पीड़ित परिजनों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि यह दुख हम सबका है।
परिवार चिंता न करे, प्रशासन साथ खड़ा है। जिलाधिकारी ने कहा कि सर्वेश गंगवार न केवल एक जिम्मेदार शिक्षक थे, बल्कि बीएलओ के तौर पर अपना 46 प्रतिशत से अधिक काम पूरा कर चुके थे। इसलिए अधिकारियों द्वारा उन पर किसी प्रकार के दबाव का सवाल नहीं उठता। इस दौरान बीएसए विनीता और एसडीएम सदर प्रमोद कुमार भी मौजूद रहे।
48 घंटे के अंदर एक करोड़ की एफडी दें और नौकरी की करें घोषणा
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. केबी त्रिपाठी ने बृहस्पतिवार को कहा कि 48 घंटे के अंदर प्रशासन और शासन की ओर से बीएलओ सर्वेश कुमार गंगवार के बच्चों को एक करोड़ रुपये की एफडी दी जाए। उनके परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी की घोषणा की जाए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस आंदोलन शुरू करेगी और आमरण अनशन करेंगे। जिला और महानगर कांग्रेस कमेटी की ओर से बृहस्पतिवार को सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा गया।